Ishq da Mara - 21 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 21

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इश्क दा मारा - 21

अपनी मॉम की बाते सुन कर गीतिका बोलती है, "मॉम इतना कुछ होने के बावजूद आप अभी भी मेरी इस गुंडे से शादी करवाना चाहते हो"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "अपनी गलती किसी और पर थोपने की कोई जरूरत नहीं है, और अब तो इतनी मत बनो, क्योंकि अब हमे तुम्हारे बारे मे सब कुछ पता चल गया है "।

तब गीतिका बोलती है, "मॉम आखिर ऐसा मैने क्या किया है जो आप मुझे बार बोल ऐसा बोल रही हो, और क्या पता चल गया है आपको "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "तुमने ये सब करते हुए हमारी इज्जत के बारे मे एक बार भी नहीं सोचा "।

तब गीतिका बोलती है, "मॉम आप बात को इतना गोल गोल क्यों घूमा रही हो, आखिर बात क्या है मुझे भी तो बताओ कि मैने आखिर क्या किया है "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "कितनी बेशर्म हो चुकी हो तुम, अब तुम हमारे मुंह से सुनना चाहती हो, अपनी करतूत "।

तब गीतिका बोलती है, "मॉम मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि आप मेरी किस करतूत की बात कर रही है "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "जब राजीव तुम्हे उस दिन मिला था तो तुम किसके साथ थी "।

तब गीतिका बोलती हैं, "मैं किसके साथ रहूंगी मैं अकेली थी "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "झूठ मत बोलो तुम एक लड़के के साथ थी, तभी राजीव को गुस्सा आ गया था"।

तब गीतिका बोलती है, "मॉम आप ये कैसी बात कर रही है, और आपको ये बात किसने बताई उस राजीव ने "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "अगर मुझे ये बात राजीव बताता तो मैं उसकी बातों पर यकीन नहीं करता, मुझे ये बात MLA साहब ने बताई है "।

तब गीतिका बोलती हैं, "डैड ये सब झूठ है और आप तो मुझे जानते हैं मैं ऐसी नहीं हु "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "बस अब मैं कुछ भी नहीं सुनने वाला हूं, मुझे सच में तुम्हारी वजह से बहुत शर्मिंदगी हुई और मैं ये बात अब मरते दम तक नहीं भूलूंगा "।

तब गीतिका बोलती है, "डैड मैं सच बोल रही हूं मैं किसी भी लड़के के साथ नहीं थी मैं अकेली थी, और राजीव ही मेरे साथ बदतमीजी कार रहा था "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "बस गीती बंद करो अब अपना ये झूठ "।

तब गीतिका बोलती है, "मैं झूठ नहीं बोल रही हूं मॉम मैं सच बोल रही हूं"।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "हमे तुम से कोई बात नहीं करनी है , हमे जो बोलना था सो हमने बोल दिया"।

उसके बाद वो कमरे से चले जाते हैं।

उधर यूवी बंटी के साथ एक गुफा जैसी जगह पर पहुंच जाता है। तब बंटी बोलता है, "भाई तू कहा ले कर आ गया है मुझे "।

तब यूवी बोलता है, "थोड़ा सब्र कर बताता हूं"।

यूवी और बंटी अंदर आ जाते है। तब बंटी बोलता है, "ये कौन है और तूने इसे यहां पर क्यों रखा हुआ है"।

तब यूवी बोलता है, "इसी ने मुझ पर गोलियां चलाई थी "।

तब बंटी बोलता है, "मगर क्यों ??????, तेरा इससे कोई लफड़ा था क्या" ।

तब यूवी बोलता है, "अबे मैं तो इसको जानता तक नहीं हो, तो लफड़ा तो बहुत ही दूर की बात है "।

तब यूवी लड़के से पूछता है, "कब से बेहोश है ये "।

तब लड़का बोलता है, "बॉस ये तो सुबह से ही बेहोश है"।

तब यूवी बोलता है, "जल्दी से होश में लाओ इसे, मेरे पास ज्यादा टाईम नहीं है............