Ishq da Mara - 23 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 23

Featured Books
  • ફરે તે ફરફરે - 37

    "ડેડી  તમે મુંબઇમા ચાલવાનુ બિલકુલ બંધ કરી દીધેલુ છે.ઘરથ...

  • પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-122

    પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-122 બધાં જમી પરવાર્યા.... પછી વિજયે કહ્યુ...

  • સિંઘમ અગેન

    સિંઘમ અગેન- રાકેશ ઠક્કર       જો ‘સિંઘમ અગેન’ 2024 ની દિવાળી...

  • સરખામણી

    સરખામણી એટલે તુલના , મુકાબલો..માનવી નો સ્વભાવ જ છે સરખામણી ક...

  • ભાગવત રહસ્ય - 109

    ભાગવત રહસ્ય-૧૦૯   જીવ હાય-હાય કરતો એકલો જ જાય છે. અંતકાળે યમ...

Categories
Share

इश्क दा मारा - 23

बंटी की बाते सुन कर यूवी बोलता है, "मुझे क्या पता कि इसने मुझे गोली क्यों मारी, जबकि मैं तो इससे पहले कभी इससे मिला भी नहीं था "।

तब राजीव बोलता है, "तू उस दिन मेरे और गीतिका के बीच में क्यों आया था "।

गीतिका का नाम सुनते ही यूवी चौक जाता है और बोलता है, "कौन गीतिका ??????

तब राजीव बोलता है, "वही लड़की जिसे मैं ले कर जा रहा था, तो फिर तू हमारे बीच में क्यों आया "???

तब यूवी बोलता है, "ओए तू उस लड़की को जबरदस्ती खींच कर ले जा रहा था"।

तब राजीव बोलता है, "मैं किसी को जबरदस्ती ले कर जाऊ या प्यार से ये कैसे भी तुझे उससे क्या "।

तब यूवी बोलता है, "क्यों तेरे बाप का राज चल रहा है जो तू किसी भी लड़की को उठा कर ले जाएगा "।

तब राजीव बोलता है, "हा..... मेरे बाप का राज चल रहा है "।

तब यूवी बोलता है, "अगर किसी भी लड़की के साथ ऐसा करेगा ना तो फिर तू भी पिटेगा और तेरा बाप भी"।

तब बंटी बोलता है, "एक मिनट एक मिनट, तो तुमने उस लड़की को बचाने की वजह से इस पर गोली चलाई थी "।

तब राजीव बोलता है, "तो फिर ठीक है अब तुझ पर मैं गोली चलाऊंगा "।

तब राजीव बोलता है, "लगता है कि तुम दोनों को अपनी जान प्यारी नहीं है "।

तब यूवी बोलता है, "बकवास बंद कर और अगर अब तूने एक शब्द भी मुंह से निकाला, तो ये सारी की सारी गोलियां तुझे मारुंगा, अब मैं भी देखता हूं कि तू यहां से कैसे जाता है, मर तू यही पर अब जिंदगी भर "।

उसके बाद यूवी बंटी के साथ वहां से आ जाता है।

उधर गीतिका के डैड और भाई MLA साहब के साथ डिनर कर रहे होते हैं। तब MLA साहब बोलते हैं, "देखिए वो मुझे कुछ जरूरी काम आ गया था तो मैं जा नहीं सका तो इसलिए मैने राजीव को भेज दिया है, और राजीव मुझे एक जिम्मेदारी दे कर गया है"।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "कैसी जिम्मेदारी ?????

तब MLA साहब बोलते हैं, "गीतिका बेटी की जिम्मेदारी, मेरा बेटा बोल कर गया है कि आप लोग गुस्से में उसकी पढ़ाई छुड़वा देंगे, मगर उसकी पढ़ाई छूटनी नहीं चाहिए, उसे जीतना पढ़ना है वो पढ़ेगी"।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "मगर अब उसे पढ़ने की जरूरत ही क्यों है ?????

तब MLA साहब बोलते हैं, "कैसी बात कर रहे हो, जरूरत क्यों नहीं है, जब वो पढ़ लिख कर कुछ बनना चाहती है तो उसे पढ़ने दो"।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "बहुत पढ़ लिख ली वो, अब नहीं "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "ये कैसी बात कर रहे हैं आप, देखिए बच्चों से तो गलतियां होती रहती है, भूल जाइए आप ये सब, और उसे पढ़ने दीजिए"।

उधर यूवी अपने कमरे में लेटा रहता है और बंटी भी उसके साथ लेटा रहता है। तभी बंटी बोलता है, "यार वैसे वो लड़की थी कैसी "।

तब यूवी बोलता है, "कौन लड़की ?????

तब बंटी बोलता है, "वही जिसकी वजह से तुझे गोली लगी"।

तभी यूवी गुस्से में बंटी की तरफ देखता है और बोलता है, "तेरा दिमाग तो ठीक है तू ये कैसे सवाल कर रहा है, अगर किसी ने सुन लिया तो सब क्या सोचेंगे"।

तब बंटी बोलता है, "मैं तो बस पूछ रहा हूं "।

तब यूवी बोलता है, "मुंह पर कर और चुप चाप से सो जा"।

सुबह होती हैं.........

गीतिका नाश्ता करके कॉलेज चली जाती है.........

यूवी के घर में दावत की तैयारी चल रही होती है।

यूवी सो रहा होता है तभी एक लड़के की कॉल आती है और वो बोलता है कि राजीव वहां से भाग गया है..........