"रिश्तों की कहानी"( पार्ट -१)
अजी सुनते हो?
हां बोलो रितिका की अम्मा
तुम तो मेरी बातें सुनते नहीं हो। सुना अनसुना कर देते हो।
हां बोलो, क्या कहने वाली हो।
हमारी रितिका बड़ी हो गई है।
हां, मुझे मालूम है।
तो उसके लिए अच्छा लड़का ढूंढो। लड़के हाथ से निकल रहें हैं। सब विदेश के चक्कर में रहते हैं।
हां ठीक है। अब मुझे अखबार पढ़ने दो।
अखबार में होता है क्या? राजकीय बातें, गुनाह खोरी और भ्रष्टाचार की बातें। मेरी बातें ठीक से सुनो।
ठीक है ठीक है। अखबार लातें है तो पढ़ना पड़ेगा। तुम तो कहती थी कि पढ़ने से ज्ञान बढ़ता है।
हां, अब मेरे ज्ञान की बातें सुनो। अखबार बंद कर लो और ध्यान से सुनो।
अच्छा! फिर से! जो कहना है जल्दी बोल दो।
हां, हमारी गली के नुक्कड़ में एक घर है।
वो मुझे मालूम है। आगे
हां, तो वहां मेरी जान पहचान वाली सहेली रहती है। उसका एक लड़का है नाम प्रतीक।
हां, आगे कहों
वह हमारे हाथ से निकल गया। मैं अपनी रितिका के बारे में सोचती थी। लड़का अच्छा है।
तो बात चलाओ, तुम्हारी सहेली है।
वहीं तो, मेरी सहेली के लड़के की कल सगाई हो गई।
ओह, अब हमें हमारी लड़की के लिए मेहनत करनी पड़ेगी।
अभी आगे सुनो। मेरी सहेली का खानदान पुराने खयालात के है।
अच्छा ही हुआ, वर्ना हमारी लड़की हेरान परेशान हो जाती।
अभी आगे सुनो, मेरी सहेली के लड़के की सगाई जिस लड़की से हुई है,वह नाबालिग है।
तो क्या हुआ? उनकी मर्जी। लड़की के माता पिता ने सोचकर ही सगाई की होगी। और तुम्हारी सहेली के सहमति से ही हुई होगी। हम कौन होते हैं किसीकी जिंदगी में दखल अंदाजी कर सके!
वोही तो मैं बताने जा रही हूं। लड़की नाबालिग है और नाबालिग की शादी करना गुनाह है।
लेकिन शादी तो नहीं हुई! अभी सगाई हुई है। और दोनों के मामले में पड़कर तुम्हें क्या मिलेगा?इसमें तुम परेशान क्यूं होती हो?
परेशानी तो होगी ही। हमारी लड़की शादी के योग्य हो गई है और अभी तक लड़का ढूंढ़ नहीं पा रहें। जो अच्छा लड़का है,वो इसी तरह से शादी कर लेता है। हमारी लड़की कुंवारी रह जायेंगी।
ऐसा कुछ नहीं होगा। हमारी लड़की को अच्छा लड़का मिलेगा।
अभी दूसरी बात बतानी है। मेरी सहेली इस रिश्ते से खुश नहीं हैं। अपने पति के दबाव में हां में हां मिला रही है और उसकी सास ससुर के कहने पर सगाई की है।
घर के बुजुर्गो ने जो निर्णय किया होगा वहीं अच्छा होगा। यह बात मुझे बताकर क्या कहना चाहती हो?
लेकिन सुना है प्रतीक भी इस रिश्ते से खुश नहीं हैं। पहले ही मेरी सहेली को बता दिया था कि नाबालिग से शादी नहीं करना चाहता।
लेकिन शादी कहां की है,सगाई की है। बालिग होने के बाद शादी करें।
वोही तो मैं बताने जा रही हूं। प्रतीक के दादाजी छ महीने में शादी करवाना चाहते हैं। लड़की १६ साल की है। किसीने केस किया तो सब जेल चले जायेंगे। इसी बात का मेरी सहेली को डर सता रहा है।
बालिका वधू बनाने का जमाना चला गया है। अब युवा वर्ग उसके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। गलती प्रतीक की भी है। उसे अपने दादा जी और पिताजी को समझाना पड़ेगा। दादाजी पुराने खयालात के है। किसी समझदार को इसके लिए आगे आना होगा।
(आगे की कहानी नये पार्ट में)
- कौशिक दवे