राखी ने दरवाजा खटखटाने की कोशिश की पर खुला होने की वजह से दरवाजा अपनेआप ही हलका सा खुल गया। वो जैसे ही अंदर गई, उसने रॉनित को काउच पे बैठा हुआ देखा। अपनी आंखे बंध किए वो हेडफोन लगाए बैठा था।
उसे देखते ही राखी के मन में खयाल आया, "सच अ बेशरम आदमी.. कैसे आराम से बैठा हुआ है, सब काम मुझसे करवाया।" राखी गुस्से में थी
"मिस सुद.. आप कब आई?" रॉनित की आवाज सुन राखी अपने ख्यालों से बाहर आई।
"जस्ट अभी, सर..। डोर ओपन था, आई नॉक्ड... औ.. और खुल गया।।"
राखी को क्लैरिफिकेशन देता दिख वो बोला, "मैंने ही खुला छोड़ा था, डोंट वरी।"
"शाल वी स्टार्ट द प्रैक्टिस।" राखी ने पूछा।
"ऑफ कोर्स।" रॉनित कुछ से खड़ा होते हुए बोल।
राखी आज रॉनित की कैजुअल साइड देखके थोड़ी हैरान थी। "ऑफिस में तो जब देखो तब चिल्लाते ही रहते है। काम जो निकलवाना है मुझसे फ्री मे अभी.. तो देखो... ।" राखी फिरसे अपने मन में सोचने लगी।
तभी रॉनित ने गरबा प्ले किया और राखी उसे स्टेप वाइस आसान से गरबा स्टेप सीखने लगी।
"ये क्लाइंट क्या इतने ज्यादा इंपॉर्टेंट है कि उनके लिए आप गरबा सिख रहे हो?" राखी ने अपनी क्यूरियोसिटी की वजह से पूछा।
"या.. लिसन, वो बहुत इंपॉर्टेंट है। आइम गोइंग टू कोलेबोरेट विथ धेम। मुझे सारा काम परफेक्ट चाहिए।"
दोनो अपनी प्रैक्टिस करते करते साथ में बाते कर रहे थे।
रॉनित ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, "मोदी फैमिली इस फॉर्म बड़ौदा। उन्होंने प्री–नवरात्रि सेलिब्रेशन रखा है.. अपने घर पे, होमटाउन। उन्होंने मुझे इनवाइट किया मतलब... मुझे उस पॉजिटिव इंपैक्ट को अब पॉजिटिव रिजल्ट में चेंज करना है। यू विल हेल्प मी फॉर धाट।"
"हाऊ?" राखी ने तुरंत ही पूछा।
"मुझे उनकी पूरी इन्फॉर्मेशन चाहिए। A to Z। सब कुछ। कल सुबह।" रॉनित ने अपनी खड़ूस आवाज में कहा।
"या।" राखी छोटे छोटे जवाब दे रही थी।
जय जैसे ही श्रेया के केबिन में एंटर हुआ उसने देखा कि श्रेया का ध्यान कही और है।
श्रेया अपनी चेयर पे बैठे बैठे कुछ सोच रही थी। वो अपनी सोच में इतना डूबी हुई थी कि उसे पता भी नहीं चला कि जय उसके सामने आके कब बैठा।
अचानक जब श्रेया को एहसास हुआ कि जय उसके सामने देख जा रहा है।
"तू... त... तुम, तुम कब आए?" श्रेया ने घबराते हुए पूछा।
"तुम मार्स पे थी तबसे। हुआ क्या है?।"
"द.. त्च.... में बहुत परेशान ही जय, प्ली...ज।" श्रेया के चेहरे के भाव साफ बता रहे थे कि वो किसी चीज को लेके काफी परेशान है।
"अच्छा.. बताओ क्या हुआ?" जय ने धीरे से पूछा ।
"आकाश.."
जय ने आकाश का नाम सुनते ही गुस्सा दिखाते हुए कहा, "उसने तुझे हर्ट किया। रुक अभी बताता हु उसे तो में।"
जैसे ही जय अपने पॉकेट से फोन निकाल ने ही वाला था की श्रेया ने उसे रोकते हुए कहा, "उसने नहीं। शायद... शायद, मेरी वजह से वह परेशान है। क्या मैंने उसे इतना ज्यादा परेशान किया है? डझ ही हेट मी?"
"श्रेया क्या बोले जा रहीं है?" जय ने परेशानी में पूछा।
वो उसकी बात सुन परेशान हो गया था क्योंकि आज तक श्रेया ने इस तरह की बात उससे कभी नहीं की थी।
श्रेया ने जय को आकाश के कल के बिहेवियर के बारे में बताया।
" तो वह तुझसे ही मिलके आया था।"
उसकी बात सुन श्रेया ने कन्फ्यूजन में पूछा, "मतलब?"
"कल में मिस सेहगल से मिलने गया था। वो आया और उन्हें गुड नाइट विश करके चला गया। तो मिस सेहगल को लगा कि वह तुझसे मिलके आया है, पर मेने नहीं माना।" जय की बाते सुन साफ लग रहा था कि वो श्रेया को चिढ़ाना चाहता है।
"मुझे लगता है... ही डझ नोट लाइक मि।" श्रेया ने जय की बातो पे ज्यादा ध्यान न देते हुए कहा। "ऐसे ही बिहेव करता है मेरे साथ। और उसकी दोस्त है न वो काव्या, उसके साथ कैसे चिपक के रहता है। आईं एम कन्फ्यूज्ड। जो भी हुआ था... हम दोनों के साथ हुआ था।" श्रेया की नाम।आंखे उसकी परेशानी साफ बयां कर रही थी।
जय ने श्रेया की बात सुनकर कहा, "ही स्टिल डोंट नो एनीथिंग। टाइम दो उसे श्रेया। वो अभी भी उस बात से शायद.. उभर नहीं पाया है। क्योंकि.. वो मेरे साथ भी वैसे बात नहीं करता जैसे पहले करता था। ही डझ डिफरेंट नाऊ। ही नीड सम टाइम। लेट हिम बी.. ओके... । आईं ओल्सो मिस हिम। "
जय हमेशा कोशिश करता था आकाश से पहले की तरह बात करने की लेकिन आकाश ने तो उससे भी दूरी बनाके रखी थी।
थोड़ी देर बाद श्रेया की अपॉइंटमेंट होने की वजह से जय अपने केबिन चला गया।
जय के मन में इस वक्त एक ही बात चल रही थी जो काव्या हमेशा से उसे कहती है। आकाश को सब कुछ बता देना। अब उसे काव्या की बात सही लग रही थी। क्योंकि अगर आकाश सब चीजों से दूर होता रहा तो उन्हें वापिस अपना दोस्त मिलना मुश्किल था।
जय जैसे ही काव्या को टेक्स्ट करने वाला था तभी उसे हॉस्पिटल की तरफ से इमरजेंसी का मैसेज मिला। इस वजह से वह काव्या को झोंकने चाहता था वो कह नहीं पाया।
Continues in the next episode.....
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