और अनुराग टूर पर जाता तो माया को साथ ले जाने लगा।
अब पति के टूर पर जने पर माया को अकेले तनहा नही रहना पड़ता था।
"जब तुम्हे ऐसा ससुराल मिला।त पति इतना ख्याल रखता था।फिर तलाक क्यो दिया?"माया के वैवाहिक जीवन के बारे में जानकर दीपेन ने माया से प्रश्न किया था।
"मेरे दामन में दाग लग चुका था
कैसा दाग
"क्या करोगे जानकर
"क्या मुझे जानने का अधिकार नही है?। माना कि मेरा तुमसे कोई रिश्ता नहीं है लेकिन मैं दोस्त तो हूँ तुम्हारा"
"वो मेरे जीवन की काली रात थी
काली रात?माया की बात सुनकर दीपेन बोला,"रात तो काली ही होती है
"रात काली ही होती है,"माया बोली,"लेकिन वो रात मेरे जीवन मे अंधेरा लेकर आई थी।मेरे जीवन मे हमेशा के लिए अंधेरा कर गयी थी।
"मैं समझा नही
"वो रात।पति के दोस्त की बहन की पार्टी थी
माया उस रात को याद करके अपने अतीत में भटक गयी थी
अनुराग का दोस्त रोहन उसकी बहन मोना की शादी थी।रोहन कार्ड लेकर घर आया था।वह कार्ड देते हुए बोला
शादी में जरूर आना है
आऊंगा क्यो नही।जरूर आऊंगा
लेकिन अकेले नहीं सबको आना है
उस दिन दो शादी थी।एक शादी में सास और ननदे गयी थी।माया पति के साथ रोहन की बहन कि शादी में गयी थी।
वे लोग कार से गये थे।शादी एक मैरिज होम में थी।यह मैरिज होम शहर से दूर बायपास पर था।अनुराग अपने ऑफिस से लौटा तब तक आठ बजे चुके थे।जल्दी जल्दी तैयार होकर गए तब तक नो बज चुके थे।हंसी मजाक दोस्तो से गपसप और खाना खाते खाते बारह बज गए थे।और वे घर को रवाना हुए।घर करीब 10 किलोमीटर दूर था।कुछ रास्ता बिल्कुल सुनसान जगह से गुजरता था।माया पति के पास आगे ही बैठी थी।अनुराग कार चलाते हुए पत्नी स बाते भी कर रहा था।अचानक एक कार बीच सड़क में आकर खड़ी हो गयी।तब अनुराग को ब्रेक लगाने पड़े थे।वह कुछ समझ पाता उससे पहले कार में से उतरे चार लोगो ने उन्हें घेर लिया था।
"कौन हो तुम?
उन्होंने अनुराग की बात नही सुनी औऱ माया का हाथ पकड़ लिया था
"ये क्या कर रहे हों।छोड़ो इसका हाथ
"इसे हम अपने साथ ले जा रहे है
"क्यो
"रोज रात को तू इससे मजे लेता है।आज रात यह हमारी दुल्हन बनेगी
"छोड़ो मेरी बीबी को
अनुराग ने उन लोगो से माया को छुड़ाने का प्रयास किया था।लेकिन उन्होंने माया को नही छोड़ा।तब अनुराग उनसे भिड़ गया था।वे चार लोग थे और अनुराग अकेला।वह किसी फिल्म का हीरो नहीं था जो अकेला ही पचास सौ लोगों को मार डाले।वह एक आम आदमी था।ज्यादा देर तक उनका मुकाबला नही कर पाया था।उन चारों ने अनुराग को बुरी तरह पीटा था और बेहोश हो गया तब छोड़ गये थे । माया चीखती चिल्लाती रही।लेकिन उस सुनसान जगह और अंधेरी रात मे उसकी पुकार को सुनने वाला कौन था।कौन उसकी मदद के लिए आता।और वे लोग उसे जबर्दस्ती कार में डालकर ले गए थे।न जाने कहाँ।कौनसी जगह।सुनसान जंगल मे एक निर्जन पड़े मकान में
और वह विरोध करती रही।।पर उसका विरोध कोई काम नही आया।बारी बारी से वह उसकी इज्जत को लूटते रहे।उसके जिस्म से खेलते रहे।उसके शरीर को नोचते रहे।तब तक जब तक वह बेहोश नही हो गयी थी