Rise Of Informations in Hindi Health by A Common Researcher books and stories PDF | राइज ऑफ इन्फॉर्मेशनस

Featured Books
Categories
Share

राइज ऑफ इन्फॉर्मेशनस

स्मार्टफोन चलाने हेतु आंखों के स्वास्थ्य के लिए कुछ जानकारियां:- रोजाना 8 घंटे के लगभग नींद लें। हमेशा स्मार्टफोन पर डार्क थीम चालू रखे। इससे स्मार्टफोन से निकलने वाली सफेद प्रकाश को नियंत्रित किया जा सकता है। जो कम दूरी होने के कारण, सीधे आंखों की रेटीना पर पड़ती है। शाम छः बजे के बाद, अपने स्मार्टफोन पर डिस्प्ले लाइट को पूरी तरह से कम कर दें और आई केयर (नाइट सिल्ड) चालू कर लें। (नोट:- वर्चुअल रियलिटी वाले यंत्र को आंखों के एकदम पास से रोजाना देखने से, आप अपनी आंखों की रोशनी खो सकते हैं।) पुस्तक और ई-पुस्तक पढ़ना अच्छा है। पढ़ने से नींद अच्छी आती है। सोचने की क्षमता, समझने की क्षमता, बौध्दिक क्षमता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। ज्ञान बढ़ता है। परंतु रोजाना 24 घंटों में पुस्तक या ई-पुस्तक में सात पृष्ठ के लगभग पढ़ना अच्छा है। इससे आपके हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थय में बुरा असर नहीं पड़ेगा। विकसित देश के कुछ लक्षण:- मुफ्त शिक्षा सुविधा, मुफ्त इलाज सुविधा, मुफ्त इंटरनेट सुविधा, मुफ्त बिजली सुविधा, मुफ्त दूरसंचार सुविधा, मुफ्त आपातकालीन सुविधा, विकसित सड़के और मार्ग, अच्छी कानून व्यवस्था, विकसित जंगले, साफ-सुथरे नदियां तालाब झरने, विकसित उद्योग व्यवस्था…आदि। अपने जिंदगी का बीमा (इंसोरेंस) कराने से , आपके परिवार वाले भी आपके जान के दुश्मन बन सकते हैं। धन की लालच में। साथ ही बीमा कंपनियां आपको डर दिखाकर और लालच देकर, आपकी मेहनत की कमाई को हर महीने हजम करते रहते हैं। इसलिए अपनी जिंदगी और मेहनत की कमाई चुनिए, बीमा (इंसोरेंस) नहीं। अच्छे कार्य करना ही धर्म है। क्योंकि कुरान, भगवतगीता, बाईबल...आदि। जैसी धर्मों ग्रंथों का एक मुख्य संदेश यही है कि अच्छे कार्य करो। अच्छे कार्य का पर्यायवाची शब्द, धर्म को कहा जा सकता है। धर्म = अच्छे कार्य। अपनी पहचान दिखाकर - बनावटी धर्म, राजनीति, कंपनी...आदि के बारें में काला सच या इनकी बुरीं बातें न कहें। अन्यथा ये आपके पीछे पड़ जाएंगे। आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। ऐसे भी लोग हैं, जो बनावटी धर्म के नाम पर इतना पागल है कि वे मार भी सकते हैं और मर भी सकते हैं। इनकी सच्चाई बतानी हो या बुरें कार्यों के बारे में कहें। परंतु अपनी पहचान छुपाकर। पोर्न विडियोज देखने से आप दिमागी रूप से कमजोर और बीमार हो सकते हैं।‌ साथ ही इसकी लत भी लग सकती है। जिसके बाद आपकी सोचने, समझने और बोध्दिक क्षमता पर असर पड़ेगा। दिमागी रूप से बीमार होने के बाद। आपके सेक्सुअल लाइफ पर भी असर पड़ेगा। आपकी खुशी गूम हो जाएगी। चिंता और तनाव घर कर लेगी। जो आपकी इच्छाओं को पुरा करने में बाधा बनेगी। दुनिया में 70 प्रतिशत बलात्कार होने के पीछे ये सेक्स पोर्न विडियोज ही जिम्मेदार है। (नोट:- हस्तमैथुन करना या संभोग करना बुरा नहीं है। पोर्न विडियोज