अब आगे
थोड़ी देर बाद कार आके सिंघानिया विला के बाहर रुकी रूही ने पीहू को बाहर निकला जैसे ही पिहु ने विला देखा तो ताली बजाते हुए बोली यह कितना ब्यूटीफुल घर है डॉल क्या यह तुम्हारा घर है रूही उसकी बात सुनकर मुस्कुराई और बोली हां यह मेरा घर है
चलो अंदर मैं अंदर से भी दिखाती हूं यह कहकर वह पीयू को अंदर ले गई रुद्र उन दोनों के पीछे पीछे जाने लगा रूही पीयू को अंदर लेकर आई पीहू वाओ डॉल तुम्हारा घर तो अन्दर से भी बहुत ब्यूटीफुल है रूद्र को देखकर बोली डॉल यह कौन है
रूही रूद्र को देखा और बोली यह मेरे हस्बैंड है पिहु एकदम चिकी क्या तुमने शादी कर ली और मुझे बुलाया भी नहीं मैं तुमसे बहुत नाराज हो यह कहकर पिहु रूही से नाराज हो गए रूही ने उसके गाल पकड़ के खींचे और बोली क्योंकि हम दोनों तुम्हें सरप्राइज देना चाहते थे
इसलिए मैंने तुम्हें बताया नहीं लीज मुझे माफ कर दो पीहू रूही की बात सुनकर मुस्कुराई ठीक है मैंने तुम्हें माफ कर दिया रुद्र की तरफ देखकर बोली हेलो जीजू आप बहुत अच्छे हैं आप मुझे बहुत पसंद आए
लेकिन आप मेरी डॉल को बिल्कुल भी परेशान मत करना वरना मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी रुद्र पीहू की बात सुनकर मुस्कुराया और बोला ठीक है साली साहिबा मैं आपकी बहन को ज्यादा परेशान नहीं करूंगा लेकिन थोड़ा सा तो कर सकता हूं रुद्र की बात सुनकर पियो मुस्कुराई और बोली हां ठीक है
आप डाॅल को थोड़ा सा परेशान करना लेकिन सिर्फ थोड़ा सा रूद्र ने कहा ठीक है साली साहिबा थोड़ा सा ही करूंगा यह कहकर मुस्कुरा दिया और पीहू भी रूही ने गुस्से में दोनों को घुरा और बोली तुम दोनों को तो मैं बाद में देखूंगी अभी तुम चलो पिहु मेरे साथ रुही पीहू को अपने साथ ले गई रुद्र रूही को जाता देखकर मुस्कुरा दिया
रूही पीहू को कमरे में लाई उसको फ्रेश होने के लिए अपने कपड़े दिए थोड़ी देर बाद पिहु वॉशरूम से बाहर आई रूही ने उसको अच्छे से तैयार करा और बोली तुम बहुत प्यारी लग रही हो। रूही की बात सुनकर तुम भी बहुत अच्छी लग रही हो डॉल मुझे आप भूख लग रही है
तुम मुझे खाने को दोगी तुमने कहा था पिहु की बात सुनकर रूही पिहु को नीचे लेकर आई और डाइनिंग हॉल की तरफ चल दी वहां पर रूद्र पहले से ही रूही और पिहु का इंतजार कर रहा था रूही ने पीहू चियर पर बिठाया और खाना सर्वे किया और फिर खुद भी बैठ गई पिहु खाने को देखकर उसे पर टूट पड़ी पीहू को इस तरह खाता देख रुही की आंखें नाम हो गई उसकी आंखों के सामने कुछ यादें आ गई
[ पिहु जल्दी करो मुझे बहुत भोख लगी है पिहु यह लो रूही खाने को देखकर उसे पर टूट पड़ी पीहू आराम से रूही ख़ाना गले में अटक जाएगा रूही तुम्हें पता है मुझे कितनी भूख लग रही है जब तुम में भूखी होगी तुम भी इस तरह खाना खाओगे फिर पता चलेगा मेरा दर्द भी हो पीहू में भूखी नहीं रह सकती क्योंकि मुझे खाना बनाना आता है जब भी मुझे भूख लगी है मैं खा लूंगी लेकिन तुम कब सीखोगी खाना बनाना कल को तुम्हारी शादी हो जाएगी फिर तुम क्या करोगी रुही उसकी फिक्र तुम मत करो मैं तुम्हें अपने साथ ले जाऊंगी पिहु अगर मैं जाना ना चाहो तो रूही में तूझे जबरदस्ती ले जाओगी लेकिन लेकर जरूर जाऊंगी पिहु रूही की बात सुनकर पीहू खूब हंसने लगी पिहु को देखकर रूही भी हंसने लगी ]
रूद्र की आवाज सुनकर रूही ख्यालों से बाहर आई तो उसके सामने रूद्र निवाला लेकर रूही को देख रहा था रूही ने रूद्र को देखा रुद्रा ने अपनी आंखों के इशारे से खाना खाने को कहा
रूही ने बिना कुछ कहे खाना खा लिया थोड़ी देर बाद तीनों ने अपना खाना खाकर अपने रूम में चले गए रूही पीयू को लेकर रूम में आई और उसको अच्छे से बेड पर लेटा दिया जैसे ही रूही जाने को हुई पीहू ने रूही का हाथ पकड़ लिया रूही ने पीछे मुड़ी पिहु को देखकर बोली क्या हुआ तुम्हें कुछ चाहिए क्या पिहु डॉल तुम मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाओगी ना रूही ने पीयू के गाल पर हाथ रखा और बोली कभी नहीं अब मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी रुही की बात सुनकर पिहु मुस्कुरा दी रूही अब तुम सो जाओ ठीक है यह कहकर रूही अपने कमरे से चली गई