desire to touch in Hindi Spiritual Stories by Review wala books and stories PDF | स्पर्श की ईच्छा

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स्पर्श की ईच्छा

वो परेशान था
   शरीर उसका सामने पड़ा था वह कुछ भी नहीं कर पा रहा था ,करता कैसे  ?वह शरीर से बाहर निकल चुका था और अब उसको अपने पृथ्वी वाले संबन्दियों और दोस्तों की सिर्फ यादें रह गई थी ,उसके सामने सभी थे पर वो किसी कोई स्पर्श नहीं कर पा रहा था ना कोई आवाज निकल रही थी जैसे उसकी जिह्य  जीभ को किसी ने चिपका दिया हो या लकवा मार दिया हो । 
   अपने शरीर को देख देख कर वो परेशान हो रहा था कुछ देर में इसको अग्नि के हवाले कर दिया जाएगा और वो धू धू करके  जल जायेगा यानी उसके शरीर के सारे अंग ,बाल ,चेहरा आदि सब कुछ। 
  उसकी सबसे बड़ी परेशानी तो यह थी कि वो किसी का स्पृष् नहीं कर पाएगा, कैसे वोअपने बीवी बच्चों के साथ दिन गुज़ार रहा था और उनके स्पर्श का आनंद अनुभव करता था,स्पृष् ही उसको जीवित शरीर का प्रमाण लगता था । 
    मृत्यु के देवता ने उसकी एक न सुनी और उसके चेतन को पकड़ कर उसे ऐसी जगह ले गए जहां पर सिर्फ दो आयाम है ,वहाँ किसी भी प्राणी का कोई वजन नहीं होता सिर्फ स्वप्नवत  शरीर होते हैं और वह  घूमते रहते हैं, चलते हैं ,काम करते हैं पर एक दूसरे को स्पर्श नहीं कर पाते ।

यह स्थान एक विचित्र और अद्भुत दुनिया थी, जहां समय और स्थान का कोई अस्तित्व नहीं था। यहाँ के प्राणी बिना किसी भौतिक बंधन के स्वतंत्र रूप से विचरण करते थे। वे एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते थे, लेकिन उनके बीच कोई भौतिक संपर्क संभव नहीं था। यह एक ऐसी दुनिया थी जहां भावनाएं और विचार ही सब कुछ थे, और भौतिकता का कोई महत्व नहीं था।

इस दुनिया में, हर प्राणी अपने-अपने स्वप्नों में खोया रहता था। वे अपने अतीत की यादों में जीते थे, अपने भविष्य की कल्पनाओं में खोए रहते थे, और वर्तमान में बस एक स्वप्नवत जीवन जीते थे। यहाँ कोई दुःख, कोई पीड़ा नहीं थी, लेकिन साथ ही कोई खुशी, कोई उत्साह भी नहीं था। यह एक स्थिर और शांतिपूर्ण दुनिया थी, जहां हर प्राणी अपने-अपने स्वप्नों में मग्न था।

वक़्त बीत रहा था और......
    बिना शरीर की इस दुनिया में उसको  दो सौ वर्ष से भी अधिक हो गए ,अब उसे बताया गया कि अब उसका कर्म फल उदित होने वाला है और ग्रहों की स्थिति के हिसाब से उसका पुनर्जनम होने वाला है
     तब उसकी जान में जान आई ,अब उसे लगा कि " वो पृथ्वी पर जन्म लेकर फिर से मनुष्य  के शरीर को पायेगा और   वहां के प्राणियों को
पुन स्पर्श कर पायेगा,अब बस इंतज़ार था,कुछ ही महीनों का,बस
   स्पर्श की वर्षो पुरानी इच्छा पूरी होने ही वाली थी यानी,सारे सम्बन्ध फिर से जीवित हो जाएंगे और कालान्तर मे वह अपनी पत्नी का भी भरपूर स्पृष् कर पायेगा। 
   अब वो राहत की सांस ले रहा था। 
    
(स्पर्श बुद्धि के पांचों आयामों में से एक है1. स्पर्श का महत्व उस सुचना के आधार पर होता है जो हमें पांच इन्द्रियों के माध्यम से मिलती है1. इसके अलावा, स्पर्श का महत्व बहुत से धार्मिक, सामाजिक, और मनोवैज्ञानिक पहलुओं से जुड़ा हुआ है।)