मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। मनुष्य का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। गाय का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। भैंस का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। परंतु यदि कोई मनुष्य (जीव), दूसरे जीव का दूध पीता है तो उसे कई प्रकार की पाचन संबंधित, त्वचा संबंधित, ह्रदय संबंधित बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे- एलर्जी, खूजली, गैस की समस्या, पेट दर्द, सर्दी-खांसी, बुखार, मोटापा, प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना...आदि। (नोट:- गाय और भैंस के दूध से आज विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाएं जाते हैं। प्रतिदिन उन्हें टॉर्चर और परेशान किया जाता है। प्रतिदिन अधिक दूध उत्पादन के लिए, उन्हें कई प्रकार की इंजेक्शन दी जाती है। जिसके कारण बहुत सारे गाय और भैंस, कुछ वर्षों में ही दम तोड़ देती है।) दुनिया में बहुत सारे लेख, विचार, ज्ञान और जानकारियां उपलब्ध है। परंतु सभी सही हो, यह जरूरी नहीं। इसलिए खुद से सोच-विचार करके, सोच-समझकर और अध्य्यन करके ही उस पर पूर्ण विश्वास करें। यदि प्रकृति से अच्छा शरीर मिला है। जिस शरीर में दर्द और तकलीफ नहीं है तो उस अच्छे शरीर के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। अन्यथा इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक सर्जरी, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी…आदि। (नोट:- सर्जरी उन्हें कराना चाहिए, जिन्हें कोई शरीर में तकलीफ हो या दर्द हो या अन्य बीमारी।) किसानों द्वारा बीज, सब्जी और फल उगाने की वजह से, खाद्य पदार्थों की कीमतें सामान्य है। खाद्य पदार्थों की वृध्दि हो रही है। देश की सरकारों को किसानों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। साथ ही उन्हें हर महीने पैंसन भी दिया जाना चाहिए। क्योंकि यदि अधिकतर किसानों ने खेती करना छोड़ दिया तो हालात गंभीर हो जाएंगे। जैसे- खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत अधिक बढ़ जाएगी, खाद्य पदार्थों में मिलावटों की संख्या बढ़ जाएगी, अधिक मात्रा में नकली खाद्य पदार्थ बनने लगेंगे, जगह-जगह खाद्य पदार्थों की कीमतों को लेकर प्रदर्शन होने लगेंगे, खाद्य पदार्थों का स्टोरेज धीरे-धीरे खत्म होने लगेगा, जगह-जगह खाद्य पदार्थों को लेकर हिंसा भड़कने लगेंगी, प्रतिदिन बड़े पैमाने पर वन्यजीवों को खाया जाने लगेगा, उद्योग और कंपनियां ठप पड़ने लगेंगी, मृत्यु दर और बीमारी दर में बढ़ोत्तरी होने लगेंगी, अधिकतर मनुष्य खाद्य पदार्थ उगाने में जूट जाएगा। करोड़ों वर्ष पहले सिर्फ एस्टेरॉयड से सभी बड़े जीव की मृत्यु नहीं हुई थी। जब डायनोसोर जैसे बड़े जीव पृथ्वी पर निवास करते थे। जब कई क्षुद्रग्रह पृथ्वी की सतह से टकराई तो पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति ने काफी हद तक उन क्षुद्रग्रह से पृथ्वी की सुरक्षा की। परंतु जो छोटे क्षुद्रग्रह पृथ्वी के भीतर प्रवेश कर चूकें थे। गुरूत्वाकर्षण बल की वजह से वे तेज गति से आग के गोले की तरह स्थलों और समुद्रों में गिरे। जिसके कारण जंगलो में आग लग गई। हर वर्ष जंगल जलते जा रहे थे। धीरे-धीरे पृथ्वी की वायू जहरीली और प्रदूषित हो गई। जिसके कारण बड़े जीव बच न सके। बहुत सारे छोटे स्थलीय जीव और जलीय