Incomplete forest a mystery_Part-6 in Hindi Horror Stories by Abhishek Chaturvedi books and stories PDF | अधूरा जंगल एक रहस्य_भाग-६

Featured Books
Categories
Share

अधूरा जंगल एक रहस्य_भाग-६

अधूरे जंगल का अन्तिम संघर्ष...

तीनों दोस्तों ने फिर से अधूरे जंगल की ओर कदम बढ़ाए। इस बार उनका हौसला मजबूत था, लेकिन उनके दिल में भय भी गहरा बैठा था। गुड़िया को लेकर जो अजीब घटनाएँ हो रही थीं, उन्होंने उन्हें समझा दिया था कि इस बार वे एक अज्ञात और अधिक शक्तिशाली दुश्मन का सामना करने जा रहे हैं।

जंगल का वातावरण पहले से कहीं ज्यादा भयानक हो गया था। चारों ओर घना कोहरा फैला हुआ था, और पेड़ अब पहले से भी ज्यादा विकृत और भयानक दिख रहे थे। जब वे जंगल के भीतर दाखिल हुए, तो उन्होंने देखा कि अब वह जगह बिलकुल बदल चुकी है। पहले के मुकाबले जंगल की हरियाली और सुन्दरता कहीं ग़ायब हो चुकी थी, और उसकी जगह सूखे, मरे हुए पेड़ों ने ले ली थी। 

जंगल के रास्ते में आगे बढ़ते हुए उन्हें वेदना और दर्द भरी आवाज़ें सुनाई देने लगीं, जो जंगल की आत्माओं की थीं। ये आवाज़ें उनके दिमाग को परेशान कर रही थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 

कुछ देर बाद, वे फिर उसी पुराने मंदिर के पास पहुँचे, जहाँ उन्होंने गुड़िया को आखिरी बार छोड़ा था। लेकिन इस बार मंदिर पूरी तरह से बदल चुका था। अब वह एक विशाल और भयानक महल की तरह दिख रहा था, जिसकी दीवारों पर खून के धब्बे थे, और उसकी ऊँचाई इतनी ज्यादा थी कि उसकी छत आसमान में खो गई थी।

मोहित ने धीरे से कहा, "यह जगह अब पहले जैसी नहीं रही। हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना होगा।"

अरुण ने सहमति में सिर हिलाया और तीनों ने महल के मुख्य दरवाजे की ओर कदम बढ़ाए। दरवाजा बहुत भारी था, लेकिन जैसे ही उन्होंने उसे छूने की कोशिश की, वह अपने आप खुल गया। 

मंदिर के भीतर का दृश्य और भी भयानक था। दीवारों पर कई भूतिया आकृतियाँ उकेरी गई थीं, और फर्श पर टूटी हुई गुड़ियाओं के टुकड़े बिखरे हुए थे। उन गुड़ियाओं की आँखें अब भी अजीब तरीके से चमक रही थीं, मानो वे जीवित हों। 

निधि ने गुड़िया को अपने हाथ में पकड़ते हुए कहा, "हमें इसे वेदी पर वापस रखना होगा। तभी हम इस भयानक शक्ति का सामना कर पाएंगे।"

महल के भीतर गूंजती हुई गूँजती आवाज़ें उन्हें सतर्क कर रही थीं कि वे किसी भी समय हमला कर सकते हैं। वे दीवारों पर लगे भयानक चित्रों और अजीबोगरीब लिपियों से बचते हुए वेदी की ओर बढ़ते गए। 

अंततः वे महल के केंद्र में पहुँचे, जहाँ पर वेदी पहले से ही चमक रही थी। वेदी पर वही पुरानी किताब खुली पड़ी थी, जो पिछली बार उनकी सारी मुसीबतों का कारण बनी थी। लेकिन इस बार किताब की स्थिति और भी डरावनी थी—उसमें से खून रिस रहा था, और उसके पन्ने खुद-ब-खुद उलट-पलट रहे थे।

निधि ने डरते हुए गुड़िया को वेदी पर रखा, लेकिन इस बार कुछ भी नहीं हुआ। वेदी पर एक भयानक सन्नाटा छा गया, और फिर अचानक किताब के पन्ने रुक गए। किताब से एक बार फिर वही डरावनी आवाज आई, जो पिछली बार गुफा में सुनाई दी थी।

