सुबह का समय,
सिद्धांत का घर,
जब यश ने सिद्धांत के साथ जाने के लिए पूछा तो सिद्धांत ने कहा, " पर तुम कैसे ? "
यश ने अपना चेहरा उसके चेहरे के सामने करके कहा, " क्यों ? कोई प्रॉब्लम है क्या हमें अपने साथ ले जाने में ? "
सिद्धांत ने कहा, " प्रॉब्लम हमें नहीं, तुम्हें होगी । "
यश ने अपने कंधे उठा कर कहा, " नहीं, हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है । "
सिद्धांत ने अपने हाथ बांध कर कहा, " तुम शायद भूल रहे हो कि तुम्हारे अपने भी काम हैं । "
यश ने सोचने की एक्टिंग करते हुए कहा, " ओह, हमें तो याद ही नहीं था । "
फिर उसने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " तुम्हें लगता है कि हम तुम्हारे लिए अपने काम पेंडिंग छोड़ कर आएंगे । "
सिद्धांत ने फिर से कुछ कहना चाहा लेकिन उससे पहले ही काव्या ने कहा, " हां यश, तुम चले जाओ इसके साथ । "
यश के होठों पर बड़ी सी मुस्कान आ गई । उसने कहा, " ओ के, दीदी । "
फिर उसने सिद्धांत का हाथ पकड़ कर कहा, " तो चलें, सिड ! "
सिद्धांत ने एक नजर काव्या की ओर देखा तो वो उसे ही घूर रही थी । उसने एक गहरी सांस लेकर कहा, " चलो । "
फिर उसने जाकर अपने बाइक की चाभी लेनी चाही लेकिन वहां उसकी चाभी नहीं थी । सिद्धांत को समझ आ गया था कि ये किसका काम था ।
उसने चिढ़ कर काव्या की ओर देखा तो वो उसे चिढ़ाने वाली मुस्कान लिए खड़ी थी । सिद्धांत ने मिसेज माथुर की ओर देखा तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए ।
इतने में काव्या ने यश को कुछ इशारा किया तो वो सिद्धांत का हाथ पकड़ कर उसे बाहर लेता गया ।
घर से कुछ दूर आकर सिद्धांत ने यश का हाथ छुड़ा लिया । यश ने उसकी ओर देखा तो सिद्धांत ने कहा, " थैंक यू, यश ! "
यश ने नासमझी से कहा, " किसलिए ? "
सिद्धांत ने कहा, " हमें बाहर निकलने में हेल्प करने के लिए । "
यश ने कहा, " ओह ! "
फिर उसने थोड़ा झुक कर कहा, " दैट्स माय प्लेजर ! "
सिद्धांत ने कहा, " अच्छा है, लेकिन अब तुम जा सकते हो । "
इतना बोल कर सिद्धांत अकेले आगे बढ़ने लगा और यश वहीं खड़ा रह गया लेकिन जैसे ही उसे होश आया वो भाग कर सिद्धांत के पास आ गया और उसके साथ चलने लगा ।
ये देख कर सिद्धांत ने कहा, " हमने कहा न अब तुम जा सकते हो । "
यश ने कहा, " और तुमसे किसने कहा कि हम तुम्हारी बात मान लेंगे । "
सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " यश... "
लेकिन इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी कर पाता, उसका फोन बज उठा । उसने फोन निकाल कर देखा तो काव्या का वीडियो कॉल था ।
उसने एक पल के लिए अपनी आंखें मिंच ली और अपना पैर जोर से जमीन पर पटक दिया । फिर उसने एक गहरी सांस लेकर आंखें खोली और कॉल आंसर कर दिया ।
काव्या ने सबसे पहले सिद्धांत के दाएं बाएं देखा और फिर कड़क आवाज में पूछा, " यश कहां है ? "
सिद्धांत ने फोन को तुरंत यश की ओर घुमा दिया जहां यश अपने ही ख्यालों में गुम था ।
उसकी नजरें सिद्धांत पर टिकी हुई थीं । वो लग ही इतना हैंडसम रहा था । बालों में पट्टी होने की वजह से उसने अपने बाल कंघी नहीं किए थे और वो पूरे messy हुए पड़े थे ।
उसकी आंखों पर एक UV rays protector specs थे । उसने काले रंग की फॉर्मल पैंट के साथ काले ही रंग की प्लेन शर्ट पहनी हुई थी । उसकी शर्ट का ऊपर का एक बटन खुला हुआ था जिससे उसकी गर्दन साफ नजर आ रही थी ।
