Nafrat e Ishq - Part 4 in Hindi Love Stories by Umashankar Ji books and stories PDF | Nafrat e Ishq - Part 4

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Nafrat e Ishq - Part 4

फोन कॉल खत्म करके मनीषा ने अपने विचारों को संयत किया और अपने केबिन में गहरी सांस लेते हुए बैठ गई। “क्या मुझे इस नई शुरुआत में अतीत से सामना करना पड़ेगा?” उसने खुद से सवाल किया, उसकी आंखों में अनकही बातें और अनजानी चिंताएं झलकने लगीं। 


तभी दरवाजा हल्के से खटखटाया और अंजू अंदर दाखिल हुई। वह मनीषा की तरफ हल्के मुस्कान के साथ देख रही थी।


“मैडम, आप बिजी तो नहीं हैं, है न?” अंजू ने विनम्रता से पूछा, मगर मनीषा की संजीदगी देखकर हल्की सी असहज हो गई।


“खाली बैठना भी एक काम है, तो हां, मैं बिजी हूँ,” मनीषा ने चुटकी लेते हुए जवाब दिया और मुस्कुराई, जिससे अंजू भी मुस्कुराए बिना नहीं रह पाई।


“सॉरी मैडम, मेरा मतलब वह नहीं था,” अंजू ने थोड़ा संकोच के साथ अपनी बात को संभालने की कोशिश की।


मनीषा ने सिर हिलाया, “कोई बात नहीं, अंजू। तो, क्या बताने आई हो?”


अंजू ने राहत की सांस ली कि मनीषा ने उसकी बात का बुरा नहीं माना। उसने उत्साह से बताया, “मैडम, दो घंटे के बाद आपको होटल में जाना है। आपके स्वागत के लिए एक पार्टी रखी गई है। पूरे ब्रांच ने मिलकर इसे प्लान किया है, क्योंकि आप हमारी नई मैनेजर हैं। होटल की पूरी व्यवस्था हो चुकी है।”


मनीषा ने सिर हिलाते हुए जवाब दिया, “यह सब मेरे लिए?” वह यह समझ रही थी कि एक नई मैनेजर के तौर पर सब उसे इंप्रेस करना चाहते थे। यह भी जानती थी कि कॉर्पोरेट दुनिया में ऐसा अक्सर होता है; नए अधिकारी के आगमन पर सभी उन्हें अपनी टीम में सहज महसूस कराने का प्रयास करते हैं।


“ठीक है,” मनीषा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया। “लेकिन उसके पहले एक मीटिंग भी है। राहुल नाम का कोई व्यक्ति आने वाला है। शायद टी-सुपर शूज कंपनी के एडवर्टाइजमेंट के सिलसिले में।”


अंजू की आंखों में चमक आ गई। “जी मैडम, राहुल सेन, टी-सुपर शूज कंपनी का असेसमेंट मैनेजर। वह आपकी पुरानी मीटिंग को आगे बढ़ाने की बात करना चाहता है। पिछली बार वह पूर्व मैनेजर से एडवर्टाइजमेंट प्रोजेक्ट पर बात कर रहे थे, परंतु उनके रिटायरमेंट के कारण प्रोजेक्ट रुका हुआ है। अब उन्हें लगा कि आप इसे नई दिशा दे सकती हैं।”


मनीषा ने थोड़ी गंभीरता से सिर हिलाया। उसे एहसास हुआ कि ये अवसर उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है। वह इस एडवर्टाइजमेंट को न केवल सफल बनाना चाहती थी, बल्कि यह साबित करना चाहती थी कि वह इस ब्रांच को अगले स्तर तक ले जा सकती है। 


“अगर यह प्रोजेक्ट सफल हो गया, तो यह मेरी पहचान बनाने का एक सुनहरा मौका हो सकता है,” मनीषा ने मन ही मन सोचा। उसके अंदर का आत्मविश्वास एक नई ऊर्जा में बदल गया।


