हा बाबा उतने में ही वापस आ जायेंगे .. चलो न अब मेरे साथ .. आज तो मोज मस्ती करनी ही हैं.. वो इतना कह कर आस्था का हाथ खीच कर लेकर जाति हैं.. वो दोनो ही पूरे दिन बड़े ही अच्छे तरह से एन्जॉय करते हैं.. अभी शाम।के 5 बज ने को आई हुए थे इसलिए आस्था कहती हैं अरे यार में तेरे घर तुम्हे छोड़ ने के लिए आई तो बहुत ही लेट हो जायेगा यार ..तभी सिया कहती हैं: अच्छा फिर एक काम करते हैं...
आस्था उसे हैरानी भरी आंखों से दिखते हुए कहती हैं... क्या???
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सिया: अरे कुछ खास नहीं तुम यह से चली जाऊ अपने घर में यह से अपने घर ...
तभी आस्था कहती हैं: अरे लेकिन तुम्हारी ..
सिया उसे आगे बोलने से मना कर देती हैं और कहती हैं: कुछ नही डियर तुम चली जाऊ में भी जाति हु .. में तुम्हे घर पर पहुंच ने के बाद कॉल कर देती हु जिसे तुम्हे भी आराम मिल जायेगा और तुम घर पर जल्दी पहुंच गई तो तुम मुझे कॉल कर देना ...
आस्था: हा ये बात ठीक है वो इतना कह कर उसे बाय कह कर वहा से चली जाति हैं.....
उसके जाने के बाद सिया भी रास्ते पर चलने लगती हैं.. करीबन १ घंटे के बाद सिया के फोन पर आस्था का कॉल आता हैं और सिया कॉल को उठाते हुए कहती हैं: पहुंच गए.???
तभी आस्था कहती हैं: हा में तो पहुंच गई। तुम???
तभी सिया कहती है : अरे नही अभी थोड़ा ही बाकी हैं में घर के पास ही हु .. तभी उसे पीछे से चलने की आवाज सुनाई देती हैं.. जिसे सुनकर वो पीछे मुड़ती हैं लेकिन वहा पर कोई भी नही था....
सिया को कुछ न बोलता हुआ देख आस्था कहती हैं: क्या हुआ??
सिया: अरे मुझे लगा की मेरे पीछे कोई है . लेकिन अभी फिलहाल तो कोई नही हैं.. शायद मेरा भ्रम हुआ होगा......
आस्था: क्या पक्का न?? एक बार देखले और एक काम कर ध्यान से जा... अभी आस्था ये सब बोल।ही रही थी तभी उसे सिया की चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है .. और आस्था ये सुनते ही परेशान हो जाति हैं.. और कहती हैं: क्या हुआ सिया?? हेलो सिया?? मेरे जवाब क्यों नही दे रही हो??? क्या हुआ सिया???
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लेकिन सिया कुछ भी जवाब नही दे रही थी .. तभी आस्था को कुछ अच्छा महसूस नहीं होता और वो अपने कमरे से डायरेक्ट अपने पापा के कमरे में चली जाति हैं... उसके पापा जो अभी किताब पढ़ रहे थे वो आस्था को घबराते हुए देख परेशान हो जाते हैं और कहते हैं : क्या हुआ बेटा??
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तभी आस्था कहती हैं: पापा लगता हैं सिया को कुछ हो गया हैं..
आस्था के पापा हैरानी भरे आवाज में कहते हैं.. क्या??? क्या हो गया हैं??
तभी आस्था कहती हैं: पता नही पापा लेकिन कुछ तो हुआ हैं... चलिए न मेरे साथ
तभी आस्था के पापा कहते है: एक काम करो तुम यह पर रहो में जाता हु और मेरे साथ मेरे आदमी को भी लेकर जाता हु लेकिन आस्था थी की मान ही नहीं रही थी .. वो कहती हैं: नही पापा में भी आप के साथ चलूंगी .... वो इतना कह कर उसके पापा के साथ चली जाति है .....
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वो लोग सिया के घर के बाहर पहुंच ने ही वाले होते हैं तभी रास्ते पर बहुत ही सारी भीड़ को देख लेते हैं. एक पल के लिए us भीड़ को देख कर आस्था के मन में सिया के लिए अजीब तरह से खयालात आने लगते हैं. लेकिन वो अपने खयालात को काबू में करती हैं.. और एक बार इस भीड़ के अंडर चली जाति हैं.. जब वो अंडर जाति हैं तो पूरी तरह से हैरान हो जाति हैं और धड़ाम करके नीचे गिर जाति हैं.......
सामने कुछ और नहीं बल्कि सिया की लाश पड़ी हुई थी जिसको देख कर ऐसा लग रहा था की उसको किसी ने पहले उसके बॉडी का फायदा उठाया गया हो । और बाद में उसको बड़े ही बहरामी से मार दिया हो ......
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सिया की ऐसी हालत देख कर आस्था अपने मन ही मन बहुत ही टूट चुकी थी .तभी उसके पापा आते हैं और वो कहते हैं.. क्या हुए ?? जब वो भी सिया की हालत देखते हैं तो बड़े ही हैरान हो जाते हैं.. और वो भी आस्था को संभाल ने लगते हैं........ उसको संभाल ने के बाद ....
वो उसे लेकर जाते हैं
दूसरे दिन
सिया के घर में।कोई नही था उसकी थी तो अपनी आस्था इसलिए आस्था ही अपने दोस्त का अंतिम संस्कार करती हैं और वो लोग घर पर आ जाते हैं...
करीबन 10 दिनों के बाद .।।।।
आस्था खिड़की तरफ देख कर खड़ी थी उसे देख कर कोई भी कह सकता हो की उसने अपने जीवन में बहुत ही अहम सा हिस्सा खो दिया हो .....उसको देख कर आज उसके पापा को उसके ऊपर तरस आ जाता हैं..तभी उनके फोन पर किसी का कॉल आता हैं..कॉल पर बाते सुनकर हैरान हो जाते हैं और वो सिया की खबर लेकर आस्था के पास आ जाते हैं..और आस्था को।कहते हैं..बेटा मुझे पता चल गया हैं की सिया के साथ ये दुष्कर्म किसने किया हैं........
ये सुनते ही आस्था के आंखो में जेसे आग की लपटे उठ रही हो...और वो पूरी गुस्से में बोलती हैं..कौन हैं वो ,?? पापा कौन हैं???????
तभी वो कुछ ऐसा बोलते हैं जिसका नाम सुनकर उसकी आंखो में अब सिर्फ और सिर्फ नफरत की भावना ही पैदा हो जाति हैं! और वो कहती हैं! इस आदमी को अब में।नही छोड़ ने वाली पापा.. उसने आप के साथ मेरे दोस्त के साथ जो भी किया हैं उसका में अच्छी तरह से बदला लेकर ही रहूंगी .. देखना पापा अब ये आदमी जेल के पीछे हवा खा रहा होगा... अब में उसको खुले आम आप की ओर मेरी लाइफ से जुड़े इंसान के साथ कुछ नही होने दुगी .. अब बहुत ही हुआ.. अब ये आस्था .. पूरी आस्था से उसको बुरी तरह से बर्बाद करके ही दम लुंगी।।।।
पापा आप मेरे जाने की व्यवस्था करिए ... मुझे अब बस अपनी आंखो के सामने उसकी बर्बादी ही दिखाई दे रही है.. पूरी तरह से बरबादी....
To be continued 💫💙