जीव जीवित बच पाए। धीरे-धीरे प्रदूषण कम हुआ। इस घटना के बाद, पृथ्वी पर ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। जिसके बाद, जीवों के आकार में काफी फर्क आ गया। पेड़-पौधों के क्षय होने के साथ-साथ, यह और कम होता जा रहा है। (नोट:- यह घटना एक संभावना के ऊपर आधारित है।) शाकाहारी जीवन और मांसाहारी जीवन में अंतर:- शाकाहारी जीवन- लंबा जीवनकाल, जटिल और गंभीर बीमारियां होने की संभावना में कमी, फुर्तीला शरीर, कार्य में ध्यान देने में वृध्दि, अच्छी नींद...आदि। मांसाहारी जीवन- जटिल और गंभीर बीमारियां होने की संभावना में वृध्दि, आलस्य में वृध्दि, कार्य में ध्यान देने में कमी, क्रोध पर नियंत्रण न रख पाना...आदि। पृथ्वी पर सबसे अधिक जीवों की प्रजाति महासागरों में निवास करती है। पृथ्वी पर स्थल लगभग 30 प्रतिशत है और जल लगभग 70 प्रतिशत है। महासागरों में नयूक्लियर बमों के परीक्षण के कारण, महासागरों में रहनेवाले हजारों जीवों की मौत हो जाती है। (नोट:- यह संभावना पर आधारित है।) लम्बे वक्त तक नाबालिग और युवाओं द्वारा पोर्नोग्राफी विडियोज देखते रहने से, उनकी मानसिक स्थिति बदल रही है। कुछ मानसिक रूप से बीमार हो रहे तो कुछ ट्रांसजेंडर बनने की राह पर जा रहे हैं तो कुछ रेपिस्ट बनने की राह पर जा रहे हैं। (नोट:- यह रिपोर्ट मेल और फीमेल जेंडर्स पर आधारित है।) दीपावली का त्यौहार:- दीपों की रोशनी, रंगोलियों, सजावटों, मिठाईयों...आदि के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस बड़े त्यौहार में पटाखे किसने जोड़ दिए और किसने दीपावली का नाम बदलकर दीवाली कर दिया पता नहीं। हर वर्ष पटाखों से होने वाले दुष्प्रभाव जैसे:- वायू प्रदूषण, सांस संबंधित बीमारियां, फेफड़ों का कैंसर, प्रदूषित हवा, आंखों में जलन, गर्मी में बढ़ोत्तरी, ग्लोबल वार्मिंग...आदि। (नोट:- हर वर्ष वायू प्रदूषण की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है।) ऐसी फिल्में, कहानियां, पुस्तकें जो गलत जानकारियां और अंधविश्वास को बढ़ावा दे रही है। इससे बच्चों, यूवाओं और बुजुर्गों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उनकी मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है। सोचने-समझने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जैसे- सूपरहिरोज की मूवीज, भूत-प्रेतों की कहानियां और फिल्में...आदि। आपको जो जीवन मिला है, यही आपका पहला और अंतिम जीवन है। इस जीवन का आनंद लें। क्योंकि किसी भी जीव को दूसरा जन्म नहीं मिलता और न ही आत्मा जैसी कोई चीज होती है। आरूषि तलवार मर्डर केस:- हो सकता है, हेमराज पोर्न विडियोज का आदि हो गया था। उस रात आरूषि तलवार अपने कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई हो। हर रात हेमराज (नौकर) आरूषि के कमरें के दरवाजें की जांच करने आता हो। उस रात दरवाजा लॉक न होने की वजह से हेमराज को मौका मिल गया हो। हेमराज के द्वारा रेप करने की कोशिश करने पर, आरूषि नींद से जाग गई हो। वह चिल्लाने की कोशिश करने लगी हो, तभी हेमराज ने अपने नेपाली कूकरी से उसका गला काट दिया हो। हर तरफ खून बिखर गया हो। कुछ समय पश्चात कोई चीज गिर जाती हो और उसकी आवाज सुनकर, आरूषि के पिता कमरे में आ जाते हो। यह दृश्य देखकर, आरूषि के पिता हॉकी बैट से हेमराज पर हमला किया हो। इस हमले से हेमराज घायल हो गया हो और माफ करने की पुकार