Ishq Jaisa kuchh nahi - 1 in Hindi Love Stories by Tanisha Bohat books and stories PDF | इश्क जैसा कुछ नहीं - 1

Featured Books
Categories
Share

इश्क जैसा कुछ नहीं - 1

ये एक bl कहानी है यदि किसी को परेशानी है तो कृपया दूर रहें वैसे दूर रहने वाले तो शीर्षक देखकर ही समझ जाएंगे .......
ये कहानी काल्पनिक तो बिल्कुल नहीं है कहीं कहीं से टोपिक उठाकर लेकर आए हैं तो कृपया कहीं से कुछ देखा हुआ मिल जाए तो ज्यादा ना सोचें.......
बाकी किसी और की कहानी नहीं टेपेंगे......
कोई और हमारी टेंपे या तो उन्हें मोतियाबिंद होगा या वो दिमाग से पैदल होंगे 









कहानी की शुरुआत होती है एक क्लब से..........


एक चमचमाती हुई कार क्लब के सामने आकर रूकती है उसमें से तीन लड़के बाहर निकलते हैं तीनों ही बेहद हैंडसम थे.........
एक की उम्र यही कोई चोबीस पच्चीस साल होगी जोकि शक्ल से अकड़ू लग रहा था भई था भी वो.....
दो लड़के सैम एज के थे यही कोई इक्कीस बाईस साल के लेकिन वो दोनों ही काफी क्यूट थे.......


बड़ा लड़का - आप दोनों पहले मेरी बात सुनिए तभी अंदर जाने की परमिशन मिलेगी वो अजीब ही भाव से कहता है 

वो दोनों अपनी आंखें रोल कर - कहो!

वो लड़का जिसका नाम विश्नव था........

विश्नव - आप दोनों लिमिट में शराब पियेंगे किसी से मार पिटाई नहीं करेंगे ना ज्यादा किसी से बातचीत करेंगे अगर मंजूर है तो अंदर चलिए वरना घर चलने के लिए मैं तैयार हूं........

उन दोनों में से एक लड़का मुंह बनाकर - नव यार तुम हमेशा ऐसा करते हो एक तो महीने में एक बार यहां आने की परमिशन मिलती है उसमें भी तुम्हारे नखरे नहीं लिये दिये पड़ते हैं 😒😒

विश्नव - शरार्थ ! आप अभी बच्चे हैं आपको यहां के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए मुझे सारी बातों का ख्याल रखना होता है वो एकदम शांति से जवाब देता है 

शरार्थ - यार मैं कोई बच्चा नहीं हूं आज पूरे इक्कीस साल का हो गया हूं और ये गूंगी गाय कल इक्कीस का होगा वो अपने साइड खड़े लड़के को पांइट आउट करते हुए कहता है 

वो गूंगी गाय आई मीन आचमन बिग ब्रो आई एम नोट गूंगी गाय ओके वो काफी क्यूट ली ये बात कहता है 

विश्नव - शायद आप लोगों को घर जाना है????

दोनों एक साथ - नो !

इतना कह वो अंदर भाग जाते हैं 

विश्नव ना में गर्दन हिलाकर - फिर ये कहते हैं कि हम बच्चे नहीं हैं फिर वो भी अंदर चला जाता है 





___________________________________________

क्लब के अंदर

शरार्थ और आचमन एक साथ बैठ जाते हैं और स्टेज पर चल रहे डांस को देखने लगते हैं........



जो आँख लड़ जावे
सारी रात नींद न आये
मैंनू बड़ा तड़पावे
दिल चैन कही ना पावे..पावे..पावे..(×2)

(हां... हां...)

खन्न खन्न खन्न खन्न चूड़ी
तेरी खन्न खन्न खन्न खन्न खनके रे
खन्न खन्न खन्न खन्न खनके (आह!..)
वेख वेख के चेहरा
मेरा दिल यह धक्क धक्क धड़के रे
दिल ये धक्क धक्क धड़के रे

तरसावे, तेरे बिन ये रह न पावे
माही जो तू ना आवे आवे...


आँख लड़ जावे
सारी रात नींद न आये
मैंनू बड़ा तड़पावे
दिल चैन कही ना पावे..पावे..पावे..

(Badshah rap)

Eh eh eh!
ले गई मेरी जान, हां तेरी एक लुक
बादशाह के गाने की जैसे कोई हुक
देख के चंदा वी गया तुझे छुप



बात मेरी सुन बेबी बिल्कुल चुप(×2)

मैं बावली हूं तेरी
तू जान है ना मेरी
बस प्यार ही है मांगा
किस बात की है देरी(×2)


आजा चल तू साथ मेरे साथ यारा चल तू
ये रात कभी ना आवे..आवे..आवे..