देखना, आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।) इस गर्मी से बचने‌ के लिए कुछ अच्छे उपाय - अधिक से अधिक पानी पीएं‌, हल्के और सफेद रंग के कपड़े पहने, घर के बाहरी परत को सफेद रंग से रंग दें। क्योंकि सफेद रंग प्रकाश को अवशोषित नहीं करता है और प्रकाश को गर्मी के रूप में नहीं बदलता। रिफाइंड आटा (मैदा), रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली खाद्य सामग्रियों का सेवन, रोजाना करने से मोटापा, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, हृदयाघात, कैंसर, श्वसन संबंधित, त्वचा संबंधित बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि इनमें कई रसायन होते हैं। इनका रोजाना सेवन करने से रसायन की मात्रा अधिक हो जाएगी। जो नुकसानदेह साबित होंगे। परंतु सप्ताह में एक बार, इन खाद्य सामग्रियों का सेवन किया जाए तो अधिक नुकसानदेह नहीं होगा। जैसे- कहीं मेलों में जाकर, कहीं दूसरें स्थानों में जाकर...आदि। क्योंकि इन रसायनों की कम मात्रा, कम जहरीले और कम नुकसानदेह है। इसलिए सप्ताह में एक बार, इन‌ स्वादिष्ट खाद्य सामग्रियों का लुत्फ उठाएं। परंतु सीमित मात्रा में। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में भी कुछ पोषक तत्व होते हैं। रिफाइंड आटा (मैदा)-कार्बोहाइड्रेट। रिफाइंड चीनी-कार्बोहाइड्रेट। रिफाइंड तेल-वसा। साथ ही शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को रसायनों को बाहर निकालने का अभ्यास होगा। साथ ही स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों का सेवन करने से, दिमाग डोपामिन रिलीज करेगा। जिससे आपको खुशी मिलेगी। (नोट:- आर्टिफिशियल स्वीटनर, रिफाइंड चीनी से भी अधिक नुकसानदेह है।) सगे दादा-दादी या सगे माता-पिता या सगे भाई-बहन या सगे भाभी-देवर या सगे बेटा-बेटी के साथ संभोग करने से आपके और उनके जीवन में तनाव, परेशानी, उदासी पनप सकती है। साथ ही लड़ाई, झगड़े होने और जीवन संकट में आने की संभावना रहती है। च्यूइंग गम एक मांसाहारी उत्पाद हैं। च्यूइंग गम बनाने की विधि में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल होता है। इसका सेवन करने से बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही अधिक मात्रा में च्यूइंग गम को निगल देने से , आपको अस्पताल की ओर रुख करना पड़ सकता है। इलाज न कराने पर मौत भी हो सकती है। मोदी जी के कुछ अच्छे कार्य - वृद्धा पेंशन योजना, राशन योजना को बढ़ावा देना, शौचालय निर्माण, मोटेरा सटेडियम, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, UPI समर्थन, सबसे ऊंची रेलवे ब्रिज, पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी। हमें अपनी पहचान दिखाकर ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। जो बाद में हमें ही नुकसान पहुंचे। जैसे उदाहरण के तौर पर किसी बुरे कार्य करने वाली कंपनी, सरकार या बनावटी धर्म, हानिकारक उत्पाद, आदि के बारे में अपनी पहचान दिखाकर खुलेआम बोलना। बोलना है तो बिना घबराए बोलो, सच सबके सामने लाओं। परंतु अपनी पहचान छुपाकर। हिन्दू , मुस्लिम, सिख , ईसाई...