Ishq da Mara - 24 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 24

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इश्क दा मारा - 24

राजीव के भागने की खबर सुन कर यूवी परेशान हो जाता है और सोचने लगता है कि कही आज वो कोई तमाशा ना कर दे।

गीतिका के घर में सभी नाश्ता कर रहे होते है तभी गीतिका के डैड बोलते हैं, "गीती कहा है अभी तक नाश्ता करने नहीं आई, कॉलेज नहीं जाना है क्या उसे"।

गीतिका के डैड की बात सुनते ही गीतिका की मॉम उन्हें देखने लगती है और बोलती हैं, "आप ये कैसी बात कर रहे हैं, कल तो आप उसे कॉलेज जाने के लिए मना कर रहे थे, और अब जब वो नहीं जा रही है तो आप उसे जाने के लिए बोल रहे है "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "अब यू बीच में तो उसकी पढ़ाई नहीं छुड़वा सकते हैं ना, बस जो कर रही हैं उसे पूरा करने दो, उसके बाद नहीं करेगी कुछ भी "।

तब तब गीतिका की मॉम बोलती है, "आपको क्या हो गया है आप ये कैसी बाते कर रहे है "।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "मॉम डैड बिल्कुल सही बोल रहे हैं, अगर हम यू अचानक उसकी पढ़ाई छुड़वा देंगे तो लोग क्या सोचेंगे "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "और वो जो कर रही है, उसके बारे में कोई कुछ नहीं सोचेगा और बोलेगा क्या "।

तब गीतिका के भाई बोलते हैं, "आप परेशान मत होइए मॉम मैं अब खुद उसे कॉलेज ले कर जाऊंगा और आऊंगा "।

तभी गीतिका की भाभी बोलती है, "और ऑफिस का काम उसका क्या ?????

तब गीतिका के भाई बोलते हैं, "मैं सुबह से शाम तक उसके साथ कॉलेज में नहीं रहूंगा, बस छोड़ने जाऊंगा और लेने "।

गीतिका की भाभी ये सुन कर मुंह बना लेती है।

तब गीतिका के डैड नौकरानी से बोलते हैं, "गीती अभी तक उठी नहीं है क्या, उसे उठाया नहीं आज "।

तब नौकरानी बोलती हैं, "साहब गीती बेबी की तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आज वो कॉलेज नहीं जा रही है "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "तबियत ठीक नहीं है क्या हुआ उसे, और तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया "।

तभी गीतिका के डैड जल्दी से गीतिका के कमरे में जाते हैं और बोलते हैं, "गीती बेटा क्या हुआ तुम्हे "।

तब गीतिका बोलती हैं, "कुछ नहीं डैड बस थोड़े चक्कर आ रहे है"।

तभी गीतिका के डैड उसका हाथ पकड़ते हैं तो देखते हैं कि उसे बहुत बुखार होता है। तब वो बोलते हैं, "बेटा तुम्हे तो बुखार है, तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया "।

तब गीतिका बोलती हैं, "बस हल्का सा बुखार ही है डैड, आप परेशान मत होइए "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "ऐसे कैसे परेशान ना होऊं, इतना तेज बुखार है तुम्हे "।

तभी गीतिका के डैड डॉक्टर को कॉल करते हैं।

उधर यूवी के घर में दावत की तैयारी चल रही होती है।

यूवी के पापा काम करने वाले से बोलते हैं, "देखो किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, मुझे कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए"।

तब यूवी की मां बोलती है, "वो मुझे आपसे एक बात बोलनी थी "।

तब यूवी के डैड बोलते हैं, "हा बोलो"।

तब यूवी की मां बोलती है, "वो मैं चाहती हूं कि मैं यूवी को थोड़ा मंदिर ले जाऊ, और पंडित जी से बोल कर उसके लिए पूजा करवा आऊ"।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "तुम्हे आज ही मंदिर जाना जरूरी है, तुम जानती नहीं हो कि आज क्या है "।

तब यूवी की मां बोलती है, "यूवी के साथ ये सब हो गया है तो मुझे बड़ा ही डर लग रहा है, तो बस इसलिए मैं जाना चाहती थी "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "हमारे कामों में ऐसी छोटी मोटी बाते होती रहती हैं, ज्यादा परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, जाओ जो काम दे रखा है उसे करो "।

उधर गीतिका के डैड उसे डॉक्टर को दिखा कर अपने ऑफिस चले जाते है।

शाम होती हैं..........

राजीव कैसे ना कैसे करके अपने घर पहुंच जाता है। उसकी हालत बहुत बुरी होती हैं उसके कपड़े फटे रहते है और उसे काफी चोट लगी होती हैं। यू इस तरह अपने बेटे को देख कर MLA साहब घबरा जाते हैं.............