Devil I Hate You - 11 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil I Hate You - 11

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Devil I Hate You - 11

दिव्या की बात सुनाने नहीं नहीं मैं ठीक हूं ,,,इसकी कोई जरूरी नहीं,,,,ताह बोल वॉशरूम के अंदर चला जाता है,,,

अंश के वॉशग्रूम में जाते ही ,,,,,,जानवी भी उसकी फाइल को बंद कर ,,,सोफे पर जाकर सो जाती है

*****आब आगे 

और इधर अंश सावर के नीचे खड़े हो खुद से,,,,, मुझे समझ नहीं आ रहा ,,,,की अभी ,,,की अचानक से तबीयत कैसी खराब हो गई,,,,, उसने मुझे कहा था ,,,, ,की मेरा तेरे ऑफिस से जाते ही मेरी तबीयत खराब हो गई थी ,,,,

लेकिन उसका मेरे ऑफिस से निकलते ही,,,तबियत ख़राब कैसे हो सकती है,,,,,

(अरे अंश को कोन बताय कि उसके दिमाग में शक का बीच,,,, जो पनपने लगा था,,,,,,)

फिर अंश घूरने से सोचता है ,,,,कि कैसे अभी ,,,,ऑफिस में आया,था,,, और फिर सीधा उसके सामने कुर्सी पर बैठा,,,,,और सिर्फ उससे बात की,,,,,,, उसने मेरे ऑफिस में बस बात की थी ,,,, और चला गया,,,, कि तभी उसे याद आता है,,,,, कि अभी कैसी ,,,,जानवी द्वार लाई गई,,,, कॉफ़ी पी थी,,,फिर अंश अपने दिमाग पर जोर देते हुए ,,,,,इसका मतलब उसे कॉफी में कुछ था,,,,कुछ तो गरबफ था,,,, लेकिन उस कॉपी को तो    मैं पीने वाला था,,,,,, इसका मतलब जानवी मेरे कॉफ़ी में कुछ मिलाती थी ,,,,

फिर कुछ सोच,,,,, तभी तो मैंने उस दिन जब अपने असिस्टेंट को कॉफी लेन को कहा था,,,,,लेकिन जानवी कैसे कॉफी बना कर ले आई

और उस दिन उस कॉफी का टेस्ट भी कुछ अलग सा लगा था,,,, ये सोच अंश का दिमाग फटा जा रहा था,,,,, ये सब सोच अंश के सर में हल्का हल्का दर्द होने लगा था,,,,,

अंश अपने सर पर हाथ रखे हुए ,,, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा ,,,,, यह हो क्या रहा है ,,,,,अगर जानवी मेरी कॉफ़ी में कुछ मिलाती थी,,,,, तो फिर क्यों और क्या मिलाती थी,,,, क्या जानवी मुझसे बदला लेने के लिए ये सब कर रही है ,,,,,अंश ये सब सोचते हुए ,,,,, 20 मिनट बाद वॉशरूम से बाहर निकलता है,,,,,
और फिर सिद्ध बिस्तर की तरफ जाने लगता है,,,,
क्योंकि , ,,,,सर दर्द की वजह से ,,,,उसका बिल्कुल मूड नहीं था ,,,,डिनर करने का ,,,,इस तरह बिस्तर पर बैठ जाता है , ,,, ,,तो उसकी नजर सीधा सोती हुई जानवी पर जाता है ,,,,
,जिसे देख अंश अपने मन में ,,,,,देखने में कितनी भोली लगती है,,,,लेकिन कोई बता नहीं सकता कि इसके दिमाग में क्या चल रहा है क्या नहीं,,, लेकिन मैं भी अंश सिंघानिया था  ,,,,,, पता तो लगा कर रहूंगा ,,,,,की तुम मेरे,,कॉफी मैं ,,,,कुछ मिलाती हो ,,या नहीं,,, और मिलाती भी हो तो क्या,,,

अगली सुबह

हर सुबह की तरह ,,,,,,आज भी जानवी,,,उसी तरह घुरती है ,,,,,,और ऑफिस के लिए निकल जाती है ,,

और अंश के आने के बाद जानवी ने मेडिसिन वाली कॉफ़ी को बना लिया,,, अश के टेबल के पर रख देती है ,,,,,और अश,,को वाह कॉफ़ी पीने को कह,,,, वहाँ से जाने लगती है,,,

 कि तभी अपने कानों में अश की आवाज आती है,,,,,,, रुक जाओ,,,

जिसे सुन्न जानवी वही रुक जाती है ,,,,और फिर अंश की तरफ देख ,,,,,क्या हुआ अंश ,,,,,,,,कॉफी सही नहीं बानी

और इधर अंश जानवी के चेहरे को बड़े ध्यान से देखते हुए ,,,,,,जानवी आज मुझे कॉफ़ी नहीं पीनी,,,,, इसे ले जाओ

अंश की बात सुन जानवी ,,,हरबडा जाती है ,,,,और फिर जल्दीबाजी में अंश की तरफ जा ,,,,,क्यों अंश तुमने ये कॉफी,,,,, क्यों नहीं पीनी ,,,,,क्या हुआ ,, ,,,तुम्हें आज इसे पीने का मन नहीं है ,,,,क्या ,,,या कोई और बात है 

और वही अंश जानवी,,,इस तरह बढ़ता देख ,,,,, घूरते हुए क्यों नहीं पीना,,, क्या मतलब ,,,,नहीं पीना ,,,,तो नहीं पीना,,,,

जानवी अंश की बात सुन्न खुद से,,,,अपने मन में ,,,,ये मैं क्या कर रही थी ,,,अरे ऐसा करूंगी तो,, कहीं अंश को शक ना हो जाये,,,,,

