Saat fere Hum tere - Secound - 31 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३१

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३१

माया ने कहा देखा भाई तीन महीने कैसे बीत गए और छोटू भी तीन महीने का हो गया।
विक्की ने कहा हां दीदी कैसे दिन निकल जाते हैं।
माया ने कहा सारा के सारे पेपर अच्छे हो गया।
सारा ने कहा हां दीदी तुम ने मुझे बहुत अच्छे से सिखाया सब कुछ।
विक्की ने कहा हां अब तो एक दिन बाद संजू भी आ जाएगी।
माया ने कहा देखो विक्की शादी ज्यादा दिन तक टाली नहीं जा सकती हैं।
विक्की ने कहा हां मैं कहा मना कर रहा हूं वो तो संजना को शिकागो जाना था सब कुछ बेचने।
माया ने कहा हां वो भी ठीक है।
देख तेरे जीजू भी नहीं आएं।
विक्की ने कहा हां आएंगे शादी में।
फिर अनिक आ गया और फिर बोला देखो भाई अब तेरा दोस्त तेरी शादी धूम धाम से करवा कर ही जाएगा।
विक्की ने कहा सपना की गुड़िया भी तीन महीने की हो गई।
माया ने कहा नहीं वो दस दिन छोटी है।
विक्की ने कहा अब छोटू का नामकरण संस्कार होगा।
माया ने कहा हां सब कुछ यहां से करवा कर ही जाऊंगी।
विक्की ने कहा दीदी आप हो तो सब कुछ है।


विक्की ने कहा हां ठीक है मैं कल ही पंडित जी को बुलाया हुं।
सारा ने कहा हां भाई की शादी होगी भाभी आएगी मेरी मैं नाचु'गी।
विक्की हंसने लगा और फिर छोटू उठ गया तो उसके रोने की आवाज से सब उसके पास भाग गए।
चलो अब चलते हैं इसको लेकर घुमी करेंगे।
विक्की छोटू और सारा और माया को लेकर एक राउंड पर चला गया।
अनिक किसी काम से कनाडा चला गया।
फिर विक्की से सबको भुट्टा खिलाया और फिर आइसक्रीम भी खिलाया।
छोटू खुब मस्ती कर रहा था और हंस रहा था।
विक्की ने कहा देखा दीदी अभी से।
माया ने कहा हां मामा के जैसे ही बनेगा फौजी।।
विक्की ने कहा सच दीदी आप इसको फौजी बनाओंगी।
माया ने कहा हां अगर ये चाहेगा।।
फिर सब घर वापस आ गए।
कुछ देर बाद पंडित जी आ गए छोटू का नामकरण संस्कार किया जाएगा और उसका शुभ मुहूर्त परसों का है।
विक्की ने कहा हां बहुत बढ़िया।
माया ने कहा सागर को पुछ ले
विक्की ने कहा मैं तो बस मैसेज कर दिया था और जीजू कल आ रहे हैं और साथ में छोटू के दादा दादी भी आ रहे हैं।
माया सुनकर रोने लगी और फिर बोली सच में।
विक्की ने कहा और क्या आपको बताने से मना किया था।
सारा ने कहा वाह क्या बात है।
फिर सब खाना खाने लगे और फिर पंडित जी ने परसों नौ बजे का समय बताया माया ने कहा।
विक्की ने कहा हां सब तैयारी हो जाएगी हमारे महाराज जी तो है ही।
सारा ने कहा हां ठीक है पर क्या क्या खास बनेगा।
विक्की ने कहा सारा की पसंद का ओके।।
माया ने कहा हां एक डायरी में लिख लेते हैं।
सारा ने सब कुछ एक डायरी में लिख लिया।
विक्की ने कहा हां हम शापिंग मॉल में जाएंगे।छोटू के लिए कुर्ता पायजामा और फिर मेरे लिए भी।
सब हंसने लगे फिर नाश्ता करने के बाद सब निकल गए।
छोटू को भी बेबी बास्केट में ले लिया वो भी बहुत खुश हो गया था।


