पिंडोंरा: एक समय चक्र की यात्रा
हिमानी बचपन से ही रोमांचक जगहों पर जाने की शौकीन थी। उसे पुराने खंडहर, सुनसान जंगल, और रहस्यमय स्थानों का आकर्षण खींचता था। उसकी कल्पना शक्ति उसे हर बार नए अनुभवों की ओर प्रेरित करती। एक दिन उसने सुना कि शहर के बाहरी इलाके में एक "काली झाड़ी का जंगल" है। यह जंगल रहस्यमय और खतरनाक माना जाता था, लेकिन हिमानी के रोमांचक स्वभाव ने उसे वहां जाने से नहीं रोका।
शाम का समय था। सूरज अपनी आखिरी किरणें बिखेर रहा था, जब हिमानी अपने कैमरे और पानी की बोतल के साथ जंगल की ओर निकल पड़ी। जंगल में घुसते ही उसे अजीब-सी खामोशी महसूस हुई। पक्षियों की चहचहाहट और हवा की सरसराहट गायब थी। यह जगह किसी और ही दुनिया का हिस्सा लग रही थी।
थोड़ी दूर चलने के बाद, हिमानी को जंगल के बीचोबीच चार गुलाबी खंभे दिखाई दिए। ये खंभे एक गोल घेरे में खड़े थे और उनकी सतह पर अजीब-सी आकृतियाँ बनी हुई थीं। उसने गौर किया कि इन आकृतियों में किसी ग्रह के मानचित्र और अनजान भाषा के चिह्न थे। यह नज़ारा इतना अद्भुत था कि वह कुछ देर वहीं खड़ी होकर उन्हें देखती रही।
किसी अदृश्य बल के खिंचाव से हिमानी उन चार खंभों के बीच खड़ी हो गई। जैसे ही उसने वहां कदम रखा, खंभों पर नक्काशी चमकने लगी। उसके कानों में अजीब-सी आवाज़ें गूंजने लगीं, जैसे किसी अनजानी भाषा में कोई मंत्र पढ़ा जा रहा हो। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, एक तेज़ बिजली की चमक हुई और हिमानी हवा में गायब हो गई।
जब हिमानी को होश आया, तो उसने खुद को एक अजीबो-गरीब जगह पर पाया। वहां का आसमान गुलाबी रंग का था और जमीन पर नीले रंग की घास थी। दूर-दूर तक उसे विचित्र जीव-जन्तु दिखाई दे रहे थे। इन जीवों की बनावट इंसानों से बिल्कुल अलग थी। वे छोटे और मोटे थे, उनका सिर बड़ा था और आंखें बड़ी-बड़ी चमकदार। यह जगह पृथ्वी से बिल्कुल अलग थी।
हिमानी को समझने में देर नहीं लगी कि वह किसी और ही ग्रह पर आ गई है। उसके मन में डर और जिज्ञासा दोनों थे। उसने सोचा, क्या यह सपने जैसा कोई भ्रम है? या मैं सचमुच किसी अन्य ग्रह पर हूं?
एक समूह अजीबो-गरीब जीवों ने हिमानी को देखा और धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने लगे। उनके हाथों में चमचमाते यंत्र थे। हिमानी ने डरते हुए हाथ ऊपर उठा दिए, मानो यह दिखाने के लिए कि वह कोई खतरा नहीं है।
उन जीवों ने आपस में अपनी भाषा में कुछ कहा और फिर एक ने हिमानी से बात करने की कोशिश की। उसने अपने उपकरण से कुछ बटन दबाए और एक अनुवादक यंत्र सक्रिय हो गया। अब उनकी आवाज़ हिमानी को समझ में आने लगी।
"तुम कौन हो? और यहां कैसे आई?" एक मोटा और गोल-मटोल जीव, जिसने नीली रोशनी से बना कवच पहना हुआ था, उससे बोला।
"मेरा नाम हिमानी है। मैं पृथ्वी नामक ग्रह से आई हूं। मैं नहीं जानती कि मैं यहां कैसे पहुंच गई।" उसने डरते हुए उत्तर दिया।
वह जीव कुछ पल के लिए चुप रहा और फिर बोला, "तुम हमारे ग्रह पिंडोंरा पर हो। ये चार गुलाबी खंभे, जिनसे तुम यहां आई हो, समय और अंतरिक्ष के द्वार हैं। यह तकनीक बहुत पुरानी है और अब इसे बंद कर दिया गया था।"
