अब आगे
दीवाली के बाद की सुबह अंश के लिए नई मुश्किलें लेकर आई। राघव का धमकी भरा मैसेज – "ये दीवाली तेरा अंत लेकर आएगी" – उसे भीतर तक झकझोर गया था। अंश जानता था कि अब राघव की धमकियों को हल्के में लेना उसके लिए खतरनाक हो सकता है। उसने आदित्य और कबीर से मिलने का फैसला किया ताकि राघव को उसी की भाषा में जवाब दिया जा सके।
एक सीक्रेट जगह पर अंश, आदित्य और कबीर मिलते हैं। वहाँ अंश ने ठान लिया कि अब राघव की हर चाल का जवाब उसके तरीके से ही देगा। अंश ने अपनी चाल समझाते हुए कहा, "अब राघव की हर हरकत पर नज़र रखेंगे और उसी के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे। उसे ये समझना होगा कि अंश दीक्षित को धमकी देना आसान नहीं है। अब उसकी हर चाल उसे ही भारी पड़ेगी।"
उधर, सिया अब भी राघव की धमकियों से डर में जी रही थी। दरवाजे के नीचे मिली चिट – "तुम्हारा अतीत तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ेगा" – ने उसके मन में चिंता और बेचैनी पैदा कर दी थी। वह डर और घबराहट में अपने पिता गौतम शर्मा के पास गई और उनके सामने अपनी परेशानियाँ रखीं। गौतम ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि वो राघव के खिलाफ कानूनी कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं, ताकि उसकी धमकियों से छुटकारा पाया जा सके। सिया ने तय किया कि अब वो अपने डर से भागेगी नहीं, बल्कि उसका सामना करेगी।
इस बीच, राघव ने भी अंश पर दबाव बनाने के लिए एक नया दांव खेला। उसने करण को हर्षिता के कॉलेज और घर के आस-पास नज़र रखने का हुक्म दिया और कहा कि अगर अंश को तोड़ना है तो उसके करीबियों को चोट पहुँचानी होगी। करण ने अपनी चालाकी से एक योजना बनाई, ताकि अंश को मानसिक तौर पर कमजोर किया जा सके।
अंश को जैसे ही करण की इन हरकतों की भनक लगी, उसने कबीर से कहा, "अब हम इंतजार नहीं करेंगे। राघव को उसकी हर चाल का जवाब मिलेगा, और इस बार उसे सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"
रात होते ही अंश ने राघव के आदमियों पर निगरानी बढ़ा दी। उसने आदित्य और कबीर से कहा कि वे राघव के हर कदम पर नज़र रखें।
दूसरी ओर, सिया ने अपने डर पर काबू पाते हुए कॉलेज जाने का फैसला किया। वो जानती थी कि उसे अपने आप को मजबूत बनाना होगा। कॉलेज में उसकी दोस्त उसे देखकर खुश हुईं, लेकिन सिया के चेहरे पर हल्की चिंता को देखकर उन्होंने पूछा, "सिया, क्या हुआ? तू कुछ परेशान लग रही है।"
सिया ने मुस्कुराने की कोशिश करते हुए कहा, "कुछ नहीं, बस घर के कुछ कामों में बिजी थी।" उसने अपने डर को किसी के सामने जाहिर नहीं होने दिया और पढ़ाई में मन लगाने की कोशिश की।
इस बीच, राघव ने अंश को उकसाने के लिए उसे एक और धमकी भरा मैसेज भेजा, "अब तेरी बहन को बचा ले, अगर बचा सकता है तो।" अंश ने मैसेज पढ़ते ही आदित्य को कॉल किया और कहा, "अब वक्त आ गया है कि राघव को उसके ही खेल में फंसाया जाए। हम हर एक चाल को पलट देंगे।"
कहानी अब उस मुकाम पर आ पहुँची है, जहाँ अंश, सिया, और राघव तीनों ही अपने-अपने तरीके से संघर्ष कर रहे हैं। अंश ने ठान लिया है कि अब वह किसी भी कीमत पर राघव को सबक सिखाएगा।
क्या अंश राघव की हरकतों का करारा जवाब दे पाएगा? क्या सिया अपने डर को हरा पाएगी? और राघव के खतरनाक इरादों का अंत कब होगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए Venom Mafia!