मेरे सर पर रखना…
बाबा तू अपना हाथ…!
सुख हो या चाहे दुख हो…
तू हर पल रहना बस मेरे साथ…!!
//हर हर महादेव//
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अब आगे–
वहीं hall room से attached एक बड़ा सा kitchen बना हुआ था। जिसमें एक लड़की kitchen की तरफ मुंह करे हुए खड़ी थी। जिसकी वजह से उसकी बस back ही दिख रही थी। जिसको उसके लंबे काले घने लहराते बालों ने ढक रखा था।
तभी वो लड़की किसी servant को आवाज देते हुए बोलती है, "रामू काका… रामू काका… मैं जब तक सब्जियां काट रहीं हूं। तब तक आप खीर में डालने के लिए मेवा (काजू, बादाम, किसमिस, etc…) काट लीजिए please…।"
उसकी मीठी सी आवाज ने तो जैसे सबके कानों में मिश्री ही घोल दी हो, इतनी मीठी और सुरीली आवाज सुन कर वहां मौजूद सारे servant's के face पर एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है।
तभी सबको उस लड़की की मीठी सी आवाज दुबारा सुनाई देती है। जो उतने ही प्यार से राजू काका से बोलती है, "क्या हुआ राजू काका…? आप सुन भी रहे हैं या नहीं…? जल्दी कीजिए वो आते ही होंगें।"
उसकी इतनी प्यार भरी बोली सुन कर राजू काका उससे प्यार से बोलते है, "बिटिया! तुमको हमसे please बोलवे की काओंनो जरूरत नाहीं है। तुम का हम कितनी बार समझाए है की, तुम हमार मालकिन हो, हमारे मालिक की पत्नी हो। हमसे अईसन बात करत अगर मालिक कबहूं देख लिए ना तुम को तो, उई गुस्सा हुई जायेही तुम से।" इतना बोल राजू काका चुप हो कर उस लड़की के सामने अपने हाथ जोड़ कर खड़े हो जाते है।
तभी वो लड़की अपना काम छोड़ कर राजू काका के हाथों को पकड़ लेती है। जैसे ही वो मुड़ती है, उसका मासूम और प्यारा सा चेहरा देख कर वहां मौजूद सारे servant's के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान आ जाती है।
गोल चेहरा, गोरा रंग, दो बड़ी बड़ी भूरी आंखें, जिनके ऊपर काली लंबी घनी पलकों का पहरा, लंबी तीखी नाक, खिले हुए गुलाब की पंखुड़ियों की तरह ही उसके वो गुलाबी होंठ, हाईट 5’ 5", उम्र 22 साल, पतली सुराही दार गर्दन, पतले लंबे हाथ, पतली सी गोरी गोरी कमर, उसने इस वक्त plane blue 🔵 colour की साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें से उसकी गोरी पतली कमर झांक रही थी।
दिखने में जितनी सुंदर उतनी ही मन की साफ, बड़ों को सम्मान, और छोटों को प्यार देना ही इन्होंने सिखा है। इतनी सुंदर होने के बावजूद इनके अंदर घमंड एक भी नहीं हैं। ये कभी किसी का अपमान नहीं करती हैं, फिर चाहे वो कोई servant ही क्यों ना हो।
इनकी life का बस एक फंडा है, "खुश रहो और दूसरों को खुश रखो" बस फिर सब सेट है। ये है हमारी कहानी की heroine और Mr. Sarthak Oberoi की wife "Kaynat Saxena"…।
Kaynat और Sarthak की शादी को दो साल पूरे होने वाले है। भले ही ये शादी kaynat के मर्जी के खिलाफ हुई थी, पर अब वो इस शादी, इन सारे रिश्तों में Seattle हो गई थी। अभी तक तो Kaynat और Sarthak की life में सब कुछ सही चल रहा था।
अब चलते है कहानी की तरफ –
राजू काका Kaynat को देख मुस्कुरा देते है, तो वहीं Kaynat उन्हें गुस्से में घूरते हुए कहती है, "क्या काका मैंने आपको कितनी बार कहा है की, आप हम सब से बड़े है।"