पिंडोंरा के लोग, जिन्हें "ज़िनटेक्स" कहा जाता था, विज्ञान और तकनीकी विकास में अत्यधिक उन्नत थे। उनके शहर तैरते हुए बादलों के ऊपर थे। यातायात के लिए वे हवाई वाहन और टेलीपोर्टेशन का उपयोग करते थे। उनके पास विशाल ऊर्जा स्रोत थे जो ग्रह की हर चीज़ को संचालित करते थे।
हिमानी को इस नई दुनिया में हर चीज़ चमत्कारी लग रही थी। ज़िनटेक्स उसे अपने शहर लेकर गए। वहां के चमचमाते भवन, अजीब रोशनी वाले पेड़, और उन्नत रोबोटों ने उसे मंत्रमुग्ध कर दिया।
ज़िनटेक्स लोगों ने हिमानी को एक मेहमान के रूप में स्वीकार किया, लेकिन उनकी चिंताएं भी थीं। उनकी सभ्यता के नियमों के अनुसार, बाहरी ग्रह से आए किसी व्यक्ति को वापस भेजने के लिए कई सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था।
शुरुआत में, ज़िनटेक्स हिमानी पर भरोसा नहीं कर रहे थे। उन्हें डर था कि उसकी उपस्थिति से उनके ग्रह पर खतरा आ सकता है। लेकिन हिमानी ने अपनी बुद्धिमानी और संवेदनशीलता से धीरे-धीरे उनका दिल जीत लिया।
एक दिन, हिमानी ने देखा कि ज़िनटेक्स के बच्चे एक रोबोटिक गेंद के साथ खेल रहे थे। वह उनके पास गई और अपनी ओर से एक नया खेल सिखाया—पत्थर से निशाना लगाने का। बच्चों को यह खेल बेहद पसंद आया, और जल्द ही पूरे शहर में यह लोकप्रिय हो गया।
ज़िनटेक्स के नेता, ज़िनरोक, ने हिमानी से कहा, "तुमने हमारे बच्चों को खुशियों का एक नया तरीका दिया है। तुम्हारी मासूमियत और जिज्ञासा हमें बहुत पसंद है। लेकिन तुम्हें अपने ग्रह पर वापस जाना होगा।"
हिमानी ने ज़िनरोक से समय चक्र के बारे में पूछा। ज़िनरोक ने बताया कि समय चक्र एक प्राचीन तकनीक थी जिसे उनके पूर्वजों ने बनाया था। यह द्वार केवल तभी खुलता है जब कोई इसकी ऊर्जा को अनजाने में सक्रिय कर देता है।
"तुमने समय चक्र को कैसे सक्रिय किया, यह हमारे लिए भी एक रहस्य है। लेकिन इसे फिर से सक्रिय करना खतरनाक हो सकता है।" ज़िनरोक ने चेतावनी दे
हिमानी ने पिंडोंरा पर बहुत कुछ सीखा। उसने ज़िनटेक्स से उनके उन्नत विज्ञान और शांतिपूर्ण समाज के बारे में कई बातें समझीं। लेकिन वह जानती थी कि उसे अपने घर लौटना है।
ज़िनरोक और उनके वैज्ञानिकों ने समय चक्र को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई। यह प्रक्रिया जटिल और जोखिम भरी थी। जब समय चक्र चालू हुआ, तो एक बार फिर से बिजली की चमक हुई और हिमानी गायब हो गई।
हिमानी ने खुद को फिर से उसी काली झाड़ी के जंगल में पाया। सब कुछ वैसा ही था जैसा उसने छोड़ा था। लेकिन अब वह बदल चुकी थी। उसने एक नई दुनिया देखी थी और अनुभव किया था कि हमारी सोच और तकनीक से परे भी जीवन संभव है।
वह घर लौट गई, लेकिन अपने इस अनुभव को एक गुप्त रहस्य की तरह अपने दिल में रखा। उसे यकीन था कि किसी दिन वह फिर से पिंडोंरा या किसी अन्य ऐसी ही जगह पर जाएगी।
यह कहानी हिमानी के रोमांच, अनजानी दुनिया के रहस्यों, और मानवीय जिज्ञासा की विजय की कहानी है। पिंडोंरा सिर्फ एक ग्रह नहीं था, बल्कि एक सीख थी कि विश्वास और दोस्ती हर दीवार को तोड़ सकती है।
(कहानी समाप्त)