Nafrat e Ishq - 3 in Hindi Love Stories by write books and stories PDF | नफ़रत-ए-इश्क - 3

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नफ़रत-ए-इश्क - 3

यशबर्धन जी के जाते ही चित्रा जी चुप चाप सोफे पर बैठ गई ।चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ साफ दिख रही थी।सरगम कॉफी का कप साइड में रख उनके पास बैठ जाति हैं। और उनके हाथों पर हाथ रख समझाते हुए,"आप चिंता मत कीजिए दीदी, बस एक बार अभय की शादी प्रिया से हो जाए,(प्रिया अभय की मंगेतर)फ़िर देखना सब ठीक हो जाएगा। प्रिया बहत समझदार हैं। संभाल लेंगी वो अभय को। ओर अभय बहत जल्दी अपना पास्ट भूल जायेंगे ।और धिरे धिरे पापा जी की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।"सरगम की बात सुनकर चित्रा जी एक जबरदस्ती को मुस्कुराहट चेहरे पर लाकर,"ये सब तो तब होगा ना जब अभय प्रिया से शादी करेंगे।उनकी मंगनी को 2 साल हो गए हैं ओर अभय अभि तक....बोलते बोलते ही वो रूक गईं। और उनके आंखों से आंसू बहे गए।सरगम उनके आंसू पोंछ कर दिलासा देते हुए,"मंगनी केलिए मान गए थे ना, थोडा और वक्त दीजिए दीदी, शादी केलिए भी मान ही जाएंगी।"सरगम ने कहा और चित्रा जी के गले लग गई।

Hotel royal presidency सुबह का वक्त...

जानवी बीना अपनी आँखें खोले आस पास बेड पर हाथ टटोलने लगती है। विराट के ना होने के ऐहसास से ही वो एक ही झटके में उठ कर बैठ जाति है, और पुरे कमरे में नजर घुमाने लगी। मिरर के सामने विराट को ब्लैक बिज़नेस सूट में तयार होता हुआ देख, साइड में पड़े बेडशीट को अपने ऊपर आधे अधूरे लिपट कर उसके पास जाकर उसे पीछे से बांहों में भर लेती है।



"क्या हुआ जान?"विराट बिना किसी भाब अपना वाच पहन ते हुए पूछने लगा।जानवी उसके पीठ पर सिर रखे, आँखें बन्द करते हुए निंदिया ती आवाज में ,"आज कुछ ज़्यादा ही जल्दी नहीं उठ गए? और कुछ ज़्यादा ही हैंडसम नहीं लगरहे हो?"विराट अपने बाल सेट करते हुए,"It's 11 am जान, मां का घर से फोन आया था। प्रिंसेस (विराट की भतीजी पीहू जिसे विराट प्यार से प्रिंसेस बुलाता है) बहत याद कर रही है ।इसलिए


"क्यों? कुछ हुआ है क्या पीहू को? परी दी(परणिति  विराट की बड़ी बहन पीहू की मां)तो ठिक हैं ना? आज तो उनका चेक अप था ना?"


इससे पहले की विराट अपनी बात पुरी कर पाता, जानवी उस पर सवालों  के बौछार करने लगी।विराट पीछे मुड़कर उसके होठों पर उंगली रख,



"Shhhh, सब ठीक है। किसीको कुछ नहीं हुआ। अब तू जा और जल्दी से रेडी हो जा।"जानवी अपने होठों पर रखें विराट के उंगलियां को बाइट करते हुए सरारत से बहके अंदाज़ में बोलि ,"I am hungry।"


विराट उसकी बात सुनकर उसे खुद से दुर करते हुए

,"तो तू ब्रेकफास्ट ऑर्डर करले, में चलता हुं। तेरे लिऐ गाड़ी भिजवा दूंगा।"कहकर वो जाने लगा।जानवी उसके टाई को खिंच कर खुद के करीब करते हुए सेडक्टिव अंदाज में,"I want to eat you mr विराट अग्निहोत्री।"विराट उसके सीने के पास एक उंगली रख कर खुद से दुर करते हुए,"I am getting late miss जानवी आहूजा।"बोलकर वो जाने लगा।


"12 साल के बाद उसके क़रीब जा राहा है, इसलिए सायद मूझसे दूर जाने केलिए ये कदम कुछ ज़्यादा ही हड़बड़ाहट में हैं, सही कहा ना?"उसकी बात सुनकर विराट के चलते कदम ठहर जाते हैं। लेकिन वो पीछे मुड़ कर नहीं देखता।




जानवी उसके और कदम बढ़ाकर अपनी गहरी नजर उसपर डाल कर,"तेरे सांस लेने के लहज़े से ही तेरे अन्दर की बैचेनी समझ सकती हुं। में तूझे कितनी अच्छी तरह से जानती हूं, ये मुझे तुम्हें बताने की जरूरत तो नहीं हे ना?" जानवी ने कहा और उसके पीछे आकर खडी हो गई।