अंजू को निर्देश देते हुए उसने कहा, “ठीक है, अंजू, एक कप कैपुचिनो बिना शक्कर के ले आओ। मुझे इस प्रोजेक्ट की पूरी फाइल देखनी है।”


अंजू ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया और बाहर निकल गई। मनीषा ने अपने कंधों को सीधा करते हुए, टेबल पर रखी फाइल्स को देखा और उनमें खो गई। 


कुछ देर में दरवाजे पर दस्तक हुई और मनीषा ने सिर उठाकर देखा, राहुल सेन उसके केबिन में खड़ा था, हल्के मुस्कान के साथ। उसने उसे अंदर आने का इशारा किया।


“हैलो, मैडम! उम्मीद है कि आप आराम से यहां सेटल हो रही होंगी,” राहुल ने अपने आत्मविश्वास से भरे अंदाज में कहा।


मनीषा ने औपचारिकता से सिर हिलाया, “जी, बिल्कुल। अब प्रोजेक्ट की बात करते हैं।” उसने उसे बैठने का इशारा किया।


राहुल ने एक मोटी फाइल निकालते हुए कहा, “तो, जैसा कि पहले डिस्कस हुआ था, हमारी कंपनी का नया शूज एडवर्टाइजमेंट है। हम एक ऐसा कैंपेन चाहते हैं जो युवा दर्शकों को आकर्षित करे, लेकिन साथ ही परिपक्वता और स्टाइल का भी संदेश दे। मुझे विश्वास है कि आप इसे एक नई दिशा दे सकती हैं।”


मनीषा ने राहुल की बात ध्यान से सुनी और फाइल में दी गई सारी जानकारी को समझने लगी। उसने कई सुझाव दिए, जिससे राहुल भी प्रभावित हुआ। उनके बीच बातचीत एक गंभीर और प्रोफेशनल दिशा में चल रही थी। मनीषा के विचार नए आइडियाज और रणनीतियों से भरने लगे। यह उसकी पहली बड़ी जिम्मेदारी थी, और वह इसमें अपना बेस्ट देना चाहती थी। 


राहुल की आंखों में चमक आ गई, “मैडम, आपके सुझाव बेहतरीन हैं। मैं मानता हूँ कि इस कैंपेन को आपसे बेहतर कोई नहीं संभाल सकता।”


मीटिंग खत्म होने के बाद राहुल ने उसे हाथ मिलाते हुए कहा, “मुझे विश्वास है, इस प्रोजेक्ट से आपकी पहचान और भी मजबूत होगी। धन्यवाद, मैडम।”


राहुल के जाने के बाद मनीषा ने एक गहरी सांस ली। वह संतुष्ट थी, लेकिन भीतर एक छोटी-सी बेचैनी भी थी। अपने अतीत की छाया और वर्तमान की चुनौतियों के बीच संतुलन बनाना उसके लिए कठिन था। उसने खुद से कहा, “यह शुरुआत है। मुझे खुद पर विश्वास रखना होगा।”


अंजू फिर से केबिन में आई और उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मैडम, अब होटल के लिए तैयार हो जाइए। आपके स्वागत में पार्टी इंतजार कर रही है।”


मनीषा ने मुस्कुराते हुए अपने बालों को ठीक किया, थोड़ी सी लिपस्टिक लगाई और अपनी कुर्सी से उठ गई। 


“चलो, अंजू। आज की रात एक नई शुरुआत के नाम है।”


 और देखते-देखते  कब सात बज चुके थे, और ऑफिस का समय खत्म हो चुका था। ऑफिस के गलियारे अब ख़ामोशी की चादर ओढ़ चुके थे, लेकिन आज का माहौल कुछ खास था। एक उत्साह की लहर पूरे ऑफिस में महसूस हो रही थी, क्योंकि नई मैनेजर मनीषा के स्वागत में पार्टी का आयोजन किया गया था, और सभी कर्मचारी होटल "शाइनिंग स्टार" में पहुंचने की तैयारी कर रहे थे।