आदि ये सभी बनावटी धर्म है। अच्छे कार्य करना ही सच्चा धर्म है। सच्चे धर्म को पहचानिए। सच्चे धर्म में आपका जीवन बेहतर और अच्छा होगा। ऑफलाइन हो या ऑनलाइन सट्टा (जुहा)। यदि आप इसके लालच में फस गये तो यह दीमक की भांति, आपके मेहनत की कमाई को खाता जाएगा। अभी भी समय है, सट्टे के लालच से बाहर निकलो, अपनी मेहनत की कमाई बचाओ। श्री राम एक अच्छे सम्राट थे। जो अच्छे कार्य करते थे और अपनी प्रजा के भले के बारे में सोचते थे। वे शाकाहारी थे। श्री राम और रावण के बीच महायुद्ध भी हुआ था। परंतु किसी के पास भी जादुई शक्ति नहीं थीं। श्री राम और रावण दोनों मनुष्य थे। श्री राम के अच्छे कार्यों के कारण ही भारत के अधिकतर लोग उनकी पूजा करते हैं। कुछ लेखकों की वजह से ही आज श्री राम और रावण के बीच घटित घटना को लोग सत्य न मानकर, काल्पनिक असत्य मानते हैं। ऐसे कई लोग जो संन्यासी, साधू…आदि है। वे आपसे कहेंगे - गोबर या गाय के मूत्र से नहाने या खाने से आप और अधिक स्वस्थ हो जाएगे या आपकी स्किन निखर जाएगी तो यह सब झूठ है। वे तो ऐसा नहीं करेंगे, परंतु अंधभक्ति की आड़ में आपकी दुर्गति जरूर कर देंगें। सावधान रहें। मांस ,अण्डा और इससे बनने वाली चीजों का सेवन करने से हार्ट अटैक और किडनी फेलियर हो‌ने की संभावना बढ़ जाती है। विश्व में हार्ट अटैक और किडनी फेलियर की संख्याएं बढ़‌ रही है। शरीर की त्वचा पर टैटू कराने से, त्वचा पर त्वचा रोग होने की संभावना है। इसलिए तो इंडियन आर्मी सलेक्शन में टैटू को प्रतिबंधित किया गया है। नेल पॉलिश का उपयोग करने से, आपके नाखुन जल्दी खराब होने की संभावना है, क्योंकि इसमें काफी मात्रा में केमिकल होता है। साथ ही मेहंदी का उपयोग करने से यह आपके हाथ की त्वचा को नुक्सान पहुंचा सकता है। मांस-अण्डे और इससे बनने वाली चीजों को हमेशा के लिए पूर्ण रूप से छोड़े। रोजाना रिफाइंड आटा, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली चीजों का सेवन न करें। चेहरे पर साबून का इस्तेमाल न करें। सुबह, दोपहर और शाम साफ पानी से चेहरे को धोएं। तम्बाकू का सेवन न करें। साफ पानी पिएं, साफ खाना खाएं, कुछ देर खुली हवा में टहलें। जैसे - जैसे वर्ष बीतते जाएंगे, आपके पिंपल्स कम होते जाएंगे। मार-पीट से रिश्तें बिगड़ सकते हैं। इसलिए गलती होने पर उसे अच्छे से समझाएं, मार-पीटकर नहीं। यदि समझाने पर भी वह नहीं समझता तो वक्त बीतने के साथ, कभी न कभी वह समझ जाएगा। मांस-अण्डे और इससे बनने वाली चीजों का सेवन हमेशा के लिए छोड़ दें। रिफाइंड आटा, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली चीजों का सेवन रोजाना न करें। मन हो तो सप्ताह में एक बार ही सीमित मात्रा में, इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करें। जैसे-जैसे साल दर साल बीतते जाएंगे। धीरे-धीरे आपका मोटापा कम होता जाएगा। (नोट:- आपके घर में मौजूद सफेद चीनी को ही रिफाइंड चीनी कहा जाता है। जो क्रिस्टलीय आकर और सफेद पाउडर के रूप में पाया जाता है।) अमावस्या और पूर्णिमा के समय अंधविश्वासी लोगों से अपने बच्चों को