ऊपर से उसने शर्ट को बाजुओं को कोहनी तक मोड़ रखा था जिससे उसके हाथों की नसें साफ दिख रही थीं और फिलहाल वो दोनों धूप में खड़े थे जिसकी वजह से सिद्धांत और भी अट्रैक्टिव लग रहा था ।
यश ने पिछले दो दिनों में उसे टी शर्ट में ही देखा था और घर के अंदर भी उसने सिद्धांत पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन यहां उसे ऐसे देख कर यश पूरी तरह से अपना दिल उस पर हार बैठा था ।
जब सिद्धांत ने देखा कि यश कुछ बोल नहीं रहा है तो उसने धीरे से उसे चींटी काट दी । ऐसा होते ही यश होश में आया लेकिन इससे पहले कि वो कोई रिएक्शन देता सिद्धांत ने अपना फोन उसके सामने कर दिया ।
सामने काव्या को देख कर यश ने कहा, " हां, दीदी ! "
काव्या ने कहा, " इसने तुम्हें जाने को तो नहीं कहा न ! "
यश ने एक नजर सिद्धांत पर डाली जो उसे सच बोलने के लिए मना कर रहा था लेकिन यश ने उसे इग्नोर करके कहा, " कहा तो... "
लेकिन इससे पहले ही उसके मुंह से आह निकल गई क्योंकि सिद्धांत ने उसका हाथ पकड़ लिया था और उसे कस कर दबा रहा था । यश ने उसकी ओर देखा तो सिद्धांत ने आंखों ही आंखों में उसे सच न बोलने के लिए कहा ।
वहीं यश की आह सुन कर काव्या ने कहा, " क्या हुआ यश ? सिड तुम्हें परेशान कर रहा है क्या ? "
यश ने अपने होठों पर झूठी मुस्कान चिपका कर कहा, " नहीं दीदी, ऐसी कोई बात नहीं है । वो बस एक चींटी ने कांट लिया था और रही बात सिड की तो वो तो किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह हमारे साथ चल रहा है । "
काव्या ने मुस्करा कर कहा, " अच्छा है, कोई तो है जिसकी वो सुन रहा है । "
सिद्धांत ने फोन अपनी ओर करके कहा, " बस, बस ! बहुत हो गईं बातें अब कॉल रखिए । हम सड़क पर हैं । "
इतना बोल उर उसने तुरंत फोन काट दिया लेकिन उसने अभी भी यश का हाथ पकड़ा हुआ था ।
यश ने उसकी ओर देख कर कहा, " अब तो हमारा हाथ छोड़ दो । "
सिद्धांत ने एक नजर नीचे देखा और एक झटके से यश का हाथ छोड़ कर कहा, " आई एम सॉरी । "
यश ने कहा, " इट्स ओ के, लेकिन हमारे हाथ की वाट लगा दी तुमने । "
सिद्धांत ने उसके हाथ को देखा तो जितने दूर उसका हाथ था उतने दूर उसका हाथ लाल हो गया था । उसने अपनी नजरें इधर उधर घुमाई तो उसे एक मेडिकल शॉप दिख गई ।
सिद्धांत तुरंत उस ओर चला गया तो यश भी उसके पीछे पीछे उस दुकान पर पहुंच गया । सिद्धांत ने एक ट्यूब लेकर उसकी ओर बढ़ा दिया तो यश ने कहा, " ये क्या है ? "
सिद्धांत ने कहा, " दवा है । लगा लो, हाथ ठीक हो जाएगा । "
यश ने वो ट्यूब दुकानदार की ओर बढ़ा दी और सिद्धांत का हाथ पकड़ कर बाहर की ओर चल दिया ।
सिद्धांत ने कहा, " ये क्या कर रहे हो तुम ? "
यश ने सामने की ओर देखते हुए कहा, " अपना काम ! हमने दीदी से कहा था कि हम तुम्हारे साथ रहेंगे मतलब कि हम तुम्हारे साथ रहेंगे, तुम्हारी मर्जी हो या ना हो । "
सिद्धांत ने अपना सिर ऊपर करके कहा, " ओ गॉड ! आई एम डन विथ देम । "
फिर उसने यश की ओर देख कर कहा, " चलो, आज के दिन तो तुम्हें झेलना ही होगा । "
इतना बोल कर सिद्धांत आगे बढ़ गया ।
यश ने अपने मन में कहा, " आज तो हम बहाना ढूंढ कर तुम्हारे पास आए हैं लेकिन जल्द ही वो समय भी आएगा जब तुम खुद हमें अपने साथ लेकर आओगे । "