अंजू, जो मनीषा की सहायक थी, ने सबको होटल में सीधे पहुंचने के लिए कह दिया था। उसने सुनिश्चित किया कि सब कुछ ठीक से व्यवस्थित हो। अंजू खुद भी मनीषा के साथ होटल जाने वाली थी। दोनों ने ऑफिस से निकलते ही एलिवेटर का रुख किया और नीचे पार्किंग एरिया में पहुंचीं, जहां मनीषा की BMW 7 Series पहले से ही ड्राइवर के साथ तैयार खड़ी थी।


मनीषा और अंजू गाड़ी में बैठीं, और शहर की रोशनी में उनकी गाड़ी सड़कों पर दौड़ने लगी। करीब पैंतालीस मिनट की ड्राइव के बाद, वे आखिरकार होटल के सामने पहुंचीं। "शाइनिंग स्टार होटल" की जगमगाहट ने उन्हें तुरंत आकर्षित कर लिया। होटल का बाहरी हिस्सा अद्भुत ढंग से सजा हुआ था, और इसकी भव्यता से दोनों बेहद प्रभावित हुईं। यह होटल कनॉट प्लेस के प्रतिष्ठित इलाके में स्थित था और छह मंजिल ऊंचा था।


"वाह, अंजू! तुम्हारी प्लानिंग बेहतरीन है। यह जगह तो वाकई शानदार है!" मनीषा ने मुस्कुराते हुए कहा।


"थैंक यू, मैडम! सोचा कि आपकी पहली पार्टी में कुछ कमाल होना चाहिए," अंजू ने गर्व से कहा और दोनों हंस पड़ीं।


इसी दौरान, सहदेव अपनी टीम के साथ—मनोज, आदित्य, शालिनी, करन, अंकिता, रोहित, हर्ष, पिंकी, अजय और अनिका—भी होटल में प्रवेश कर चुके थे। ऑफिस में काम के कपड़ों में आना उनके लिए अनौपचारिक लगता, इसलिए सभी ने मॉल से नए कपड़े खरीद कर तैयार हो लिया था। सभी चमकते-दमकते लिबास में थे, मानो पार्टी का हिस्सा बनने के लिए पूरा रौब से आए हों।


होटल में जैसे ही दोनों चौथे फ्लोर पर पहुंचे, वहां का माहौल कुछ और ही था। हॉल को रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया था, संगीत धीमे-धीमे बज रहा था, और सॉफ्ट लाइटिंग में हॉल की भव्यता निखर रही थी। बाकी कर्मचारी भी धीरे-धीरे वहां पहुंचने लगे थे। मनीषा ने नज़र घुमाई और देखा कि उसके सभी विभागों के प्रमुख अपने-अपने अंदाज में सज-धज कर आ रहे थे। 


शालिनी राठौर, जो प्रोजेक्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की हेड थीं, लाल रंग की साड़ी में बहुत ही आकर्षक लग रही थीं। उनके साथ करण कुमार, पब्लिक रिलेशन और कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के हेड, जो अपने चार्म के लिए मशहूर थे, सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे। क्रिएटिव डिपार्टमेंट की हेड अनिका मिश्रा, जो अपनी क्रिएटिव सोच के लिए जानी जाती थीं, बिल्कुल अलहदा अंदाज़ में थीं। 


हॉल में सबकी बातचीत और हंसी-ठिठोली से माहौल जीवंत हो उठा। तभी सहदेव, जो प्रोडक्शन डिपार्टमेंट का हिस्सा था, मनोज और आदित्य के साथ हॉल में दाखिल हुआ। वह पहले ऑफिस वाले कपड़ों में ही आना चाहता था, लेकिन उसने सोचा कि पांच सितारा होटल में बेहतर दिखना चाहिए। उसने जल्दी से एक मॉल में जाकर नए कपड़े खरीदे और उन्हीं कपड़ों में होटल पहुंचा। 