विराट कुछ पल वैसे ही खडा राहा। फिर बीना कुछ कहे वहां से जाने लगा।जानवी पीछे से उसके हाथ पकड़ कर गुस्से और सनक भरी आवाज में,"अपनी नफरत से पुरी दुनियां को आग लगा दे। चाहे सब कुछ बरबाद करदे। I don't care. बस खुद को किसी पर फना करने का कोई हक नहीं। क्यों के तेरे सासों पर बस मेरा हक हे।"कहते हुए वो विराट को अपने और खिंच कर बाहों में भर लेती है।



विराट गुस्से से उसके सिर के पीछे हाथ रख कर उसके बालों को भींज कर दहक ते हुए आवाज में,"मेरे इन सांसों पर तेरा हक तबतक है जब तक के ये सासें चल रही हैं। एक बार ये सासें खत्म, तेरा मेरा रिश्ता भी खत्म।"कहते हुए वो आग उगलती नजरों से जानवी के देखने लगा। जानवी भी उसके नजरों को बीना पलक झपकाए देख रही थी।



विराट उसके बालों पर अपनी पकड़ कस ते हुए उसे घूर कर,"मेरे नफरत के साथ मेरा रिश्ता, मेरे मौत के बाद भी खत्म नहीं होगा। जब तक जिऊंगा I will make sure के उनकी ज़िन्दगी मौत से बत्तर बना दूं। और अगर में मर भी गया तो कुछ ऐसा करजाऊंगा के नाहीं उन्हें मौत नसीब होगी ओर नाहीं जिंदगी रास आयेगी।"बोलकर विराट एक अजीब नज़र से उसे देख कर उसके बालों को ढीला छोड़ देता है। और उससे दूर होने लगा।



जानवी उसके तरफ गहरी नजर से देख कर,"और कहीं आगर तुम्हारा प्यार तुम्हारे तफरत पर हावी होने लगी तो?"पूछकर वो विराट पर एक सावलिया नजर डालती है।विराट उसके नजरों मे झांक कर ही अपने कोट के पीछे से एक लोडेड गन निकाल कर जानवी के हाथों में थमा देता है। और खुद ही अपने दिल को उसके गन प्वाइंट पर रख कर बीना कोसी भाव के बोला,"जब कभी भी तूझे लगे के उनके सामने में कमजोर पड़ राहा हुं, या अपने मंजिल से भटक राहा हुं तो सीधे यहां (गन प्वाइंट को अपने दिल पर टैप करते हुए) गोली चला देना।"बोलकर वो जानवी के उग्लियों में अपनी उंगलियां फशा कर ट्रिगर पर दवाब डाल ने लगा।




जानवी घबरा कर गन को निचे फ्लोर पर फेंक कर,"Are you mad Virat?"बोलकर वो विराट के करीब हो जाति है ।और विराट के चेहरे को अपनी हाथों में भर कर गुस्से और दर्द में,"अभि एक सेकंड में गोली तेरे सीने के आर पार होती,पता हे?"कहते हुए उसके आंखों में आसूं भर गए।



विराट उसके हथेलियों को अपने हाथों में भर कर, बेपरवा अंदाज में बोला,"उनके इश्क में फना होने से बेहतर तेरे हाथों से फना हो जाऊं।"कहते हुए वो जानवी के डिजायर भरे नजरों में देख ने लगा। जानवी की नज़रें उसपर और भी गहरी होने लगी।



विराट एक ही झटके में जानवी को दीवार के तरफ पुश कर ते हुए एक हाथ से उसके क़मर और दूसरे हाथ से उसके हाथों के उंगलियां को अपने उंगलियां में उलझा कर दबोचते हुए उसके कन्धे और गर्दन को चूम ने लगता है। विराट इस वक्त बिलकुल जेंटल नहीं था। बल्के इसबक्त तो जेसे उसपर जुनून सवार था।जूनून, उसके दिल में दबे नफरत की, उन प्यार भरे यादों की जिस से वो दूर भाग ना चाहता था। जूनून उस बैचेनी को मिटाने की जो वो इस वक्त महसूस कर रहा था।विराट के होंठ पैशनेटली जानवी के गले से होकर उसके कन्धे और सीने तक चल रहे थें।



विराट एक ही झटके में जानवी के बदन पर लिपटे उस बेडशीट को खिंच कर उससे अलग कर फर्श पर फेंक देता है।जानवी को भी अच्छी तरह पता था के विराट को इस वक्त क्या चाहीए। जानवी अपनी उगलियों को उसके गर्दन पर सेड्यूसिंग वे में चलाते हुए उसके नेक टाइ को खिंच कर निकाल कर, उसके शर्ट को खिंच कर उसके बॉडी से अलग कर देती हे। शर्ट के बटंस टूट कर फर्श पर बिखर जाते हैं।जानवी वाइल्ड हो कर उसके बैर बॉडी को पैशनैटली चूम ने लगती है। विराट भी अब जानवी के इंटेंस पैशन को महसूस कर वाइल्ड होने लगा। और जानवी को बाहों में भर कर बेड पर ले जाने लगा। और बेड पर उसे लेटाकर खुद उसके करीब बढ जाता है।



