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केस ज़रा भी आगे नहीं बढ़ पा रहा था। इससे इंस्पेक्टर आकाश की चिंता बढ़ रही थी। उन्होंने एक बार फिर मि.लाल के पुराने पार्टनर मनीष के बारे में पड़ताल की। लेकिन किसी भी तरह से वह मनीष को इस केस से जोड़ नहीं पा रहे थे। वह करन की उस पहेली का भी अभी तक कोई अर्थ नहीं निकाल पाए थे। सब इंस्पेक्टर राशिद ने बताया था कि उन्होंने कबीर को करन की पहेली बता दी है। कबीर उनसे उनका फोन नंबर यह कह कर ले गया था कि जैसे ही वह कोई संकेत पाएगा उन्हें सूचित कर देगा।
वैसे इंस्पेक्टर आकाश को पहेली के बारे में सोचने का समय भी नहीं मिल पाया। ना जाने कैसे मीडिया को करन की किडनैपिंग के बारे में पता चल गया। इंस्पेक्टर आकाश को मीडिया के अनेक प्रकार के सवालों का जवाब देना पड़ा। लेकिन बड़ी चतुराई से उन्होंने केवल वही बताया जिससे केस पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े। उन्होंने केवल यही कहा कि पुलिस अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। जल्दी ही दोषी पकड़े जाएंगे।
अब मीडिया का दबाव भी उन पर आ गया था। मीडिया को पता था कि पहली बार पुलिस की लापरवाही के कारण किडनैपर पैसों के साथ भाग चुके हैं। इसके कारण अब केस को सही तरह से पूरा करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। इंस्पेक्टर आकाश केस के संबंध में सब इंस्पेक्टर राशिद से बात कर रहे थे,
"राशिद इस केस को जल्द से जल्द सही तरह से निपटाना हमारे लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। मीडिया के इसमें शामिल होने से अब अटकलों का बाज़ार गर्म हो जाएगा। जो केस को नुकसान पहुँचा सकता है।"
"जी सर आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। हमें जल्द ही कुछ करना होगा। सर मुझे तो लगता है कि करन की पहेली सुलझ जाए तो कोई सुराग मिल सकता है।"
सब इंस्पेक्टर राशिद की बात सुनकर इंस्पेक्टर आकाश सोंच में पड़ गए। उन्होंने कहा,
"तुम ठीक कह रहे हो राशिद। चलो हम मिल कर उसे ही सुलझाने का प्रयास करें।"
इंस्पेक्टर आकाश ने वह पहेली कागज़ पर लिख ली। उसके बाद वह सब इंस्पेक्टर राशिद के साथ मिल कर उसे सुलझाने का प्रयास करने लगे। दोनों ने बड़े ध्यान से कागज़ पर लिखी पहेली को पढ़ा।
वह पहेली के शब्दों के पीछे छिपे अर्थ को समझने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन तभी उन्हें सूचना मिली कि पास में दो गुटों के बीच झड़प दंगे में बदल गई है। उन्हें फौरन वहाँ जाना पड़ा।
रात में जब घरवाले सो गए तब कबीर चुपचाप उठा। अपना टेबल लैंप जलाया। पहेली वाला कागज़ उसके नीचे खोल कर रख दिया। वह उस पहेली को बार बार पढ़ने लगा।
'राजा की सड़क पर गगन चूमती मीनार
शहर के बीच जंगल है उसकी पहचान
धड़क घड़क रास्ते के पार घना बसेरा
आरती आज़ान हर शाम और सवेरा'
वह बहुत ध्यान से हर एक शब्द पर विचार कर रहा था। उनके मायने ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा था। बहुत देर तक उन शब्दों के बारे में सोचने के बाद भी वह किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पा रहा था।
वह अपनी कुर्सी से उठ कर इधर उधर टहलने लगा। टाइगर भी उसके पीछे पीछे लगा था। जैसे वह भी बहुत परेशान हो । कबीर उलझन में था। उसे टाइगर का पीछे पीछे घूमना अच्छा नहीं लग रहा था। उसने उसे डांटा।
"टाइगर मैं परेशान हूँ। तुम चुपचाप एक जगह बैठो।"
टाइगर जाकर चुपचाप बैठ गया। कबीर वापस अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया। टाइगर भी उसके पास आकर बैठ गया। कबीर अपने विचार में मग्न था कि तभी टाइगर ने मेज़ पर रखी कुछ किताबें गिरा दीं। कबीर ने फिर डांटा।