इतना बोल Kaynat राजू काका के दोनों हाथों को पकड़ कर नीचे कराती हैं, और फिर अपने हाथ झाड़ते हुए आगे बोलती है, "हां ये हुई ना बात…! आप के हाथ हमें आशीर्वाद देते हुए ही अच्छे लगते है काका। उनका प्रयोग आप ऐसे काम करने में मत किया कीजिए, और खबरदार जो आपने हमें खुद को काका कहने रोका। एक अपनापन सा महसूस होता है हमें, जब हम आपको काका कह कर बुलाते है, और वैसे भी आपको तो पता ही हैं ना काका, आपके मालिक कभी kitchen में नहीं आते हैं।"
इतना बोल Kaynat काका को देख हंसने लगती है। उसकी मासूमियत से भरी बातें सुन कर और उसकी मासूम सी हंसी सुन कर काका भी हंसने लगते है। उन दोनों के साथ वहां मौजूद सारे servant's के face पर smile आ जाती है।
फिर Kaynat राजू काका से बोलती है, "चलिए राजू काका! बहोत हो गया हंसी मजाक, अब हम दोनों काम में लगते हैं। क्योंकि आपके साहब किसी भी वक्त घर आते ही होंगें।"
Kaynat की बात सुन कर राजू काका अपना सर हां में हिलाते है, और वो भी अपने काम में लग जाते है। उन दोनों में से किसको भी ये नहीं पता था की, Sarthak तो कब का घर आ चुका था।
वहीं Sarthak Villa के अंदर आते ही, बिना यहां वहां देखे सीधे अपने bedroom में चला जाता है। Bedroom में पहोंच कर Sarthak fresh होने के लिए bathroom के अंदर चला जाता है।
Kaynat अभी भी Sarthak के घर आने की बात से बेखबर kitchen में अपना काम करने में लगी हुई थी। तभी एक servant आ कर उस से बोलता है, "Ma'am…! Sir आ चुके है, और वो आप से कुछ बात करना चाहते है।"
Sarthak के आने की बात सुन कर Kaynat के चेहरे की हवाइयां उड़ जाती हैं। जहां अभी थोड़ी देर पहले तक उसके चेहरे में बस खुशी, मुस्कुराहट थी, वहीं अब उसकी जगह चिंता, डर और परेशानी ने ले ली थी।
Kaynat को ना जाने क्यों पर, Sarthak की आने की बात सुन कर खुशी नहीं हुई थी। डर और चिंता से उसके माथे पर पसीने की बूंदें भी आ गई थी। जिसे देख कर कोई भी ये बता सकता था की, Kaynat Sarthak से कितना ज्यादा डरती थी।
Kaynat फिर भी अपनी सारी हिम्मत बटोर कर अपने चेहरे पर एक मुस्कान लाती है, और पीछे पलट कर राजू काका और बाकी सारे servant's से स्नेह और आदर के साथ बोलती है, "राजू काका और आप सब please ये सब कुछ देख लेना। मुझे आपके boss ने बुलाया है, और आप सबको तो पता ही है की, उनको किसी भी काम में जरा सी भी देरी नहीं पसंद। मुझे अगर जाने में देर हो गई तो, वो बहोत गुस्सा हो जायेंगे और फिर उनका प्रकोप सब पर बरसेगा।"
इतना बोल Kaynat हंसने लगती है। उसको इस तरह हंसते देख कर राजू काका उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोलते है, "कौनों बात नाही बिटिया तू जा, हियां हम सब जने हइन ना, हम सब संभाल लेब हियां। तू जा नाहिं तो मालिक सच्चे मा नाराज हुई जैहें।"
राजू काका की बात सुन कर Kaynat अपना सर हां में हिला कर तुरंत kitchen से निकल जाती है। पर Kaynat की डरने की वजह क्या थी, ये तो आगे आने वाली कहानी में पता चलेगा आपको। उसके लिए आप सबको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
आखिर क्यों डरती थी Kaynat Sarthak से इतना…?
और क्या बात करना चाहता है Sarthak Kaynat से…?
इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ और पढ़ते रहिए–
"My Passionate Hubby"
To Be Continued……