Reborn to be Loved - 3 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Reborn to be Loved - 3

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Reborn to be Loved - 3

Ch 3 - शीधांश और आरवी की पहली मुलाकात

 पीछले भाग में आपने पढ़ा.....

सोना उसकी बात का जवाब नही देती ओर शीधांश के सामने आकर अपना सर झुका कर कहती है "मेरा काम पूरा हुआ boss।"  शिधांश अमर की तरफ देख कर कहता है "तो केसी लगी shopping ओर ये जिसे देख कर तुम हैरान हो रहे हो। अरे ये तो सोना है मेरी भेजी जासूस जिसने तुझे अपने प्यार के जाल में फसाया। तुझे क्या लगा कि तू शिधांश वालिया की लाइफ मैं प्रॉब्लम करेगा और वो चुप चाप बैठेगा।

मैने ही सोना को भेजा था ताकि मैं तुझे ओर तेरे घमंड को . " शीधांश इतना बोल के अपनी कमर से गन निकलता है और अमर के सर के बीचों बीच गोली मार देता है। शिधांश आयुष्मान से कहता है कि इसकी लाश उठाओ ओर जंगली जानवरों के सामने दाल दो ओर किसी को भी इसके बारे में पता न चले समझे ।

अब आगे

फिर वो सोना की तरफ देखके के कहते है "इसको भी खत्म करदो"  सोना शीधांश की बात सुन के घबरा जाती है और कहती है "boss आपने तो कहा था मैंने अच्छा काम किया है फिर आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते है।"  तो शिधांश कहता है "ऐसा ही हु मैं सोना, तुम्हें पैसे चहिए थे और मुझे इसे बर्बाद करना था। बस मैने तुमारा थोड़ा सा इसतेमाल किया और अब मेरी जरूरत खत्म तो अब तुम भी खत्म।"

फिर वो अपने आदमी को ईशार करता है और वो सोना को अपने साथ ले जाता है। सोना सिर्फ चीखती चिलाती रह जाती है। और शिधांश वहां से अपने ऑफिस पहुंचता है । अपने office में जाके प्राइवेट लिफ्ट से अपने केबिन मैं जा कर अपना काम करने लग जाता है।

तभी दरवाजा खुलता है कोई शीधांश कैबिन में अचानक से अंदर आता है। शिधांश उसकी तरफ देखता है और गुस्से से उसकी आंखें लाल हो जाती है। ये और कोई नहीं शीधांश का दोस्त मृत्युंजय होता है।

ये और शीधांश बचपन के दोस्त है शीधांश ने उसके साथ स्कूलिंग की और आगे बिजनेस भी दोनों साथ ही कर रहे हैं।

वैसे तो शीधांश मृत्युंजय से बहुत प्यार करता है। लेकिन आज उसे देखकर उसकी आंखें लाल हो जाती है क्योंकि कहीं ना कहीं वो जानता था कि वो आज यहां क्यों आया है।

मृत्युंजय सीधा शीधांश के पास आता है और उसे कॉलर पकड़ कर ऊपर उठाता है। शीधांश अपनी लाल आँखों से उसे घूरने लगता है मृत्युंजय की आंखें बहुत लाल होती है। वो शीधांश से कहता है कि "तेरी हिम्मत कैसे हुई आरवी के साथ ये सब करने की उसे उसके घर से उठाने की?"

शीधांश बहुत गुस्से में आ जाता है वो मृत्युंजय को जोर से धक्का मारता है और कहता है "तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरा कॉलर पकड़ने की तू बचपन का दोस्त है प्यार करता हूं तुझसे इसलिए तुझे छोड़ रहा हूं अगर किसी और ने ऐसी हरकत की होती तो अब तक उसकी लाश पड़ी होती।"

इतना बोल कर शीधांश गुस्से में कांपने लगता है एक बार तो मृत्युंजय खुद भी शीधांश को देख कर डर जाता है आखिर उसका औरा ही इतना खतरनाक था।