और फिर थोड़ा हकलाते हुए,,,, नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है,,,,,वो तो मैं इसलिए कह रही थी,,,,, क्योंकि मैं इसे कितनी मेहनत से बना कर लाई थी,,,,लेकिन कोई बात नहीं ,,,,,,और फ़िर कॉफ़ी का कप टेबल से उठाते हुए ,,,,,अगर तुम्हारा पीने का मन। नहीं है तो मैं कुछ और बना लेती हूं ,,,,तुम्हारे लिए,,,

अंश का आज सुबह सर भरा लग रहा था,,,,,उसे कुछ अजीब सा भी लग रहा था,,,, फिर उसने अपने सर पर हाथ रखे हुए,,,रहने दो,,,,, मैं पी लूंगा,, ,,तुम जाओ यहाँ से,,,

जानवी अंश की बात सुन्न वहां से जाते हुए ,,,,,,पक्का अंश तुम पी लोगे ना ,,,,,,इसे,,वरना मैं कुछ और बना लाती हूं ,,,,

हन हान मैं पी लूंगा ,,,,,जाओ तुम यहां से,,,

याह सुन जानवी,,वहां से चली जाती है,,,,

जानवी के जाते ही अंश कॉफ़ी को उठाते देख ,,,,,,अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया है,,,, कि तुमने इसमें कुछ मिलाया है,,,, यह कह अंश उस कॉफ़ी को अपने फ्लावरपॉट में डालते हुए, ,,,,, अब तुम्हें लगेगा कि मैंने ये कॉफी पी ली है,,,


और फिर देखता हूं कि तुम उसे खराब करती क्या हो,,,
यह सोच के ,  अश चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,,,,,और इधर जानवी अपने केबिन में बैठे खुद से,,,,, उनसे मुझे रोका क्यों,,,,, क्या अंश को शक हो गया था,,, या मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही हूं ,,,,,

,नहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा ,,,,,,,और फिर जो कुछ केबिन में हुआ,,,,, उसे सोचते हुए ,,,,लेकिन उसकी बोलने से ऐसा क्यों लग रहा है,,,,,जैसे अंश को मुझ पर शक हो गया है ,,,,जानवी इस सोच में बैठी है कि कहीं अंश को उस पर शक तो नहीं हो गया ,,,,,लेकिन उसे क्या पता ,,,,की अंश का अब शक,,,, यकीन में बदल गया है
शाम के 4 बजे ,,,,अंश का सर दर्द से फटा जा रहा था ,,,,,और फिर अंश अपने सर दर्द को काम करने के लिए अपने असिस्टेंट को बुलाता है , और फिर में कॉफी बनाने का ऑर्डर देते हुए ,,,,,

याह कॉफी तुम बनाकर लाओगे, ,,,,सुना तुमने ,,,,अगर गलती से भी कोई और के हाथ ,,,,,,यह कॉफ़ी मेरे केबिन में आई ,,,,,तो आज तुम्हारे नौकरी का आखिरी दिन होगा ,,,

,याह कह अंश अपने असिस्टेंट को वहां से जाने को कहता है,,,,
.इधर असिस्टेंट कॉफी बना,,,,अंश के केबिन में कॉफी रख वहां से चला जाता है,,,,, अंश भी उस कॉफी को उठा पीने लगता है,,,,, उसे लगता है कि शायद उसका सर कॉफी ना पीने की वजह से दर्द कर रहा है था,,,
, क्योंकि हर रोज कॉफ़ी पीने की आदत जो थी,,,,लेकिन उसने जानवी की वजह से कॉफ़ी नहीं पी थी ,,,,कॉफी पीने के 2 घंटे बाद भी अंश का सर दर्द कम होने की बजाय और ज्यादा दर्द बढ़ गया था,,, या ,,,उसे अब अपना केबिन कुछ-कुछ धुंधला नजर आने लगा था,,,,

 अंश ऐसा महसुस कर अंश खुद से यह मुझे ,,,,सब कुछ ढूंढला क्यों दिख रहा है ,,,और यह मुझे अजीब सा क्यों लग रहा है,,,

कि उसे याद आता है ,,,,की उसने 2 घंटे पहले अपने असिस्टेंट दुवारा लाई गई कॉफी पी थी,,,,, उसका बाद से ही उसका ये हाल हो रहा है,,, ये याद आते ही अंश खुद से,,,,, ,,, इसका मतलब जानवी ने उस कॉफी में भी कुछ मिला दिया था,,,,, तभी तो मेरी तबीयत खराब हो गई है ,,,,,, याह सोच अंश की आंखे गुस्से से लाल हो जाती है ,,,,और फिर अंश जल्दी से अपने फोन से जानवी को फोन कर,,,, अभी और इसी वक्त मेरे केबिन में आओ ,,,,
 अंश के बुलाने से जानवी ,,,,,,जब अंश के केबिन में जाती है ,,,,तो देखती है कि ,,,,उसे अंश कहीं नज़र नहीं आता ,,,,,,जिसे देख जानवी अपने मन में ,, ,,याह अंश मुझे यहां बुलाकर खुद कहां चला गया ,,,,,याह सोच ,,,,,,जानवी जैसे वहां से जाने के लिए मुड़ती है,,,, कि तभी अंश Uske Samane a jata hai,,,,,जिसे देख जानवी ,,,,एक पल के लिए डर जाती है ,,,,,क्योंकि इस वक्त आश की आंखें बिलकुल लाल दिख रही थी,,,,,लेकिन बताना मुश्किल था ,,,की अश की आंखें किस वजह से लाल थी उसके गुस्से या फिर नशे की वजह से,,,,

 जानवी अंश को यूं अचानक अपने सामने देख हकलाते हुए,,,, क्या क्या हुआ अंश तुम्हें

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