"आज क्या हो गया है तुमको टाइगर ? क्यों बदमाशी कर रहे हो ? शांत नहीं बैठ सकते।"
वह बिखरी हुई किताबें उठाने लगा। तभी उसके हाथ अंग्रेज़ी हिंदी डिक्शनरी आ गई। अचानक उसके दिमाग में एक विचार कौंधा। उसने फौरन पहेली वाले कागज़ पर हिंदी शब्दों का अंग्रेज़ी अनुवाद लिखना शुरू किया। पहले दो शब्दों से ही उसे सूत्र मिल गया।
राजा किंग
सड़क स्ट्रीट
किंग्स स्ट्रीट उसके शहर की एक मुख्य सड़क का नाम था। उसने फौरन अपना मोबाइल उठाया। गूगल पर किंग्स स्ट्रीट का नक्शा निकाला। अब वह आगे के शब्दों पर विचार करने लगा।
गगन चूमती मीनार यानी बहुत ऊँची इमारत। किंग्स स्ट्रीट पर ही शहर की सबसे ऊँची इमारत बंसल टावर थी। नक्शे में उसके कुछ ही दूर पर बॉटेनिकल गार्डन था। यानी शहर के बीच एक तरह का जंगल। कबीर ने पहेली के एक हिस्से का मतलब निकाल लिया था। वह अब पहली के दूसरे हिस्से के बारे में सोंच रहा था।
धड़क घड़क रास्ते के पार घना बसेरा
आरती आज़ान हर शाम और सवेरा'
पहेली का यह हिस्सा थोड़ा मुश्किल लग रहा था। रात बहुत हो गई थी। अब उसे ज़ोर से नींद आने लगी थी। फिर भी वह कोशिश कर रहा था। लेकिन नींद उस पर हावी हो रही थी। वह जाकर सो गया।
अगले दिन उसने सब इंस्पेक्टर राशिद को फोन कर बताया कि उसने पहेली का एक हिस्सा सुलझा लिया है। वह इंस्पेक्टर आकाश से मिलना चाहता है। सब इंस्पेक्टर राशिद ने उससे स्कूल के बाद पुलिस स्टेशन आने को कहा।
कबीर जब पुलिस स्टेशन पहुँचा तो उसने करन की पहेली का जितना अर्थ निकाला था उन्हें समझाया। वह बोला,
"सर मुझे लगता है कि करन को किंग्स स्ट्रीट से ले जाया गया होगा। राजा की सड़क का यही मतलब है। बंसल टावर जो किंग्स स्ट्रीट पर है वह गगन चूमती मीनार है। शहर के बीच जंगल मतलब बॉटैनिकल गार्डन। वह भी उसी सड़क पर है।"
कबीर की बात सुनकर इंस्पेक्टर आकाश बहुत प्रभावित हुए। खुश होकर बोले,
"शाबाश तुमने सचमुच एकदम सही मतलब लगाया है। अब हम लोग बाकी की पहेली सुलझाने का प्रयास करते हैं।"
कबीर ने अपनी जेब से पहेली वाला कागज़ निकाल कर मेज़ पर रख दिया। सब इंस्पेक्टर राशिद ने बाकी की पहेली पढ़ी।
धड़क घड़क रास्ते के पार घना बसेरा
आरती आज़ान हर शाम और सवेरा
उन लोगों ने जीपीएस पर किंग्स स्ट्रीट और आस पास का नक्शा देखना शुरू किया। सब इंस्पेक्टर राशिद ने नक्शा देखते हुए कहा,
"सर यह देखिए बंसल टावर से करीब पाँच सौ मीटर दूर बाईं तरफ एक मोड़ जाता है। उस पर लगभग एक किलोमीटर अंदर जाकर एक रेलवे लाइन है।"
इंस्पेक्टर आकाश खुश होकर बोले,
"यू मीन धड़क घड़क रास्ता।"
"हाँ सर वही। सर रेलवे लाइन के पार कुछ ही आगे कुश नगर नाम की एक अनाधिकृत बस्ती है। यानी घना बसेरा।"
इंस्पेक्टर आकाश के चेहरे पर एक चमक थी। सब इंस्पेक्टर राशिद की पीठ थपथपा कर बोले,
"वाह तुमने तो सही निशाने पर तीर मारा।"
कबीर ने अंतिम पंक्ति का भेद खोलते हुए कहा,
"सर आरती आज़ान हर शाम और सवेरा। इसका मतलब है कि करन को जहाँ रखा गया है वहाँ पास ही मंदिर और मस्जिद दोनों हैं। उसे रोज़ आरती और आज़ान की आवाज़ सुनाई पड़ती होगी।"
इंस्पेक्टर आकाश ने सभी कड़ियों को जोड़ कर नतीजा निकाला।
"करन को कुश नगर नाम की बस्ती में कैद कर रखा गया है। जहाँ पास में मंदिर और मस्जिद हैं। फिर भी हमें बहुत सावधानी से वह जगह तलाशनी होगी। कुश नगर ना सिर्फ घनी बसी हुई है बल्कि बहुत बड़ी भी है। उसके बाहर निकलने के कई रास्ते हैं। अगर किडनैपर को हमारे वहाँ होने की खबर लग गई तो वह फिर से करन को ले कर भाग सकता है।"
सब इंस्पेक्टर राशिद ने उनसे सहमति जताते हुए कहा,
"सर आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। हमें बहुत सावधानी बरतनी होगी।
तय हुआ कि एक सुनियोजित प्लान के साथ वो लोग बस्ती में जाएंगे।