इतना बोल कर वो भी सिद्धांत के साथ चलने लगा ।
जिम में,
सिद्धांत जाते ही अपने काम में लग गया । उसने एक लड़की को देखा तो वो उसे देख कर मुस्करा रही थी ।
सिद्धांत ने एक नजर साइड में खड़े राहुल पर डाली तो उसने धीरे से अपना सिर हां में हिला दिया । सिद्धांत ने फिर से उस लड़की की ओर देखा और मुस्करा दिया ।
उसने उस लड़की के पास जाकर कहा, " आपका नाम ! "
उस लड़की ने मुस्करा कर कहा, " समायरा ! "
सिद्धांत ने उसका जवाब सुनते ही अपना फोन निकाला और उसमें कुछ करने लगा तो समायरा ने कहा, " क्या कर रहे हो ? "
सिद्धांत ने अपना काम करते हुए कहा, " टैटू वाले को कॉल ! "
समायरा ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्यों ? "
सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर कहा, " आपका नाम टैटू कराने के लिए । "
समायरा ने कहा, " रियली ! "
सिद्धांत ने कहा, " यू थिंक आई एम किडिंग ! "
तो समायरा ने कहा, " बस बस, इतनी स्किल्स काफी हैं बस ये दिवानगी वहां दिखाना । "
सिद्धांत ने धीरे से उसके कान में कहा, " एक्स - वेक्स का चक्कर है क्या ? "
समायरा ने बड़ी सी मुस्कान के साथ कहा, " तुम तो बिना बोले ही सब समझ गए । "
सिद्धांत ने अपना फोन बापस रखते हुए कहा, " तो आपने बात तो कर ली होगी । "
समायरा ने कहा, " हां ! "
सिद्धांत ने भी मुस्करा कर कहा, " ओ के, देन । "
समायरा ने कहा, " तो परसों मिलते हैं । "
सिद्धांत ने कुछ सोचते हुए कहा, " परसों, ठीक है । "
समायरा ने बाहर जाते हुए कहा, " आना जरूर । "
सिद्धांत ने अपना अंगूठा दिखा कर कहा, " डन ! "
यश पर किसी ने ध्यान भी नहीं दिया था । वो तो पास में खड़ा ये सब देखता ही रह गया ।
उसने सिद्धांत के कंधे पर हाथ रख कर कहा, " सिड... !
लेकिन इससे पहले कि वो आगे कुछ बोल पाता, सिद्धांत ने उसके मुंह पर अपना हाथ रख कर उसे दीवार से सटा दिया जिससे यश की आंखें बड़ी हो गईं ।
उसने सिद्धांत का हाथ हटाने की कोशिश की तो सिद्धांत ने उसका हाथ पकड़ कर कहा, " हमारी बात कान खोल कर सुन लो यश, तुम यहां आ तो गए हो लेकिन हमारे किसी काम में टांग मत अड़ाना और हमें सिड या सिद्धांत कह कर तो बिल्कुल भी मत बुलाना । "
इसके बाद उसने अपना हाथ हटाया तो यश लंबी लंबी सांसें लेने लगा । ये देख कर सिद्धांत ने पानी की बॉटल उसकी ओर बढ़ा दी । यश ने उसकी ओर देखा तो सिद्धांत ने उसे पानी पीने का इशारा किया ।
यश ने पानी पी लिया तो सिद्धांत ने धीरे से कहा, " ऐसे बर्ताव के लिए सॉरी लेकिन अभी तुम हमारा भांडा फोड़ने वाले थे, इसलिए ऐसा करना पड़ा । "
ये सुन कर यश के होठों पर मुस्कान आ गई । उसने भी धीरे से कहा, " ठीक है । हम तुम्हें तुम्हारे नाम से नहीं बुलाएंगे, लेकिन बुलाएं क्या कह कर ? "
सिद्धांत ने आराम से कहा, " उसी नाम से जो तुमने हमारे कार्ड पर देखा था । "
यश ने सोचते हुए कहा, " सर्वांश ! "
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क्या था सिद्धांत और समायरा की बातों का मतलब ?
क्या था सिद्धांत का सच ?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,
बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस
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लेखक : देव श्रीवास्तव