"तुमने मुझे वापस लाने की हिम्मत की? अब तुम्हें इसकी कीमत चुकानी होगी," आवाज ने गर्जना की।

महल की दीवारें जोर-जोर से हिलने लगीं, और फर्श पर दरारें पड़ गईं। अचानक, वेदी के सामने एक विशाल आकृति प्रकट हुई, जो अधूरे जंगल का शैतान था। उसकी आँखों में अजीब सी चमक थी, और उसके हाथों में एक बड़ा सा तलवार थी, जो आग की लपटों से घिरी हुई थी। 

अरुण और मोहित ने एक-दूसरे की ओर देखा और समझ गए कि उन्हें अब इस शैतान का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने अपनी पूरी शक्ति जुटाई और वेदी की ओर दौड़े। 

मोहित ने शैतान का ध्यान बंटाने के लिए उस पर पत्थर फेंका, और अरुण ने जल्दी से वेदी की किताब को उठाकर उसे बंद करने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही अरुण ने किताब को छुआ, वह अचानक हवा में उठ गई और उसकी आँखों के सामने विस्फोट हो गया।

वेदी से निकलने वाली रोशनी इतनी तेज़ थी कि सभी को अपनी आँखें बंद करनी पड़ीं। रोशनी के साथ-साथ भयानक गर्जना भी हो रही थी। जब उन्होंने अपनी आँखें खोलीं, तो शैतान गायब हो चुका था, और वेदी के चारों ओर सब कुछ शांत हो गया था।

निधि ने गुड़िया को उठाया और देखा कि वह अब पूरी तरह से सामान्य हो गई थी। उसकी आँखों में कोई चमक नहीं थी, और उसका चेहरा भी पहले जैसा मासूम लग रहा था। 

"शायद हमने इसे खत्म कर दिया," मोहित ने कहा, उसकी आवाज में राहत की झलक थी।

लेकिन तभी, वेदी के नीचे से एक गहरी दरार खुली, और उसके अंदर से एक और भयानक आवाज सुनाई दी। "तुमने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन यह अंत नहीं है। यह सिर्फ एक शुरुआत है।"

महल की दीवारें फिर से हिलने लगीं, और उसके चारों ओर की सारी चीज़ें ध्वस्त होने लगीं। लेकिन इस बार, तीनों ने बिना देर किए वहाँ से भागने का फैसला किया। 

वे महल से बाहर निकलकर जंगल की ओर भागे। जंगल अब भी भयानक था, लेकिन उन्हें एक रास्ता दिख रहा था। वे रास्ते पर दौड़ते गए, और अचानक, उन्होंने खुद को फिर से शहर के बाहर पाया।

तीनों ने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन महल और जंगल कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे सब कुछ गायब हो गया हो। 

"क्या यह सचमुच खत्म हो गया?" निधि ने थकान भरी आवाज में पूछा।

अरुण ने सिर हिलाया, "शायद, लेकिन हमें हमेशा सतर्क रहना होगा। यह शापित गुड़िया और यह जंगल हमें कभी भी वापस खींच सकते हैं।"

मोहित ने सहमति में सिर हिलाया और कहा, "हमें इस अनुभव से सीख लेनी होगी और इसे हमेशा के लिए याद रखना होगा।"

तीनों ने एक-दूसरे की ओर देखा और बिना कुछ कहे समझ गए कि उनका सामना भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उनकी जिंदगी में वह अधूरा जंगल हमेशा के लिए एक काले अध्याय के रूप में मौजूद रहेगा। 

गुड़िया को मंदिर के गर्भगृह में छोड़कर, उन्होंने एक बार फिर अपने जीवन की ओर लौटने का फैसला किया। लेकिन उनके दिल में यह डर अब भी बैठा हुआ था कि अधूरा जंगल अब भी कहीं न कहीं मौजूद है, और वह सही वक्त का इंतजार कर रहा है।


(यहॉं की ये कहानी समाप्त होती है, लेकिन अधूरे जंगल का रहस्य अब भी अधूरा है।)