You Are My Choice - 36 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 36

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You Are My Choice - 36

5 अक्टूबर 

जय अपने रूम में रेडी हो रहा था। उसके फोन पर किसका फोन आता देख उसने नाम देखे बिना फोन रिसीव किया।

"हेलो..?"

"सो व्हाट्स यौर प्लान?" सामने से जवाब आया।

"एक्सक्यूज मि.. ऐसे कैसे पूछ रही है आप? है कौन आप?" जय ने कन्फ्यूजन में पूछा।

"ओह... डॉक्टर.. कम ऑन।"

"हा.. पर आप कौन है?"

"काव्या..." सामने से गुस्से से काव्य ने कहा।

"ओह... मिस सेहगल... आप है। मेने नाम नहीं देखा।" जय ने रिलैक्स होके हंसके जवाब दिया।

"सीरियसली... ?"

"हा। आपने तो मुझे डरा ही दिया था।" जय ने अपने बालों को आखिरी बार मिरर में देखके कहा। "देखिए मेने बहुत अच्छा प्लान बनाया है। सो लेट मी हैंडल धीस। आई विल गिव यू एन अपडेट व्हेन आई विल बी डन। चलो बाय अब।" काव्या को कुछ कहने का मौका दिए बिना जय ने फोन रख दिया।

"कम ऑन डॉक्टर.. लेट्स सॉल्व एवरीथिंग स्मूदली।" रियलाइज करने के बाद कन्फ्यूजन में खुद से कहा, "एक मिनिट.. में खुद को ऐसे क्यों एड्रेस कर रहा हु जैसे मिस सेहगल करती है।" अपनी ही सोच में वह रूम से बाहर चला गया।

थोड़ी देर बाद उसके घर की रिंग बजी। श्रेया ने दरवाज़ा खोला और सामने आकाश खड़ा था। 

आकाश श्रेया को देखकर और श्रेया उसे देखकर शोक थे। दोनो ने सोचा नहीं था कि वह यह एकदूसरे से मिल सकते है।


आकाश

मेने यह नहीं सोचा था कि आज फिरसे मेरा सामना श्रेया से होगा। है लेकिन मुझे डाउट जरूर था।बट.. श्रेया बहुत.. बहुत... बहुत  अच्छी लग रही है इस ड्रेस में। पर इसने अभी ट्रेडिशनल क्यों पहना है? उस रात... उसने जब मुझसे कहा.., हह्ह्ह.... आईं कूड नोट ब्रीद। में बहुत परेशान हो गया था। मेने श्रेया को बस अवॉइड ही किया था। एक मिनिट, आकाश फोकस, तू किसी और के घर पे है। श्रेया कुछ कह पाती उससे पहले जय आ गया। पहली बार.... इसके हमारे बीच में आने पे मुझे खुशी हुई है।


आकाश अंदर गया, उसने सरस्वती को अपने लाए हुए गिफ्ट्स दिए जय के माँ-बाप के पैर छुए। तभी विषय अंदर से आई।

उसने जैसे ही आकाश को देखा उसकी आँखें शोक से बड़ी हो गई। "ओह माय गो.... ड! आप यहां मेरे घर पे, आई मीन आप तो ऑब्वॉयसली आने ही वाले थे। वाओ।" 

आकाश ने उसे इस तरह देख हल्का सा मुस्कुराते हुए हाई कहा, 

"हाई। मेने आपके बारे में मॉम से सुना है। लेकिन उससे ज्यादा मेरी कॉलेज की फ्रेंड्स आपके बारे में बाते करती हैं। " आकाश लड़की को बीच में बहुत फेमस है।

सब उसकी बातो को सुन रहे थे।

"क्या में आपके साथ एक सेल्फी ले सकती हु, प्लीज..." उसने आकाश से कहा।

"उसे बैठने तो दो..." सरस्वती ने डांटते हुए कहा।

"इट्स ओके आंटी। कम ऑन, लेट्स टेक सेल्फी।" आकाश ने कहा। 

आकाश को अजनबी सा जरूर लग रहा था। आखिर वो उनसे दस साल बाद मिल रहा था।


आकाश

विद्या... शी वास अ बेबी गर्ल एट धाट टाइम। में बी, 10 या 11 साल की। मुझे लगा था वो मुझे भूल गई होगी, बट शी नोझ मी। पर थोड़ी देर में मेरा डाउट क्लियर हो गया। वो मुझे जानती है क्यूंकि में फेमस हु। वो देश से मेरे लिए मेरी छोटी बहन जैसी है। कावू से तो में बहुत बाद में मिला। 