आँख लड़ जावे
सारी रात नींद न आये
मैंनू बड़ा तड़पावे
दिल चैन कही ना पावे..पावे..पावे..

हां.. हां..

सारी रात, सारी रात
सारी रात नींद ना आवे
(जो आँख लड़ जावे)



सारी रात, सारी रात
सारी रात नींद ना आवे
(जो आँख लड़ जावे)

जो आँख लड़ जावे
जो आँख लड़ जावे



सबके साथ वो दोनों भी तालियां बजाने लगे थे लेकिन विश्नव बिना कहीं ओर ध्यान दिये अपने फोन में घूसा हुआ था तभी आचमन उससे उसका फोन छीन हंसने लगता है पहले तो विश्नव उसकी हंसी में कुछ देर खो जाता है कितनी निश्छल सी थी उसकी हंसी लेकिन तभी वो खुद को संभाल लेता है 

विश्व गुस्से से - ये क्या बदतमीजी है आचमन फोन दिजिए हमारा वो उसे डांटते हुए कहता है 

आचमन जोकि खुलकर हंस रहा था उसकी हंसी एकदम सिमट जाती है वो वाशरूम का बहाना कर वहां से उठकर चला जाता है 

शरार्थ लंबी सांस लेकर - कर दिया ना गूंगी गाय को उदास कभी कभार तो वो खुल कर मुस्कुराता है 

विश्नव - आई एक सॉरी' हम उसे उदास नहीं करना चाहते थे.......

शरार्थ - छोड़ो, ये बताओ तुम्हारे लिए क्या है वो????

विश्नव - भा भाई आप दोनों हमारे छोटे भाई जैसे हैं आपके पापा ने हमें गोद लिया था इस नाते आप हमारे भाई हुए......

शरार्थ - सच ???? 

विश्नव हां में गर्दन हिला उठ जाता है - हम उसे देखकर आते हैं........

शरार्थ - कब एक्सेप्ट करेगा ये इंसान जो इन दोनों के बीच है वो भाइयों का रिलेशन नहीं होता है.......
तभी वहां एक वेटर आता है और तीन ग्लास शराब के रख कर चला जाता है जोकि वो आते हुए आर्डर कर के आया था .........






___________________________________________



आचमन शीशे के सामने खड़ा बार बार अपने आंसू पोंछ रहा था वो तो तभी वापिस टेबल पर आ गया था लेकिन विश्नव की भाई वाली बात सुनकर वो बाथरूम में आ गया था.......


आचमन खुद से ही - क्या आप कभी मेरा प्यार एक्सेप्ट नहीं करेंगे नव नहीं मानता मैं आपको भाई मेरा सिर्फ एक ही भाई है शरार्थ , आप मेरे भाई नहीं है आप बचपन से मुझे पसंद है मेरी फीलिंग्स आपके लिए भाई वाली नहीं है तो मेरी इसमें क्या ग़लती है???? 
मैं क्या करूं भगवान ने मुझे ऐसा बनाया है तो ......
बनाया तो बनाया फीलिंग्स भी आपके लिए देनी जरूरी थी क्या उन्हें ?????
कोई और नहीं मिला धरती पर .......
इतना कह वो फिर रोने लगता है.......
तभी विश्नव की आवाज आती है - आचमन तुम ठीक हो क्या कर हो इतनी देर से अंदर हम अपने गुस्से के लिए तुमसे माफी मांगते 'प्लीज़ फॉरगिव मी' 


आचमन अपना मुंह धोकर बाहर आ जाता है जहां विश्नव कान पकड़े खड़ा था......

आचमन उसके कान छुड़ाकर - ये क्या कर रहे हैं आप ??? कोई देखेगा तो क्या सोचेगा??

विश्नव कंधे उचकाकर - सोचें जो सोचना हम तो अपनी गूंगी गाय को मना रहे थे......

आचमन पैर पटकते हुए - कितनी बार कहूं, मैं गूंगी गाय नहीं हूं.....

विश्नव हंसते हुए - ओके ओके माय मिस्टेक चलिए बाहर चलते आपके सिरफिरे भाई बाहर अकेले बैठे हैं 

आचमन चलते हुए - आप मुझे कभी तुम, कहकर बुलाते हैं तो कभी आप कहकर ऐसा क्यूं......

विश्नव कंधे उचकाकर - पता नहीं?????





___________________________________________



वो दोनों अपनी जगह पर वापिस आकर देखते हैं तो वहां से शरार्थ नदारद था......

विश्नव - अब ये कहां गये???? हमें परेशान करने का एक मौका नहीं छोड़ते हैं ये लोग वो बड़बड़ाते हुए उसे ढूंढने लगता है........










_____&&___&&&&&___&&&&___&&&&_____

कहां गया शरार्थ ?????

टू बी कंटिन्यू ❣️❣️