Ishq da Mara - 32 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 32

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इश्क दा मारा - 32

गुंडों को इस तरह देख कर रानी डर जाती हैं और यूवी से बोलती हैं, "ये कौन है और इस तरह गाड़ी के आगे बंदूक ले कर क्यों खड़े हो गए हैं ????

तब यूवी बोलता है, "गुंडों के खानदान से ताल्लुक रखती हो और इन्हें देख कर डर गई"।

तब रानी बोलती है, "मजाक मत करो अभी, मुझे बहुत ही डर लग रहा है "।

तब यूवी बोलता है, "मगर मुझे तो नहीं लग रहा है, मेरा तो ये रोज का काम है "।

तभी एक गुंडा बंदूक दिखा कर बोलता है, "यूवी तुमबाहर निकलो "।

तब यूवी बोलता है, "मैं क्यों निकलूं बाहर"।

तब वो गुंडा बोलता है, "देखो सीधी तरह से बाहर निकल जाओ, वरना मैं इस लड़की को उठा कर ले जाऊंगा और तुम्हे भी जान से मार दूंगा"।

तब यूवी बोलता है, "तुम मुझे धमकी दे रहे हो "।

तब गुंडा बोलता है, "नहीं बस बता रहा हूं, और चुप चाप वही करो जो मैं बोल रहा हूं, वरना अच्छा नहीं होगा"।

तब बंटी बोलता है, "तुम लोग जानते भी हो कि ये कौन है "।

तब एक एक गुंडा बोलता है, "हमे किसी को जानने का कोई शौक नहीं है, और तु अपनी जबान बंद रख, वरना यही पर ही मारा जाएगा, क्योंकि हम 10 लोग है और तुम  सिर्फ दो , और ये कोई फिल्म नहीं हैं जो अकेला हीरो दस दस गुंडों से लड़ लेगा"।

तब यूवी बोलता है, "तू कुछ ज्यादा नहीं बोल रहा है, लगता है कि तू यहां पर अभी नया नया आया है "।

तब एक गुंडा बोलता है, "देख मेरे पास तेरे जितना फालतू टाईम नहीं है, जो तेरे साथ बक बक करु, जितना बोला है उतना ही कर, वरना इस लड़की को उठा कर ले जाऊंगा और फिर तू इसे ढूंढ भी नहीं पाएगा "।

तब बंटी यूवी से बोलता है, "यार यहां पर बात लड़की की है, जो ये बोल रहे हैं वो कर, मैं रानी को घर ले कर चला जाऊंगा "।

तब रानी बोलती है, "मैं युवान को यू अकेला छोड़ कर कही पर भी नहीं जाऊंगी "।

तब बंटी बोलता है, "तो फिर तुम जाओ इन गुंडों के साथ "।

तब यूवी बोलता है, "रानी देखो बात को समझो ये लोग अच्छे नहीं हैं, और मैं तुम्हे इनके हवाले नहीं कर सकता हूं, इसलिए तुम चुप चाप यहां से चली जाओ बंटी के साथ"।

तब रानी बोलती है, "तुम्हे अकेला छोड़ कर कैसे जाऊ "।

तब बंटी बोलता है, "रानी अब ज्यादा ड्रामा मत करो यहां पर और चुप चाप चलो वरना तुम्हारी वजह से मुझे भी मारना पड़ेगा"।

उसके बाद बंटी गाड़ी ले कर चला जाता है।

घर पहुंचते ही रानी रोते हुए यूवी की मां के पास जाती हैं और बोलती है, "काकी युवान को गुंडे ले गए"।

ये सुनते ही यूवी की मां घबरा जाती हैं और बोलती है, "तुम ये क्या बोल रही हों, कौन ले गया मेरे बेटे को"।

तब रानी बोलती है, "मुझे नहीं पता, उन लोगों ने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था "।

तब यूवी की मां बंटी से बोलती हैं, "बंटी यूवी कहा है ????

तब बंटी बोलता है, "मुझे नहीं पता काकी की वो लोग कौन थे और यूवी को कहा पर ले गए "।

तब यूवी की मां बोलती है, "ऐसे कैसे वो मेरे बेटे को ले गए "।

उसके बाद बंटी सब कुछ बता देता है।

तब यूवी की मां यश को बोलती हैं, "यश तुम यहां पर क्या कर रहे हो जल्दी से बंटी के साथ जाओ और मेरे बेटे को ढूंढ कर लाओ, अभी अभी तो इतना बड़ा हादसा हुआ था उसके साथ और अब ये क्या हो गया..........