अब आगे,
अर्जुन की बात सुनकर, अब आराध्या उसको अपनी हैरान नजरों से देख रही थी और फिर अपने ही मन मे अपने आपसे बोली, "इस "डेविल" को कैसे पता है कि मुझे क्लास में जाकर लेक्चर लेना बिलकुल भी नहीं पसंद और कही इन्होने मेरे बारे मे सारी इनफॉर्मेशन निकलवा तो नही ली होगी और शायद इसी वजह से इन्हें ये भी पता था कि मुझे व्हाइट सॉस पास्ता पसंद है, ओ नो हे महादेव अब मैं क्या करूं इस "डेविल" से केसे अपने आपको बचाऊं..!"
अपनी बात अपने मन में कहकर आराध्या, अपने मन में ही अर्जुन को कोश रही थी वही जब अर्जुन ने अराध्या को कुछ सोचते हुए देखा तो अब अर्जुन ने अराध्या के कंधे को अपने सीधे हाथ से पकड़ते हुए उससे पूछा, "क्या हुआ अरु बेबी, क्या सोचने मे लग गई और मैने तुम से कुछ पूछा है उसका जवाब दो कि आज ऐसी भी क्या खास बात है जो तुम आज अपनी पढ़ाई को लेकर इतनी फिकर जता रही हो और कही ऐसा तो नहीं न कि तुम मुझसे दूर जाने के रास्ते तलाश रही हो..?"
अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या ने उसको देखा और फिर एक मासूम बच्चे की तरह मुंह बनाते हुए अब अर्जुन से कहने लगी, "हां तो कुछ लोगो को पढ़ाई का दिखावा करना पसंद नही होता है इसका ये मतलब तो नही है कि मैं बिलकुल भी नहीं पढ़ती हूं नही तो मैंने ग्रेजुएशन में एडमिशन कैसे ले लेती और चाहे मै क्लास में लेक्चर अटेंड न करू मगर मेरे लिए पढ़ाई बहुत ज्यादा जरूरी है और आप चाहे न चाहे मगर पढ़ाई तो करनी ही पढ़ती है और वैसे भी मुझे पढ़ाई में थोड़ा बहुत ही सही मगर रुचि तो है ही और मै पढ़ाई के लिए ही तो यहां दिल्ली में मौजूद है तो क्या मैं अब कॉलेज जा सकती हु..!"
अराध्या की पूरी बात सुनकर अब अर्जुन अब आराध्या से थोड़ा पीछे हट गया और फिर अपना एक हाथ अपनी पॉकेट में डालते हुए साथ में थोड़ा सोचने का नाटक करते हुए अब अपनी रौबदार आवाज में आराध्या से कहा, "हम्म्म अच्छी कोशिश थी मगर इस सबका मुझ पर कोई फायदा नही होगा क्योंकि मुझे तुम पर अभी भरोसा करने में थोड़ा समय लगेगा और उसकी वजह ये है कि तुम मेरी बातो को देर से समझती हो तो इसलिए तुम अभी कही भी नही जा सकती हो और जब तक मै विला में वापस नही आ जाता हूं तब तक के लिए तुम मेरे इस कमरे मे ही रहोगी, समझ में आया तुम्हे..!"
अब अपनी बात कहकर अर्जुन अपने कमरे से जाने लगा और अर्जुन अपने कमरे से जा ही रहा था कि अब तक अराध्या को अर्जुन की पूरी बात सुनकर बहुत ज्यादा गुस्सा आ चुका था और अब अराध्या ने अपने गुस्से में जाते हुए अर्जुन से कहा, "ये आप मेरे साथ गलत कर रहे हैं और एक तो आपने मुझे अपने इस विला में जबरदस्ती लाकर कैद कर लिया है और ऊपर से मुझे डाटते है, मुझे पर गुस्सा करते हैं और तो और मुझे मारते भी है और अब मुझे मेरे कॉलेज जाने से भी मना कर रहे हैं और आपकी वजह से मेरी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है वो अलग..!"
अराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन उसकी तरफ ही देख रहा था और साथ में वो अपने गुस्से पर कंट्रोल कर रहा था क्योंकि उसको ये बिलकुल भी बरदाश नही था कि कोई भी उससे ऐसे बात करे जैसे अराध्या अपने गुस्से भी उसको बोल रही थी और अब अर्जुन ने अराध्या से कहा, "हो गया या और भी कुछ कहना चाहती हो क्योंकि तुम चाहे मुझे कुछ भी क्यू ना कह लो मगर मैं तुम्हे इस विला से बाहर और मेरी जिंदगी से जाने की इजाजत कभी नही दूंगा..!"
To be Continued......❤️✍️
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।