मृयुंजय शीधांश को इतने गुस्से में देख कर उससे कहता है "मेरे भाई मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूं बचपन से हूं तेरे साथ इसलिए तुझे समझा रहा हूं जो तू कर रहा है वो बिलकुल भी ठीक नहीं है। मत कर ऐसा मेरे भाई आरवी बहुत मासूम है क्यों उसे अपनी सनक की वजह से सजा दे रहा है। मत कर ऐसा मेरे भाई किसी लड़की को उसकी मर्जी के बिना इस तरह अपने पास रखना गलत है अगर वो तुझसे प्यार करती तो मैं खुशी-खुशी तुझे ये सब करने देता कभी ना रोकता।"

शीधांश गुस्से में मृत्युंजय से कहता है "देख तू मेरे बचपन का दोस्त है इसलिए तुझे आखरी बार समझा रहा हूँ मेरी पर्सनल लाइफ में इंटरफेयर मत कर मेरे भाई। इसके बाद दोबारा तूने कुछ भी आरवी के बारे में बोला तो मैं भूल जाऊंगा कि तु मेरा दोस्त है। आरवी को खुद से दूर कभी नहीं जाने दूंगा हां वो सनक है मेरी। मैं हमेशा उसे अपने पास रख लूंगा चाहे मर्जी से चाहे बिना मर्जी से। कोई भी उसे मुझसे दूर नहीं कर सकता।"

शीधांश की बातें सुनकर मृत्युंजय की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वो कहता है "ठीक है मेरे भाई अब अगर तू यही चाहता है तो यही सही पर मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि कभी ना कभी तुझे अपनी इस गलती का एहसास हो।" इतना कहकर अपनी आंखों में आंसू लिए मृत्युंजय शिधांश के केबिन से बाहर चला जाता है।

शीधांश उसे केबिन से बाहर जाते देखता है और एक बार सोचता है कि कहीं वो कुछ गलत तोह नहीं कर रहा पर फिर अचानक से आरवी का ख्याल उसके दिमाग मे आता है वो एक डेविल स्माइल के साथ कहता है "तुम सिर्फ मेरी हो सिर्फ मेरी मैं प्यार नही करता तुमसे ओबसेशन हो तुम मेरा कभी नही जाने ढंग तुम्हे खुद से दूर चाहे तुम चाहो चाहे न चाहो चाहे तुमारी मर्जी हो चाहे न हो।" फिर वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता ओर फिर दोबारा अपना सिर झुका कर अपने काम में लग जाता है।

फिर आयुषमान उसके केबिन में आता है और कहता है "बॉस आरवी मैम को होश आ गया है." शिधांश आयुष्मान की तरफ देखता है और जल्दी से उसको कार रेडी रखने के लिए बोलता है फिर अपने केबिन से निकल जाता है।

शीधांश सीधा कार में आकर बैठता है उसे देखकर ड्राइवर गाड़ी चलाने स्टार्ट कर देता है। शीधांश की गाड़ी ट्रैफिक सिग्नल पर आकर रुकती है। अचानक से वो अपने पुराने ख्यालों में खो जाता है। उसे अपनी और आरवी की पहली मुलाकात याद आती है।

बरसात का वक्त और बहुत तेज बारिश हो रही थी। शीधांश इसी तरह अपनी गाड़ी में जा रहा था। अचानक उसके गाड़ी रूकती है वो ड्राइवर से गुस्से में पूछता है कि "आखिर क्या हुआ तुम्हे ड्राइव करना नही आता ऐसे कोन ब्रेक लगाता है।"

(आखिर ऐसा क्या हुआ कि शीधांश जैसा इंसान जो लड़कियों से बेहद नफरत करता था। अचानक एक लड़की के पीछे इस कदर पागल हो गया कि वो उसकी सनक बन गयी ।)

कैसे शीधांश ओर हमारी आरवी एक दूसरे से मिले? कैसे शीधांश ने आरवी को कैद कर लिया?

To be continued......