एक झटके  के साथ उसे पलट कर उसके खुले पीठ को अपने उंगलियों से सहलाने लगता है। ओर झुक कर उसपर अपने होंठ रख, उसे बेतहाशा चूमने लगता है। पुरा कमरा जानवी के मदहोशी भरे सिसकियां से गूंज रही थी। विराट जानवी को अपने और पलट कर खुद पुरी तरह से उसके ऊपर आ जाता है। और उसके होठों पर अपने होंठ रख किस्स के साथ साथ बाइट करने लगता है।विराट बस सब कुछ भुल कर जानवी में ही खो जाने को था, के तभी उसका फ़ोन जो उसके पैंट पॉकेट में था बजने लगा।


विराट फ़ोन पिक करने केलिए हल्के से जानवी से दूर होता है। और  पॉकेट से फ़ोन निकाल कर स्क्रीन में फ्लैश नंबर को देख उसके चेहरे के भाव कुछ बदल से जाते हैं। जो कुछ दर्द के साथ साथ बैचेनी भरी भी थी।वो अपने अन्दर की बैचेनी को अन्दर दबानेकी कोशीश करते हुए, जानवी से दूर होता है। जानवी उसके हाथ पकड़ कर खुद के और खिंच कर कशिश भरी आवाज में,"Don't spoil this moment Virat, please ."विराट उससे दूर होकर,"Go and get ready."बोलते हुए वो call पीक करने बालकनी में चला जाता है। जानवी कुछ वक्त यूं ही बैठ, फिर गुस्से से वाशरूम चली जाती है।



विराट बालकनी में आकर सिगरेट के लम्बी कस भरते हुए call पर,"hmmm"Call के दूसरे तरफ एक सक्स कॉन्फिडेंस से भरे आवाज में,"You were absolutely right sir, तपस्या रायचंद कल नहीं बल्के आज ही लंदन से वापस आ रही हैं। बल्के उनकी फ्लाइट बस थोडी देर में ही लैंड करने वाली हे। अभय रायचंद उन्हे पिक करने एयरपोर्ट निकल चूके हैं।"फ़ोन के दूसरे तरफ के सक्स ने एक ही रो में कहा और ख़ामोश हो गया।"Fine, and one more thing,make sure के अभय रायचंद एयरपोर्ट पर टाइम से ना पहुंच पाए।"विराट ने कहा और फ़ोन काट कर वापस से अपने पॉकेट में रख दिया।


वहीं खड़े कुछ देर सिगरेट के कस भरते हुए कुछ सोच कर तिरछा मुस्कुराने लगा। फिर कुछ सोचते हुए व्यंग भरे अंदाज में बोला,"जान कर अच्छा लगा यशवर्धन रायचंद के तूझे वो बच्चा जो तेरे नजर में बस एक गंदी नाली का कीड़ा था, अब तक याद है। एक गंदी नाली के कीड़े से द ग्रेट यशबर्धन रायचंद इतना डर गया के  अपने पोती को उससे इस कदर छुपाना पड़ रहा है।"कहते  हुए वो वहीं बालकनी के दीवार से टिक जाता है ।


चेहरे पर एक डेवल स्माइल लाकर सर्द आवाज में,"इन 12 सालों में मेने इतनी किताबें नहीं पढ़ी जितना तूझे पढ़ा है यशवर्धन। इस बार तेरे सामने वो 16 साल का मासूम सा वीर कश्यप नही बल्के 28 साल का डेवल विराट अग्निहोत्री  खडा है।"कहते हुए उसके  चहरा गुस्से और नफरत से लाल पढ़ने लगा। हाथों की मुठिया भींज कर दांतों को दबाते हुए  बोला,"वो गंदी नाली का कीड़ा आज तेरे बराबरी में खड़ा है यशबर्धम। जिस बच्चे को तू दुनियां भरमे ढूंढ चूका हे यो  हमेशा से तेरे आस पास ही था।"कहकर वो थोड़े देर तक खमिश रहता है। फिर अपने चेहरे के भाव बदल कर, दोनों हाथों को स्ट्रैच कर कुल अंदाज में अंगड़ाई लेते हुए बोला," आप का डफर आप के वेलकम केलोए रेडी है।  see you soon प्रिंसेस।"

         

कहानी आगे जारी है ❤️                                

क्या विराट अग्निजोत्री और वीर कश्यप एक ही इन्सान है या इन दिनों में कोई गहरा रिश्ता है?क्या रिश्ता है जानवी का विराट के साथ?जानने केलिए आगे पढ़ते रहें।

प्लीज पढ़ कर  रिव्यु कमेंट और हो सके तो फॉलो कर दें ❤️❤️


आप के लाइक कमेंट को देख कर ही में आगे कहानी लिखूंगी।