सबके चेहरे पर एक उत्साह की झलक थी, क्योंकि वे जानते थे कि आज का जश्न उनके लिए ही है। जैसे ही संगीत की धुनें तेज हुईं, डांस फ्लोर पर कुछ लोगों ने अपनी जगह बना ली। अंजू ने अपने डांसिंग स्किल्स दिखाने शुरू किए, और धीरे-धीरे बाकियों ने भी उसका साथ दिया। करण कुमार और अनिका मिश्रा की मस्ती भी देखने लायक थी; दोनों की कॉमिक टाइमिंग ऐसी थी कि हॉल में हंसी के ठहाके गूंज उठे।


"देखा मनीषा मैम, हमने कहा था न, आपके स्वागत में कुछ धमाकेदार होना चाहिए!" अंजू ने खुशी के साथ कहा।


मनीषा ने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "तुम सही कह रही हो, अंजू। यह वाकई एक यादगार शाम है।"


कुछ देर बाद, खाने-पीने की व्यवस्था भी शुरू हो गई। स्वादिष्ट व्यंजन देखकर हर कोई खुश था। रोहित शर्मा, जो डेटा एंड एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के हेड थे, ने किचन के पास जाकर कुछ हंसी-मजाक करना शुरू कर दिया। वह शेफ से लगातार नए पकवानों के बारे में पूछ रहे थे, और बाकी कर्मचारी उसकी मजेदार हरकतों पर ठहाके मारकर हंस रहे थे।


इसी बीच, मनीषा का ध्यान राहुल सेन पर गया, जो टी-सुपर शूज कंपनी के असेसमेंट मैनेजर थे। उसने सोचा कि यह अच्छा मौका है राहुल के साथ चर्चा करने का, ताकि वह अपने पहले बड़े प्रोजेक्ट की रूपरेखा बना सके। जैसे ही राहुल उसके पास आए, मनीषा ने बड़ी उत्सुकता से उनका स्वागत किया और उनसे उनकी कंपनी के नए प्रोजेक्ट के बारे में जानने की इच्छा जाहिर की।


"मैम, हमारे ब्रांड के लिए नई एडवर्टाइजमेंट स्ट्रैटेजी पर काम कर रहे हैं। अगर हम इसे सही से एग्जीक्यूट कर पाए, तो यह दोनों कंपनियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी," राहुल ने आत्मविश्वास के साथ कहा।


मनीषा ने उसकी बात को गंभीरता से सुना और कहा, "बिल्कुल राहुल, मुझे पूरा यकीन है कि हमारी टीम इसे एक अलग ही लेवल पर ले जा सकती है।" दोनों के बीच यह चर्चा इतनी दिलचस्प रही कि कुछ समय के लिए बाकी पार्टी का माहौल पीछे रह गया। दोनों ने आने वाले प्रोजेक्ट के लिए संभावित स्ट्रेटजीज और आउटपुट पर खुलकर बात की।


बातों-बातों में, करण कुमार ने अचानक माइक पर आकर अनाउंसमेंट कर दी, "दोस्तो, आज का ये जश्न हमारी नई मैनेजर मनीषा के लिए है। हम सब उनके स्वागत में यहां हैं, और मैं चाहूंगा कि आज की शाम के लिए हम सब एक सेल्फी लें!"


सभी ने जोर से तालियां बजाईं और मनीषा को हॉल के बीच में ले जाकर सभी ने उसके साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई। सबके चेहरों पर मुस्कान थी, और फोटो में एकता और अपनापन झलक रहा था।


जैसे-जैसे रात गहराती गई, सब अपने आप में डूबने लगे। मनीषा के लिए यह एक नई शुरुआत थी, और वह सोच रही थी कि उसे अपनी काबिलियत को साबित करने का यह मौका कितनी खूबसूरती से मिला है। पार्टी के इस अनौपचारिक माहौल में, उसने महसूस किया कि उसे एक ऐसे ऑफिस में काम करने का मौका मिला है, जहां सभी लोग उसे अपनाते हैं और उसे सपोर्ट करते हैं। 


यह रात, उसकी पहली जीत की रात थी – नई मंज़िल की ओर पहला कदम।