कर रहा हो। अधिक खून बहने की वजह से, आरूषि ने दम तोड़ दिया हो। उसके बाद, आरूषि के माता-पिता रोने लगते हो। क्रोध में आरूषि के माता-पिता हेमराज को घसीटते हुए, सीढ़ियों से छत में ले जाते हो। उसके बाद, उसके पिता डॉक्टरी ब्लेडर से हेमराज का गला काट दिया हो और छत के दरवाजे पर ताला लगाकर, दोनों कुर्सी पर बैठ जाते हो और रोने लगते हो। पूरी रात वे बच्ची के मौत के गम में कुर्सी पर बैठे रहे हो और कुछ शराब भी पी ली हो। जिसके कारण शराब की बोतल में खून लग गया हो। (नोट:- यह संभावना पर आधारित है।) सैनिक देश और देश के नागरिकों की रक्षा करता है। ये न होते तो कोई देश या समूह देश पर कब्जा कर लेता, अपने बुरें कानून और नियम तुम्हारे ऊपर थोप देता, प्रतिदिन लोगों की हत्या करता और महिलाओं के साथ बलात्कार करता, परेशान करता, दु:ख देता, आजादी छीन लेता, टॉर्चर करता। जिसकी वजह से नागरिक जीने से ज्यादा, मौत की दुआएं मांगते। देश की सरकार को ऐसे सैनिकों को, जो आतंकवादियों, नक्सलवादियों और दुश्मन सैनिकों से लड़ाई करने जाते हैं। उन सैनिकों के लिए बूलेट प्रूफ यूनिफॉर्म, बूलेट प्रूफ हैल्मेट, बूलेट प्रूफ ग्लास और तकनीकी गेजेट्स उपलब्ध कराने चाहिए। (नोट:- आतंकवादियों, नक्सलवादियों और दुश्मन सैनिकों को जान से मारने की जगह, पैरों में गोली मारी जाएं या बैहोशी धुंआ बम से उन्हें बेहोश कर दिया जाएं, जबतक वे घायल न हो जाएं तो मानवीय जीवन के लिए अच्छा हो सकता है। उसके बाद उनसें कई प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हो सकती है, साथ ही उन्हें कारावास की सजा भी दी जा सकती है। ताकि आगे जाकर वे सुधर सके और अच्छा जीवन जी सकें।) ह्यूमनाइड रॉबोट्स और एनिमलाइड रॉबोट्स का निर्माण, मानव जाति और दूसरे जीवित प्राणियों के लिए खतरा है। यदि इनके निर्माण पर रोक नहीं लगी तो गंभीर परिणाम सामने आएंगे। जैसे- बेरोजगारी में वृध्दि, लूट-पाट में वृध्दि, हिंसात्मक घटनाओं में वृध्दि...आदि। (नोट:- ह्यूमनाइड रॉबोट्स और एनिमलाइड रॉबोट्स में कुछ तकनीकी खराबी आने पर, वे अपने मालिक को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं या मर्डर भी कर सकते हैं। क्योंकि रॉबोट्स को मौत का भय नहीं रहता, वे निर्जीव है। सावधान....) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) तकनीक मानव द्वारा बनाया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटली उपलब्ध जानकारियों को खोजकर, उपयोगकर्ता के प्रश्नों का उत्तर देता है। डिजिटल जानकारियां जो वेबसाइट्स में, गूगल, बिंग, याहू जैसे सर्च इंजनों में उपलब्ध रहते हैं। इन वेबसाइट्स में बहुत सारी जानकारियां सही है तो कुछ जानकारियां गलत भी हो सकती है। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सही जानकारियां भी उपलब्ध करा सकती है और कई बार गलत जानकारियां भी उपलब्ध करा सकती है। सोच-समझकर ही उनपर पूर्ण विश्वास करें, गलत कदम उठाने से बचें। (नोट:- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना अच्छा है। इससे प्रश्नों के जवाब मिलने में आसानी होती है, इमेजिनेशन करने में मददगार साबित होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सदूपयोग करें।) लम्बी आयु के लिए:- शाकाहार अपनाएं, दूसरे जीवों का दूध न पीएं, शरीर को साफ रखें, साफ पीनी पिएं, साफ और स्वस्थ खाना खाएं, साफ हवा लें, प्रदूषित वातावरण में