"यू डिड नोट एवन आंसर मि। क्या तुम.. मुझसे इतनी नफरत करते हो..?" आकाश के जाने के बाद श्रेया ने कहा। श्रेया अपने पास रखे काउच पर बैठ गई। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो कुछ खो बैठी है।
कपूर मेंशन
"मिस.. सुद, यु नो व्होट.. आप ही मेरी पार्टनर क्यु नही बन जाती?" अचानक सामने बैठा रॉनित बोला।
"सर..?" उसकी बात सुन राखी ने सहज होके पुछा।
"या.. यु केन। देखो तुम्हें गरबा खेलना आता है। मुझे सिखा भी देना।" रॉनित ने कैजुअली जवाब दिया।
"बट... सर.."
राखी अपनी बात पूरी कर पति उससे पहले ही रॉनित ने उसे रोकते हुए कहा, "लिसन, मेरे पास टाइम नहीं है, ओर ऑप्शन भी। तुम्हे जों चहिए वह तुम मांग सकती हो। बस बदले में।मेरी गरबा पार्टनर बनना है। लाइफ पार्टनर नहीं। "
"मुझे सेकंड अक्टूबर से लीव चाहिए। तेरा तक।" राखी ने बिना वक्त गवाए बोला।
"आर यू सीरीयस?" रॉनित उसकी डिमांड सुनके थोड़ा कन्फ्यूज था।
रॉनित कि बात सुनके राखी ने कहा, "आपने ही तो कहा, चाहो वो मांग सकती हो। नहीं दे सकते तो... तो फिर में भी नहीं कर सकती।" राखी ने जय से थोड़े जिद्दी अंदाज में कहा।
"एक अक्टूबर को आपको मेरे साथ बड़ौदा आना पड़ेगा। गुजरात।" रॉनित ने कहा।
"आई हैव नो प्रॉब्लम।" राखी ने हल्के से अपने कंधों को ऊपर उठाते हुए कहा। "और हा.. में जब तक लीव पे हु, आपका शेड्यूल अरेंज करके जाऊंगी। आपको मेरी ज्यादा जरूरत भी नहीं पड़ेगी। आईं प्रोमिस।"
"वॉट अबाउट प्रैक्टिस? हमारे पास चार दिन ही है।" रॉनित उसकी बात मान चुका था।
रॉनित की इस बात का जवाब देते हुए राखी अपने फोन में उसका कल का शेड्यूल देखते हुए कहा, "सर.. कल आप... तीन से पांच फ्री है।"
"ठीक है..., वहां से अच्छा.. एंड नियरेस्ट लोकेशन कोनसा है?" रॉनित ने अपने फोन में टाइप करते हुए पूछा।
"सर आपका अपार्टमेंट।" राखी का ध्यान अभी भी फोन की स्क्रीन पे था।
"डन। हम वही।प्रैक्टिस करेंगे। ड्राइवर को बोलो तुम्हे छोड़ दे।" रॉनित का ध्यान अभी भी अपने फोन में था।
"नो सर। में चली जाऊंगी।" राखी ने अपना बैग पकड़ते हुए कहा।
"कोई जरूरत नहीं है।" इतना कहके उसने अपने ड्राइवर को बुलाया। "राजेश...." उसके आते ही रॉनित ने उसे कहा, "मेम को उनके घर छोड़ दो।"
"गुड नाइट, सर।" राखीने जाते हुए कहा।
"गुड नाइट।" रॉनित ने हल्का सा सिर ऊपर करके उसे जवाब दिया और वापिस अपने फोन में टाइप करते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगा।
सेहगल हाउस
आज जय काव्या से मिलने आया था। दोनो एक दूसरे से बात कर ही रहे थे तभी आकाश काव्या को गुड नाइट विश करने आया।
"गुड नाइट कावू... तू यहां क्या कर रहा है? मुझे तुझसे बात नहीं करनी। बाई।" इतना कहके चल गया। आज उसने काव्या से भी ठीक से बात नहीं की।
"यह पक्का तुम्हारी दोस्त से मिलके आया है।" काव्या ने जय से कहा।
"तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?" जय ने हाइपर होके काव्या से पूछा।
"अपने घर गया था। जैसा उसका मूड है.. आई कैन एश्योर यू।"
"कुछ भी?" काव्या की बात का भरोसा न करते हुए जय ने कहा।
जय का ऐसा रिएक्शन देख काव्या ने कहा, "हैव यू एवर नोटिसड, जब भी वो श्रेया से मिलता है.. मायूस हो जाता है।"
"तुम्हारे कहने का मतलब में समज नहीं पा रहा हु।" जय ने अपने मन में चल रहे खयालो पे ध्यान दिए बिना काव्या से कहा।
"मेरा कोई श्रेया को ब्लेम करने वाला मतलब नहीं है।" काव्या ने अपनी बात क्लियर करते हुए कहा, "में उनके बीच की ऑक्वर्डनेस को लेके बोल रही हु। ईट विल बे बैटर इफ यू... यू विल टेल हिम एवरीथिंग।" काव्या हमेशा की तरह चाहती थी कि जय आकाश को सब बता दे।
"धात इस नोट माई कॉल। मेने तुम्हे कितनी बार बोल है.. लेट धे..म बी...।"
दोनो थोड़ी देर बाते करते है और जय उसे अपना ख्याल रखने के लिए कहके अपने घर चला गया।
आकाश फ्रेश होके, अपना काम खतम करके सोने के लिए लेटा था। उसे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि उसके ख्यालों में श्रेया की बाते ही चल रही थी। "आई एम सॉरी श्रेया, बट मेरी बहुत कोशिशों के बाद भी मुझसे नहीं हो पा रहा है। आई हैव ट्राइड माई बेस्ट। नहीं देखा जाता मुझसे तुम्हारी तरफ। हर बार बस वही दिन याद आ जाता है... जब... जब, मेने तुम्हारी आंखों में अपने लिए नफरत देखी थी। कैसे देखूं उन आंखो में फिरसे। डर लगता है.., कही फिरसे वही नफरत ना देख लू।"
आकाश की आंखे नम और हलकी सी भीगी हुई भी थी। वो बस हमेशा अपने इमोशन्स को छुपाने की कोशिश करता है।
"आई नो, आई... आई...स्टिल लाइ..क यू एस आईं यूज्ड टू...। कैसे भुलाऊं तुम्हे..? जब पहली बार तुम्हे देखा था... वापिस, आई वास स्टंनड। मेरा दिमाग एक वक्त के लिए थम गया था। तुम्हे फिरसे देखके। पर शायद अब में वापिस वो आकाश नहीं बन पाऊंगा। जो कभी था.... शायद तुम्हे पसंद था।"
अपने मन में सारी बातें सोचते सोचते ही उसकी आंख लग गई।
Continues in the next episode...
Stay tuned