इस लड़की की बाते। सेल्फी तक तो ठीक था। अगर वो यहां नहीं होती तो पता नहीं में यहां बैठता कैसे। क्योंकि इस जय नाम के प्राणी से में बात नहीं करने वाला, और में यहां आंटी के इनवाइट करने से आया हु। इस लिए मुझे लगा शायद श्रेया यहा नहीं होगी।  हम बाते कर ही रहे थे कि श्रेया आंटी के पास किचेन में चली गई।

थोड़ी देर में बातो बातो में विद्या मेरी शादी तक पहुंच गई। शी सडनली आस्कड़ धाट की मेरा शादी को लेके क्या प्लान है।

"इट्स हिज प्राइवेट मेटर।" आंटी ने किचेन से आते हुए कहा। 

"ओह, कम ऑन मम्मा.. आई एम जस्ट आस्किंग।" शी गॉट नो चिल टुडे, आई गैस। 

"वैसे मेरी फ्रेंड्स कहती है, उनका मानना है ऐसा... आप और काव्या सेहगल साथ में बहुत कु..ल लगते हो। परफैक्ट मैच टाइप्स। यू .." 

उसने बस इतना ही बोला था किचेन से कुछ गिरने की आवाज आई। और में बिना कुछ सोचे समझे अंदर चला गया, श्रेया की चीख सुनके।


श्रेया

जैसे ही मेने विद्या की बात सुनी, मेरे हाथ से स्टील की लेडल(कड़छी) थीं सीधा मेरे पैर पे गिर गई। बहुत जोर से लगी थी, ऊपर से वो गर्म थी। 4 सेकंड के कॉन्टेक्ट से ही मेरी स्किन डैमेज हो गई थी। पूरी रेड। में कुछ कर पाती उससे पहले ही सब किचेन में आ गए। और सबसे आगे आकाश था। मेरी उससे नजरे मिली, मेरा दर्द ही गायब हो गया। आकाश ने मेरे पैर पे देखा और जय को डांटते हुए कहा, "तू देख क्या रहा है, फर्स्ट ऐड बॉक्स लेके आ। " और जय लेने चला गया। 

में चल सकती हु शायद बट..... उसने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और सच्ची मेरा दिमाग बिलकुल काम नहीं कर रहा अभी। उसने मुझे काउच पे बिठाया और जय ने बाउंड क्लीन करके ऑइंटमेंट लगाया। जो भी कहो यह डॉक्टर बहुत अच्छा है।

"पैन हो रहा है?" जय ने मेरी तरफ देखके पुछा।

"इतनी ज्यादा चोट नहीं लगी मुझे गाइझ।"

बस मेरा इतना बोलने की ही देरी थी कि आंटी ने मुझे डांट दिया। "क्या चोट नहीं लगी, ऊपर से तुम जल भी गई हो। यू आर सो केरलेस बेटा।" 

"श्रेया बेटा माना की अब आप बड़े हो गए हो, पर अपना ध्यान रखना जरूरी भी तो है।"

"और तुझे किचेन में जाने से बोला भी किसने था..?" हा अब जय ही बाकी था। 

मेरे पास बैठी विद्या पे मेरी नजर गई, अरे रे.. "विद्या, कुछ नहीं हुआ है मुझे। आई’म फाइन।" मेने उसे नॉर्मल करने की कोशिश की। उसके चेहरे से लग रहा था जैसे उसे चोट लगी हो।

"यू आर अ मेडिकल स्टूडेंट। बिहेव लाइक वन।" और ये चालू हो गया डॉक्टर राजशेखर का लेक्चर। आई स्वेयर कोई अभी इस आदमी के लेक्चर को सुनने के मूड में नहीं होगा।

"तू इतनी सी चोट से डर गई, हाऊ विल यू ऑपरेट...?" 

"लेट्स हैव डिनर बच्चों। ऑलरेडी लेट हो गया है।"सरस्वती आंटी ने जय को इग्नोर करके बोला। और ये जय के चेहरे पे में साफ देख सकती हु।


डिनर टेबल

सब लोग हसी मजाक करते हुए खाना खा रहे थे तभी आकाश के फोन पे किसीका कॉल आया। "KAVU ❣️" विद्या उसके पास में ही बैठी थी। जैसे ही उसने देखा एक्साइटमेंट में कहा, "कावू विथ रेड हार्ट। ओहो..."



Continues in the next episode....


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