Reborn to be Loved - 2 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Reborn to be Loved - 2

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Reborn to be Loved - 2

Ch 2 - Psycho शीधांश

 पीछले भाग में आपने पढ़ा…

ये है हमारे शीधांश जी की आन बान ओर शान इंडिया के top 5 company मैं से एक। शिधांश अपने प्राइवेट लिफ्ट मैं एंटर करता है और अपने केबिन मैं आता है जहाँ पहले से ही आयुष्मान उसका इंतेज़ार कर रहा होता है। इस वक़्त शिधांश बहुत खतदनक लग रहा होता है और आयुष्मान वो तो अपने इस शैतान बॉस को देख कर थर थर कापने लगता है

अब आगे

शीधांश उस से पूछता है काम हुआ। आयुष्मान कुछ नही बोल पता वो सिर्फ अपना सिर हिला देता है। शिधांश फिर अपने फ़ोन से किसी को कॉल करता है और कहता है उसे वहा ले आओ हमारे base पर। सामने वाला इंसान yess बॉस कहके कॉल कट कर देता है। शीधांश के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। वही आयुष्मान उसकी स्माइल देख कर मन मे कहता है "भगवान अब ये राक्षस पता नही किसकी लंका लगाने वाला है।"

फिर शीधांश आयुष्मान से कहते चलो अपने base पर आयुष्मान तुरंत शीधांश के साथ चल पड़ता है। शीधांश की कार एक जंगल मे एंटर करती है। घने जंगल मे एक साइड बोहोत सारे पेड़ होते है वो एक बटन प्रेस करता है और पेड़ हट जाते है। शीधांश सीधा अंदर आता है।

वो अंदर आके एक किंग साइज चेयर पर बैठ जाता है आयुष्मान भी उसके बगल मैं खड़ा हो जाता है। शीधांश अपने आदमियों को कुछ इशारा करता है, तो वो लोग एक आदमी को लेट है और उसके पैरों पर गिरा देते है उस आदमी की हालत बोहोत बुरी थी।

शिधांश उस आदमी को देखता है और कहता है "कैसा लग रहा अमर खुराना खातिरदारी तो ठीक से हुई न आपकी?" फिर जोर जोर से हँसने लगता है।

अमर शीधांश से कहता है कि वो लोग उसे जाने दे पर शीधांश कहता है "अरे इतनी आसानी से नही अभी तो ओर shopping करवानी है आपको फिर वो ताली बजाते है।" अचानक से लाइट्स चेंज हो जाती है और .

एक बेहद खूबसूरत सी लड़की आती है और सेंटर मैं आके नाचना शुरू करती है.

पाताली कमर मटका के

हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय

नागिन सी बलखा के

हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय

नैन से नैन लड़ा के

हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय

धानी चुनार साराका के

हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय

पाताली कमर मटका के

नागिन सी बालाखाके

नैन से नैन लड़ा के

धानी चूनर सरका के

हो ऊऊ हो ऊऊ

हो ऊऊ हो ऊऊ

दिलवालों के दिल का करार लूटने

मैं आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

वो लड़की अमर की तरफ आती है वो उसे अपनी ओर आता देख के हैरान रह जाता है।

दिलवालों के दिल का करार लूटने

तू आयी है यू.पी. बिहार लूटने x.2

ना पैसों का खजाना ना सोने की तिजोरी

ना बरछी गड़ासा कतर लूट ने

हाय हाय हाय हाय हाय

दिलवालों के दिल का करार लूटने

तू आयी है यू.पी. बिहार लूटने x.2

हो ऊऊ हो ऊऊ हो ऊऊ हो ऊऊ

फिर वो शीधांश के पास आती है वो उसे देख कर एक डेविल स्माइल करता है।

मेरी उमर अभी है सत्रह

चाहु तो हिला दू छपारा

मुझको न समझाना जुम्मा

ना दूंगी तुझको चुम्मा

कान में झुमका लगा के

चाल में ठुमका लगा के

गजरे का जुदा बना के होय ओये

इतर जरा महका के हाय

कान में झुमका सजा के

ऐ हा

चाल में ठुमका लगा के

ऐ हा

गजरे का जुदा बना के

ऐ हा

इतर जरा महका के

क्या जवानी की सारी बहार लूटने वाली है

मैं आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

दिलवालों के दिल का करार लूटने

तू आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

हो ऊ हो ऊ हो ऊ हो ऊ हो ऊ

ओ छोरा !

वो लड़की शीधांश के गले मे अपनी बाहें दाल के अमर की तरफ एक डेविल स्माइल करके आगे गति है।

क्या कलकत्ता क्या मुंबई

माई सबकी नजर में जाम गाई

पंजाब हो या हरियाणा

मुश्किल मुझसे बच पाना

सबका जिया तड़पा के

चिंगारी भड़का के हाए

मुहं में पान दबा के

हाथ में मेहंदी लगा के

ईईई सबका जिया तड़पा के

ऐ हा

चिगारी भड़का के

ऐ हा

मुँह में पान दबा के

ऐ हा

हाथ में मेहदी रचाया के

सबकी आँखों से छुप के

खुमार लूटने

मैं आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

दिलवालों के दिल का करार लूटने

तू आई है यू.पी. बिहार लूटने

ना पैसों का खजाना ना सोने की तिजोरी

ना बरछी गड़ासा कतर लूट ने

हाये हाये हाये हाये

मैं आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

मैं आई हूं यू.पी. बिहार लूटने

हो ऊऊ हो ऊऊ हो ऊऊ हो ऊऊ

हाय हाय हाय हाय हाय!

अमर अपनी दर्द भरी आंखों से उस लड़की को देखता है और कहता है "सोना यह सब क्या है?"

सोना उसकी बात का जवाब नही देती ओर शीधांश के सामने आकर अपना सर झुका कर कहती है "मेरा काम पूरा हुआ boss।"  शिधांश अमर की तरफ देख कर कहता है "तो केसी लगी shopping ओर ये जिसे देख कर तुम हैरान हो रहे हो। अरे ये तो सोना है मेरी भेजी जासूस जिसने तुझे अपने प्यार के जाल में फसाया। तुझे क्या लगा कि तू शिधांश वालिया की लाइफ मैं प्रॉब्लम करेगा और वो चुप चाप बैठेगा।

"मैने ही सोना को भेजा था ताकि मैं तुझे ओर तेरे घमंड को ....... " शीधांश इतना बोल के अपनी कमर से गन निकलता है और अमर के सर के बीचों बीच गोली मार देता है। शिधांश आयुष्मान से कहता है कि इसकी लाश उठाओ ओर जंगली जानवरों के सामने दाल दो ओर किसी को भी इसके बारे में पता न चले समझे ।

To be continued.