फिर सब पहुंच गए एक शापिंग मॉल में जहां पर छोटू के लिए विक्की ने बहुत कुछ खरीदा साथ में कुर्ता पायजामा भी खरीद लिया।
माया ने विक्की के लिए सुन्दर सा कुर्ता पायजामा सारा के लिए गाऊन और सागर के लिए भी कुर्ता पायजामा खरीदा।

आज छोटू का नामकरण संस्कार है घर को पुरा फुलों से सजाया गया है और फिर रंग बिरंगी लाइट भी लगी है।
छोटू के दादा दादी मां और पापा भी आ गए हैं।
सारा भी सुन्दर से सजी हुई थी।
विक्की और सागर कुर्ता पायजामा और छोटू भी बहुत ही खूबसूरत लग रहा है।
पंडित जी ने सबसे पहले सबको नामकरण संस्कार के बारे में जानकारी देना आरंभ किया।

जन्म के समय की राशि में चंद्रमा के स्थान को देखते हुए बच्चे का नाम तय किया जाता है. ज्योतिष विज्ञान में सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग अक्षर सुझाए गए हैं जिसके आधार पर नाम रखे जाते हैं. पैदा होने के 10वें दिन होने वाले नामकरण संस्कार में बच्चे के जन्म के समय के नक्षत्र को देखते हुए बच्चे के नाम का चुनाव किया जाता है।इसके पश्चात् प्रजापति, तिथि, नक्षत्र तथा उनके देवताओं, अग्नि तथा सोम की आहुतियां दी जाती हैं। तत्पश्चात् पिता, बुआ या दादी शिशु के दाहिने कान की ओर उसके नाम का उच्चारण करते हैं। इस संस्कार में बच्चे को शहद चटाकर और प्यार-दुलार के साथ सूर्यदेव के दर्शन कराए जाते हैं।
सामाग्री ये सब है।
शिशु के सोने-चांदी के गहने या बर्तन

छोटे सोने-चांदी के सिक्के

गिफ्ट कूपन

रुपयों से भरा शगुन का लिफाफा

खिलौने

बच्चे का सामान जैसे : पलंग, झूला, नहाने का सामान आदि

बच्चे के कपड़े

कंबल
इत्यादि।
अब हम पुजा विधि शुरु करते हैं।
फिर जो जो काम होता है वो सब कुछ पंडित जी करवाया।
और फिर छोटू को कान में सबने कुछ न कुछ अच्छी बात कही।छोटू हंसता रहा।
फिर पंडित जी ने बुआ को कहा तो सारा ने भी कान में कुछ कहा।
सबके बाद विक्की ने भी कहा।
पंडित जी ने अ अक्षर बताया।
सब सोचने लगे।
माया ने विक्की को कहा।
विक्की ने बहुत देर तक सोचा और फिर बोला अंश नाम कैसा है।
सबने मिलकर खुशी जाहिर किया।
माया ने सबको मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर किया।

इस तरह से अंश का नामकरण संस्कार पुरा हुआ।
सब लोग खाना खाने बैठ गए।
अंश को विक्की ने खीर खिलाया और फिर सब मिलकर खाना खाने लगे। विक्की ने कहा देेखा दी 

क्याकी वजह से सब कुछ अच्छी तरह से हो गया। और फिर सपना और चाची चाचा दादी मां सब लोग कब आ रहे हैं और फिर प्रिंसेस भी आएंगी।

सागर ने कहा साले साहब शादी कर लिजिए तभी सब आ जाएंगे।सब सुनकर खुब हंसने लगे और फिर विक्की ने कहा हां ज़रूर करना है दिन तय हो गया है बस संजना के आते ही सब शापिंग शुरू कर देंगे और हां इस बार दुकान बंगले में लगेंगी।

क्योंकि दो दो छोटे बच्चे घर में है। सागर के पापा ने कहा हां बेटा ये बिल्कुल ठीक कहा तुमने।

अब आगे संजना और विक्की की शादी हो जाएगी।
अगला अध्याय जरूर पढ़ें।
क्रमशः