बचाएं। क्योंकि ऐसे भी अंधविश्वासी लोग हैं, जो आपके बच्चे की बलि देने के फिराक में हो। फैंटसी स्पोर्ट्स गेमिंग प्लेटफॉर्म ये सभी सट्टेबाजी का खेल है। सरकार को इन प्लेटफॉर्म से हर साल करोड़ों रुपए टैक्स मिल रहा है, इसलिए सरकार ने भी इन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को हरी झंडी दे दी। आप भले ही टीम बनाकर जीते या हारें, इससे कंपनी को अधिक फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ आपके खेलते रहने से, इन्हें लाभ होता रहेगा। कितने सारे लोग इन प्लेटफॉर्म्स के कारण बर्बाद हो चुके हैं। इन प्लेटफॉर्म्स से दूर रहें और शोर्ट - कट तरीके से धन कमाने से बचें। म्युचुअल फंड (शेयर मार्केट) में निवेश करने से पहले उसकी जांच पड़ताल अवश्य करें। अधिक लालच के चक्कर में न पड़ें। धोखाधड़ी वाले कंपनियों पर विश्वास न करें। विश्वासी कंपनियों पर ही निवेश करें। यदि आपके पास पर्याप्त से भी अधिक रूपया है, तभी म्युचुअल फंड (शेयर मार्केट) में निवेश करें। आत्महत्या करने से आपको असहनीय दर्द होगा। आपका जीवन समाप्त हो जाएगा। आपके माता-पिता रोएंगे। कुछ समय बाद आपके शरीर को मिट्टी में दफना दिया जाएगा। जो जीवन रहते, आनंद मिलता, वह भी नहीं मिलेगा। पुनर्जन्म और आत्मा नहीं होती है, यानि पुरी तरह समाप्त। आत्महत्या करने से खुद का नुकसान है, दुसरे का नहीं। आपके पास ट्युशन पढ़ने के लिए पर्याप्त धन न हो तो चिंतित न हो। यदि आप में विश्वास है, तो आप बिना ट्युशन पढ़ें भी परीक्षा पास कर सकते हो। क्योंकि परीक्षा पास करने के लिए ज्ञान की जरूरत पड़ती है। पेनिस की लंबाई उम्र के साथ बढ़ती है और एक समय आता है, जब बढ़ना रूक जाती है। इसकी लंबाई को बढा़ने वाली दवाइयां व्यर्थ है। हस्तमैथुन करना बुरा नहीं है। इससे शारीरिक सुख की प्राप्ति होती है, तनाव कम होता है, माइंड फ्रेश होता है,नींद की कमी दूर होती है। परंतु रोजाना करने से शारीरिक कमजोरी और थकावट हो सकती है। लिपस्टिक का उपयोग आपके होंठ में कैंसर पैदा होने की संभावना को बढ़ा सकती है। केमिकल पेस्ट आपको गोरा तो नहीं बना सकती, परंतु आपके त्वचा में रूखापन और कैंसर होने की संभावना बढ़ा सकती है। केमिकल युक्त सुगंध का उपयोग करने से आंखों में जलन, आंखों का लाल होना, दमा रोग, सांस लेने में तकलीफ....आदि होने की संभावना है। मांस, अण्डा और इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करने से पेट में बीमारी होने,आलस बढ़ने, मोटापा, त्वचा रोग, कैंसर, किडनी फेलियर, ह्रदय घात,...आदि होने की संभावना है। इसलिए खुद से सोचे, लम्बी और स्वास्थ्य जीवन या मांस अण्डा भोजन। मारो या मरो की परिस्थिति आए तो मार देना। परंतु जान से मत मारना। इस तरह मारना कि मारने वाला इस तरह घायल हो जाए कि कुछ घण्टों के लिए खड़ा न हो पाए। उसके बाद एम्बुलैंस को कॉल करके उस घायल अपराधी को अस्पताल पहुंचा देना। साथ ही पुलिस अधिकारी को कॉल करके उस अपराधी के बारे में सारी बात बता देना। ताकि उस अपराधी को अपने अपराध के लिए दंड मिल सके। पूजा-पाठ करने से, व्रत रखने से, अपने आप को जख्म देने से...