न रहें, केमिकल से रिफाइंड खाद्य पदार्थों का सेवन प्रतिदिन न करें, नशेलीं पदार्थों का सेवन न करें, प्रतिदिन फास्ट फूड और जंक फूड न खाएं, केमिकल पेस्ट का उपयोग करने से बचें, साबून का उपयोग प्रतिदिन न करें, आठ घंटे के लगभग नींद लें, अधिक देर तक उदास रहने से बचें, गर्मी के दिनों में अधिक देर तक धूप में न रहें, अच्छे कार्यों में विश्वास रखें और अच्छे कार्य करें। देश की सरकारों को सेक्स वर्कर्स के लिए कानूनी अधिकार उपलब्ध कराना चाहिए। जिससे अविवाहित यूवक या यूवती बिना कानूनी भय के शारीरिक सुख का आनंद लें सके। साथ ही सेक्स कार्य से सेंकड़ों यूवक एवं यूवतियों को रोजगार मिल सकें। (नोट:- सेक्स वर्कर्स को कानूनी अधिकार मिलने से देश में ब्लातकार जैसी घटनाओं में कमी आएगी। कंडोम का उपयोग करने पर एड्स (एचआईवी वायरस) से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाएगी।) नर जीव के साथ नर जीव का संबंध बनाना और मादा जीव के साथ मादा जीव का संबंध बनाना। ये दोनों संबंध अप्राकृतिक है। क्योंकि ऐसे संबंधों से नए जीव पैदा नहीं हो सकते। (नोट:- ऐसे संबंधों से वे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो सकते हैं।) अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति को अच्छा व्यक्ति माना जाता है। जो व्यक्ति बुरें कार्य और अच्छे कार्य दोनों नहीं करता है, उसे भी अच्छा व्यक्ति ही माना जाएगा। परंतु अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति को ज्यादा लाभ मिलेगा। अंतरिक्ष में। सौर ज्वाला आने से, पृथ्वी के आस-पास मौजूद कचरा कम होता है। यह सौर परिवार की एक प्रक्रिया है। जैसे-जैसे जंगल कम होते जा रहे हैं:- ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है, मनुष्यों की आयू और शारीरिक कद कम होता जा रहा है, वायू प्रदूषण बढ़ रहा है, पृथ्वी गर्म हो रही है, बर्फ पिघल रही है, स्थल जलमग्न हो रहे हैं, ज्वालामुखी सक्रिय हो रहे हैं। (नोट:- जंगलों को कम करने की जगह, नया शहर बसाने के लिए खाली मैदानों, बंजर भूमियों और रेगिस्तानों को उपयोग में लाया जा सकता है। साथ ही वहां पर पेड़-पौधें उगाकर, उस जगह को रहने लायक बनाया जा सकता है।) कुछ अतरंगे लेखकों की वजह से, आज रामायण और महाभारत जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को लोग काल्पनिक मानते हैं। परंतु रामायण और महाभारत वास्तविक घटनाएं हैं। (नोट:- इन ऐतिहासिक घटनाओं में किसी के पास भी जादूई शक्ति नहीं थी।) आप जिस भगवान को मंदिर, मस्जिद, चर्च...आदि में ढूंढने जा रहे है, वहां पर अच्छे कार्य करने वाले मनुष्यों की मूर्तियां हैं। भगवान कहीं ओर है, जो हम सबको और हमारे कार्यों को देख रहे हैं। (नोट:- भगवान, अल्लाह, गॉड। ये सभी एक ही है। सिर्फ पर्यावाची शब्द अलग-अलग है।) अपने स्मार्टफोन की बैटरी की क्षमता में वृद्धि करने के लिए कुछ उपाय:- जिन ऐप्स की जरूरत न हो, उन्हें अनइंस्टॉल या निष्क्रिय कर दें। सिस्टम ऐप्स को छोड़कर, बाकि सभी ऐप्स का बैकग्राउंड डेटा बंद कर दें, डार्क थीम चालू कर लें। आपके अच्छे और बुरें कार्य, आपके खाते में जुड़ रहे हैं। जिसका लाभ और नुकसान आपको इसी पृथ्वी पर मिलेगा। (नोट:- स्वर्ग और नर्क जैसी जगह नहीं है। स्वर्ग=खुशी और नर्क=दु:ख।) ऐसी चीजों का नकल करें, जिससे आपका अच्छा हो। ऐसी चीजों का नकल करने से बचें, जिससे आपका बुरा हो।