Dil Se Dil Tak Ek Tarafah Safar - 6 - Last part in Hindi Love Stories by R. B. Chavda books and stories PDF | दिल से दिल तक एक तरफ़ा सफ़र - 6 - (अंतिम भाग )

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दिल से दिल तक एक तरफ़ा सफ़र - 6 - (अंतिम भाग )

आज जब ये ख़बर मिली कि डॉक्टर साहब की सगाई हो चुकी है, तो जैसे दिल में एक हलचल सी मच गई। कई महीनों से मैं उनके बारे में कुछ भी जानने की कोशिश नहीं कर रही थी, उनके साथ मेरी आख़िरी मुलाक़ात के बाद से ही मैंने तय कर लिया था कि अपने दिल के ये जज़्बात सिर्फ़ अपने तक ही रखूंगी। कभी सोचा था कि इस मोहब्बत को एक छुपे हुए खजाने की तरह अपने दिल में संभालकर रखूंगी। लेकिन आज जब ये सच सामने आया कि वो अब किसी और के होने वाले हैं, तो लगा जैसे मेरे इस खजाने की तिजोरी खुल गई, और सारे जज़्बात सामने आकर खड़े हो गए।

वो आखिरी मुलाकात आज भी याद है, जब मैंने उन्हें देखा था। सादगी से भरा चेहरा, आँखों में एक चमक और उनकी बातों में वही प्यारी सी मुस्कान। मुझे लगा था कि शायद मेरी मोहब्बत उन्हें महसूस होगी, लेकिन शायद मेरे जज़्बात उन तक कभी पहुँच ही नहीं पाए। मुझे पता था कि वो मुझसे उम्र और सोच में थोड़े आगे हैं, उनके ख्यालात गहरे और गंभीर हैं। उन्होंने कभी ऐसा कोई इशारा नहीं किया जिससे मुझे लगा हो कि वो भी मेरे लिए कुछ महसूस करते हैं। और शायद यही वजह थी कि मैंने कभी अपने जज़्बातों का इज़हार नहीं किया।

लेकिन आज जब किसी तरह मुझे ये ख़बर मिली कि उनकी सगाई हो चुकी है, तो दिल में एक हल्का सा दर्द महसूस हुआ। एक पल के लिए लगा कि ये दर्द शायद मुझे बहुत लंबे समय तक सताएगा। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं खुद से ही लड़ रही हूँ, अपने दिल को समझाने की कोशिश कर रही हूँ कि उनकी खुशी में ही मेरी खुशी होनी चाहिए। और हां, शायद मेरे लिए सच में यही सुकून है कि वो अपनी ज़िंदगी में खुश हैं, किसी के साथ वो खुशी पा रहे हैं जिसे वो चाहने लगे हैं।

बहुत बार अपने दिल में सवाल उठे कि क्या मेरी गलती थी जो मैंने अपनी भावनाओं को उनसे छिपाए रखा? शायद अगर मैं अपने जज़्बात पहले ही बता देती, तो चीजें कुछ और होतीं। लेकिन फिर लगता है कि शायद मेरी दुआ में ही कोई कमी रह गई होगी, और उस शख्स की दुआ कबूल हो गई होगी, जो उनके लिए बना है।

मुझे लगता है कि ये मेरा एकतरफा सफर था, जिसे मैंने पूरी ईमानदारी से निभाया। उनके साथ या उनके बगैर, मेरा ये सफर सिर्फ़ मेरे दिल में था, मेरी चाहत में था। ये मोहब्बत कभी भी किसी इज़हार की मोहताज नहीं थी, ये तो बस उनके ख्याल में जीने का एक ज़रिया था। इस सफर की खासियत यही थी कि इसका आरंभ भी मुझसे हुआ था और आज इसका अंत भी मेरी ख़ामोशी में ही हो रहा है।

आज मैं यही सोचती हूँ कि शायद यही इस कहानी का आखिरी मोड़ था। लेकिन फिर भी, एक बात तो साफ़ है कि उनका ख्याल मेरे दिल के एक कोने में हमेशा बसा रहेगा। भले ही मैं कभी उनसे ये नहीं कह पाई कि मैं उनसे कितना प्यार करती हूँ, पर ये एहसास मेरे साथ रहेगा। उनकी हर खुशी, हर मुस्कान के लिए मैंने हमेशा दिल से दुआ की है और आज भी यही दुआ करती हूँ कि उनकी ज़िंदगी में हमेशा खुशियाँ बनी रहें।

शायद ये मेरे एकतरफा प्यार का सबसे खूबसूरत और दर्दभरा अंजाम है। एक सफर जो मेरी चाहत से शुरू हुआ और मेरी ख़ामोशी में खत्म हो गया। अब जब मैं इस कहानी को लिखते हुए देखती हूँ, तो लगता है कि मेरे दिल ने किसी बोझ को हल्का कर दिया है। हाँ, उनका ख्याल हमेशा मेरे साथ रहेगा। और चाहे वो किसी और के साथ हों, मेरी मोहब्बत ने मुझे इतना सिखा दिया है कि उनके बिना भी मैं उनकी यादों में जी सकूं। शायद मेरी दुआओं ने उनके लिए रास्ता बनाया, और उनकी दुनिया किसी और की हो गई।

इस आख़िरी मोड़ पर आकर लगता है कि मोहब्बत सच में वो होती है जो बिना किसी शर्त के निभाई जाए। ये एकतरफा प्यार भले ही अधूरा रहा, पर मेरे दिल में वो हमेशा पूरा ही रहेगा। उनकी यादें किसी अनमोल ख़ज़ाने की तरह मेरे साथ रहेंगी। आज भले ही ये सफ़र एक कहानी की तरह लग रहा हो, पर ये मेरे जीवन का हिस्सा बन चुका है।

आखिर में बस इतना ही कह सकती हूँ कि उनकी ज़िंदगी में हमेशा वो रौशनी बनी रहे, जो मैंने उनके लिए चाही थी। और मैं भी इस सफर को इसी तरह यादों में सहेजकर आगे बढ़ूंगी, क्योंकि कभी-कभी अधूरे ख्वाब भी दिल को एक अनजाना सुकून दे जाते हैं। यही मेरा 'दिल से दिल तक - एक तरफ़ा सफर का आख़िरी पार्ट' है – एक अंत जो शायद हमेशा मेरे दिल की धड़कन में कहीं न कहीं ज़िंदा रहेगा।

और अब, मैं मुस्कुराकर इस सफर को अलविदा कहती हूँ, क्योंकि कहीं न कहीं इस अधूरे प्यार में भी मेरी रूह को एक मुकम्मल सुकून मिल चुका है।

"कहानी का ये आखिरी लम्हा भी सुकून दे गया,
तेरी यादों का दिया मेरे दिल में जलता रह गया।"

"तेरी खुशी में ही मेरी मोहब्बत का साया है,
अब तेरे नाम को मुस्कुराकर रुखसत किया है।"

शायद ये इश्क़ अधूरा था, लेकिन इसने मुझे एक नया सफर तय करने का हौसला दे दिया। अब मैं इस उम्मीद के साथ आगे बढ़ूंगी कि मेरे दिल में भी कभी न कभी कोई ऐसा बसेगा जो इस प्यार की तरह ख़ामोश न रहकर मेरे लिए सदा का साथी बनेगा।

"अब तेरी यादों को ख़ामोशी में दफन कर दूंगी,
तेरी मोहब्बत से अब रिहाई कर लूंगी।
जो अधूरा था, उसे पूरा मानकर मुस्कुराऊंगी,
अब अपनी राहों को नए ख्वाबों से सजाऊंगी।"