पसंद आती हैँ तो comments करो, यहाँ तो मैं भाव का भूखा हु... आशीर्वाद दो, मेरा मन garden garden हो जाता हैँ. मेरा dopamine मजबूत हो जाता हैँ...
*कुदरत के दो रास्ते*
*एक बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर रहे थे।*
*एक सज्जन ने उसके पैर देखे; बहुत दुःख हुआ।*
*वह भागकर गया, पास ही की एक दुकान से बूट लेकर के आया और कहा-बेटा! बूट पहन ले।* *लड़के ने फटाफट बूट पहने, बड़ा खुश हुआ और उस आदमी का हाथ पकड़ के कहने लगा-आप भगवान हो।*
*वह आदमी घबराकर बोला- नहीं... नहीं... बेटा! मैं भगवान नहीं।*
*फिर लड़का बोला-जरूर आप भगवान के दोस्त होंगे, क्योंकि मैंने कल रात ही भगवान को अरदास की थी कि भगवानजी, मेरे पैर बहुत जलते हैं। मुझे बूट लेकर के दो।*
*वह आदमी आंखों में पानी लिये मुस्कराता हुआ चला गया, पर वो जान गया था कि भगवान का दोस्त बनना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कुदरत ने दो रास्ते बनाए हैं-*
1.*देकर जाओ या*
2.*छोड़कर जाओ*
*साथ लेकर के जाने की कोई व्यवस्था नहीं।*
*उपरोक्त प्रसंग हमें दया, करुणा, और परोपकार का महत्वपूर्ण संदेश देता है। इसकी मुख्य शिक्षाएं हैं:*
*1. परोपकार और सहानुभूति का महत्व: छोटे-छोटे कार्य, जैसे जरूरतमंदों की मदद करना, उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।*
*2. ईश्वर के दोस्त बनें: दूसरों की प्रार्थनाओं का उत्तर बनकर आप भगवान के दोस्त बन सकते हैं। यह दिखाता है कि इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है।*
*3. संसार में खाली हाथ आते और जाते हैं: जीवन में जितना हो सके दूसरों को दें या उनके लिए कुछ छोड़कर जाएं। साथ ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है।*
*4. निस्वार्थ सेवा की शक्ति: निस्वार्थ भाव से की गई मदद व्यक्ति के दिल को छू जाती है और समाज में सकारात्मकता फैलाती है।*
*इस प्रसंग से हम सीखते हैं कि हमारी छोटी-सी दयालुता किसी के जीवन को बेहतर बना सकती है।*
*!! पुराना कुआं !!*
*दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे। खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुँच गए।*
*उस जगह पर एक पुराना कुआं था और उनमें से एक लड़का गलती से उस कुएं में जा गिरा।*
*“बचाओ-बचाओ” वो चीखने लगा।*
*दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा, पर उस सुनसान जगह कहाँ कोई मदद को आने वाला था! फिर लड़के ने देखा कि कुएं के करीब ही एक पुरानी बाल्टी और रस्सी पड़ी हुई है, उसने तेजी दिखाते हुए तुरंत रस्सी का एक सिरा वहां गड़े एक पत्थर से बाँधा और दूसरा सिरा नीचे कुएं में फेंक दिया। कुएं में गिरे लड़के ने रस्सी पकड़ ली, अब वह अपनी पूरी ताकत से उसे बाहर खींचे लगा, अथक प्रयास के बाद वे उसे ऊपर तक खींच लाया और उसकी जान बचा ली।*
*जब गांव में जाकर उन्होंने यह बात बताई तो किसी ने भी उन पर यकीन नहीं किया। एक आदमी बोला- तुम एक बाल्टी पानी तो निकाल नहीं सकते, इस बच्चे को कैैसे बाहर खींच सकते हो; तुम झूठ बोल रहे हो। तभी एक बुजुर्ग बोला- यह सही कह रहा है क्योंकि वहां पर इसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था और वहां इसे कोई यह कहने वाला नहीं था कि ‘तुम ऐसा नहीं कर सकते हो’।*
*शिक्षा:-*
*दोस्तों, जिंदगी में अगर सफलता चाहते हो तो उन लोगों की बात मानना छोड़ दो जो यह कहते हैं कि तुम इसे नहीं कर सकते..!!*
*सदैव
आशिष
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