आदि करने से पाप नहीं धुलेंगे। पाप धुलेंगे, अच्छे कार्य करने से। दुनिया में आत्महत्याएं होती है, परंतु कुछ आत्महत्याएं मर्डर होती है। कुछ पुलिस अधिकारी धन खाकर मिले हुए सबूत को भी समाप्त कर देते हैं। आप जिन मूर्तियों को भगवान समझकर पूजते हैं, वे असल में अच्छे कार्य करने वाले लोगों की मूर्तियां हैं। राम सेतु एक प्राकृतिक सेतु है जो प्रकृति द्वारा बना है। आज दुनिया में लोग आस्था में इतने डूब गए हैं कि कोई शिव जी के लिंग की पूजा कर रहा है, तो कोई कामाख्या देवी के योनि की पूजा कर रहा हैं। यदि प्रणाम करना है तो शिव जी के मूर्ति को और कामाख्या देवी के मूर्ति को प्रणाम कर सकते हो। जिसमें उनका पुरा शरीर हो। प्रणाम करना अच्छी बात है, क्योंकि उन्होंने अच्छे कार्य किए होंगे। साबून और डिटर्जेंट पाउडर हमारे शरीर के त्वचा को नुक्सान पहुंचाती है और त्वचा में रूखापन, झुर्रियां और कैंसर होने की संभावना बढ़ाती है। सेम्पू और केमिकल युक्त पेस्ट बालों को नुक्सान पहुंचाती है और बालों के झड़ने और गिरने में सहायता करती है। कॉलगेट दांतों और मसूड़ों को नुक्सान पहुंचाती है। साबुन, सेम्पू, डिटर्जेंट पाउडर और कॉलगेट का झाग। पानी को दूषित करता है और इस दूषित पानी का उपयोग करने से मनुष्य और जीव-जंतु बीमार हो रहे हैं। पानी से नहाएं, पानी से बालों को धोएं, पानी से हाथ-मुंह धोए, पानी से कपड़े धोए और अपने आपको और पानी को दूषित होने से बचाएं। सट्टे का खेल खेलते रहने से, आपको इसकी आदत लग सकती है। दूसरें कामों से मन हट सकता है, जो आपके आय का स्रोत हो। सट्टे का खेल किसी को कर्ज में भी डूबा सकती है। आपके जीवन के सकुन‌, चैन को छीन सकती है। सट्टे का खेल में आप हारे या जीते, इससे कंपनी को अधिक फर्क नहीं पड़ता, बल्कि कंपनी का तो फायदा होता रहता है, आपके खेलते रहने से। सट्टे की कंपनियां बनेगी करोड़पति और आपको बनाएगी रोडपति। पृथ्वी पर अरबों जीव है। सबकी अपनी-अपनी अलग-अलग बोलियां हैं। भगवान न ही तुम्हारे बोलियां और भाषाएं समझते हैं और न ही तुम्हारे मन की बात। वे सुनते हैं और उन्हें सुनने में अच्छा लगता है‌। क्योंकि बहुत सारे जीवों की बोलियां काफी मधुर और सुरीली होती‌ है। परंतु वे सब देखते हैं- पृथ्वी पर क्या हो रहा है, क्या चल रहा है, उनके द्वारा बनाए गए जीव क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं...आदि। 21 वर्ष से कम उम्र में लड़की के गर्भवती होने पर। इससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। केमिकल पेस्ट से अच्छा है कि आप एक मुलायम कपड़े से रोजाना दांतों को साफ करें और खाना खाने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें। ऐसा करने पर आपके दांत और मसूड़े लंबे समय तक साफ एंव स्वस्थ रहेंगे। रोजाना रेफ्रिजरेटर का ठंडा पानी पीने से, सर्दी-खांसी होने की संभावना बढ़ जाएगी। रोजाना एयर कंडीशनर (ए.सी.) का उपयोग करने से, शरीर बाहरी वातावरण के तापमान को सहने में कमजोर हो सकता है और शरीर को बाहरी वातावरण के अनुरूप ढलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।