खुद के एहसासों को कुछ इस तरह बिखेरना चाहती हू
मैं रहूं तुझमें और खुद को खोने के बाद भी तुम्हें पाना चाहती हूं .....
एहसास खुद के लिए कुछ महसूस करना चाहती हूं
बिन बुलाए आंसुओं के साथ भी खिलखिला कर मुस्कुराना चाहती हूं.....
चांद से शिकायत करूं खुद की या बेजुबान बन जाऊं
कहूं खुद से तेरा इंतजार ... बस तेरा इंतेजार करूं ....
आज बात मैं खुद की करूंगी और खुद की एहसासों की..... जिंदगी के भागती दौड़ती वक्त के पहिए के सहारे चल रही हूं .....खुद को मानो जैसे वादा कर वक्त देना भूल गई हूं .....ये कहानी सिर्फ मेरी नही और न मेरे अनकहे एहसासों की जो खुद से चिढ़ कर परेशान हो जाती हूं ।
हम्म्म! शायद कुछ लोगों की कहानी जिंदगी अजीब अजीब से मोड़ पर ला खड़ा कर पूछताछ ऐसी करती है .... जिसका जवाब दे पाना मुश्किल होता है क्योंकि सवाल आसान होते हुए भी जवाब दे पाना कभी कभी नामुमकिन सा लगता है।
लड़का हो या लड़की मुश्किलें सभी के जिंदगी में आती है .... एक के बाद एक ऐसे आती है जैसे उपर वाला हमारी परीक्षा ले रहा हो ।
जिंदगी में आए मुश्किलें सवाल बनकर सामने खड़ा होता है ..... जैसे हमें कोई सिख देने आया हो । यकीनन सिख मिल ही जाती हैं ।।।
पर हम इंसानों की फिदरत है मुस्कुराने की जगह घबरा जाते है ..... खैर छोड़िए हर दूसरा , तीसरा इंसान अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है मगर मुस्कुरा कर उससे लड़ना नहीं ।
गुजरे कल और आने वाली कल की चिंता में अपने आज को जीना भूल चुके हैं , कितना जरूरी है अपनों की छोटी छोटी ख्वाहिशों को पूरी करना ।
अपनों के बीच अपनापन के रिश्ते को सींचे रखना ।
दूसरों के खुशीयों में शामिल होना, जिसे जानते नही है उनकी मुस्कुराहट की वजह बन जाना ।
गैरों से भी रिश्ते जोड़ लेना ।।।
पर ...
आजकल इतना सोचता कौन है ??
इंसानों के बीच में अपनों की ख्वाहिशें का परवाह न करना ....
दिखावे का पोशाक पहने गैरों के बीच अपना होने का ढोंग करना .....
शायद आजकल की ऐसी संस्कृति ही बन गई है ,
दूसरों की खुशीयों को अपने पैरों तले रौंद देना ......और अपने मतलब के लिए लोगों का इस्तेमाल करना ......
तूफान बता खुशियों से खड़ी आशियां को तोड़ देना ।
ये भी तो एक सच है " अच्छाई का चादर ओढ़ कर चलने पर कदम कदम पर विश्वासघात करने वाले लोग लूटने के लिए तैयार बैठे होते हैं ।"
खैर छोड़िए........!!!
किस्तों में मिली खुशियां भी अब अपना नही लगता है ....
अब घर में मां के हाथों का स्वाद नहीं मिलता ....
पिता के कंधे का सवारी नही मिलता .....
मिट्टी में खिलता वो बचपन नही मिलता .....
बड़ा भाई का साथ नही मिलता ...
बहनों का डांट में वो प्यार नही मिलता .....
दादी मां की कहानी से सुकून भरी नींद नहीं मिलता ...
नानी मां का वो लाड प्यार नही मिलता ....
सच कहूं तो अब घर .... घर नहीं लगता ।
एक दूसरे के बीच आदर और सम्मान नहीं मिलता ।।।
मौत के करीब आकर एहसास होता हैं जिंदगी कितनी महंगी है... थोड़ा समय और मिलता तो अपनों के बीच का सारी रंजिशे खत्म कर के जाता ।
पर ऐसा होना नामुमकिन सा है ......!!!
जिंदगी का उसूल है ....
हम इंसान जितना मुस्कुराएंगे वो हमें हंसने के कई सारे वजह देगा ,
उदास रहने लगे तो हमें तकलीफें देने से पीछे भी नही हटेगा।।।।
" उदासी से अच्छा आपकी मुस्कुराहट है
आंसू से अच्छा आपकी कुछ देर का मौन है
जिंदगी जैसी भी है बहुत खूबसूरत है
परेशानियों का आना जाना लगा रहता है
खुद से और खुद के एहसासों से प्यार करे
आज मुश्किल लग रहा है तो कल आसान भी होगा "
Thanks for reading ...😊