अगले दिन...एक खूबसूरत लड़की छोटे से चट्टान पर बैठी हुए प्राकृतिक दृश्यों में रमी थी ,एक तरफ समुद्र से आती लहरें उसके गोरे वा सुंदर नंगे पैरों को चुम रही थी तितलियां उसके आसपास खुशी में मंडरा रही थी हुए ,वो लड़की अपने डायरी पर अपने सपनों के किरदारों का चरित्र चित्रण कर रही थी दूसरी ओर हरे-भरे उपवन जैसा दृश्य था तभी ... घोड़े के टग्बक.. टग्बक...टग्बक कि आवाज धीरे-धीरे बढ़ते हुए उस लड़की के पास आने लगी ...तितलियों ने शोर करना शुरू किया "अधीरा वो देखो सफेद घोड़े में सवार समुद्र के लहरों से गुजरता हुआ वही स्ट्रेंजर आ रहा है ..."जी हां !! यह खूबसूरत लड़की अधीरा कपूर है जो अपने कहानियों में अपने आप को किरदारों में देखती है उनमें जीती है !! अधीरा उस अजनबी को कई बार मिलती है इसी सिचुएशन में , फिर वो उस स्ट्रेंजर को अपने तरफ आते हुए देखकर सवाल करने लगी एक खूबसूरत गीत में"अजनबी मुझको इतना बता दिल मेरा क्यों परेशान हैं ...देख के तुझको ऐसा लगे जैसे बरसों से पहचान है..स्ट्रेंजर के चेहरे पर नकाब था हमेशा कि तरह काले रंग के बिजनेस आउटफिट में सफेद घोड़े पर सवार था और आते ही अधीरा के सवालों का जवाब दिया अधीरा के चारों ओर घुमते हुए गाने में..."कितनी भोली हो तुम कितनी नादान हो ..दिल की बातों से अंजान है....अधीरा अपने सिर घुमाकर उस स्ट्रेंजर को अपलक देखें जा रही थी ..."अजनबी मुझको इतना बता दिल मेरा क्यों परेशान हैं ...देख के तुझको ऐसा लगे जैसे बरसों से पहचान है..स्ट्रेंजर मुस्कुरा कर घोड़े को अधीरा के सामने खड़े किया और अपना हाथ देकर कहा ""क्या सोचता हूँ मैं क्या चाहता हूँ है मुश्किल तुझे वो बताना...अधीरा पीछे कदम लेते हुए .." मैने सुना है की मुश्किल बड़ा है दबी चाहतों को छुपाना....स्ट्रेंजर घोड़े से कूदकर उतरा और एक एक कदम अधीरा कि ओर बढ़ाते हुए आया ...अधीरा उस स्ट्रेंजर कि शक्ल देखना चाहती थी ,उस स्ट्रेंजर अधीरा के मन कि बातें जान लिया और नकाब हटाने के लिए हाथ लेकर गया और तभी दो काले मोटे भंवरे उड़ते हुए आकर अधीरा के दोनो बाजुओं को पकड़ कर उड़ाकर ऊपर आसमान में ले जाने लगा ..अधीरा उन भंवरों से बचने के बहुत प्रयास किया लेकिन वो खुद को नहीं छुड़ा पा रही थी , अधीरा चीखने लगी " बचाओ मुझे... कोई बचाओअधीरा का नींद खुल गई और आंखें खोली तो वो अपने बेडरूम में सोई थी अलार्म भी बज रहा था वो समय देखी तो सुबह सात बजे थे पलक का ईमेल आया और बात ओके हुआ लेकिन अधीरा और श्वेतलाना में जबरदस्त बहसबाजी हुई इस रोल के लिए क्योंकि अधीरा को कुछ शूटिंग के दौरान छोटे कपड़े और किसिंग सीन करना था जिसे अधीरा मना कर रही थी ..अधीरा शांति ढूंढने बाहर दोस्तों से मिलने चली गई वसुधा और मीरा डांस क्लास कि दोस्त थी जिनसे अधीरा से अच्छी दोस्ती थी ..तीनो कॉफी शॉप में बैठी थी और अधीरा अपने प्रॉब्लम शेयर करने लगी पार्टी में मिले लोगों और काम के बारे में बात करते हुए मीरा बोला " अधीरा केतन दादा साहब के थिएटर वाली काम बहुत अच्छा एक अपरचुनिटि कि तरह तुम्हारे हॉबी के अकोडिंग है इसलिए दादा साहब का फोन आता है तो पार्ट टाइम थिएटर करने से मना मत करना ..!!वसुधा भी अपने तरफ से सुझाव दिया" हां .. बिल्कुल थिएटर करो पर दूसरी वाली ऑप्शन कोई बुरी नहीं है आजकल फिल्मों पर छोटे से छोटा रोल करने के लिए मारामारी कर रहे हैं डायरेक्टर के डिमांड के साथ अभिनेताओं कि सेक्स डिमांड पूरी करके रोल हासिल करते हैं और तुम्हें तुम्हारी मॉम के कारण रोल मिल रहा है तो करो इसमें तुम्हारी फायदा है ..!!अधीरा बोली " यार मैं रोल कर लुंगी पर किसिंग सीन एक्स्ट्रा होगा आजतक मैंने कभी के संपर्क में नहीं आई तो किसी को किस करना वो भी अनजान शख्स को मुझे अच्छा नहीं लगेगी इसलिए मैं मना कर रही हुं ..!!मीरा बोली " तुम अपने मन का करो एक बार जाओ शूटिंग के लिए और डायरेक्टर से बात करो कि तुम्हें किसिंग सीन नहीं करनी है ..अधीरा के फोन पर कुछ नोटिफिकेशन आ रही थी लगातार उसने फोन उठाकर देखी तो ऋषभ का मैसेज था उसने किताब के बारे में मैसेज भेजा था और मिलने कि बात बोला , अधीरा मैसेज करके बोली वो अभी कॉफी शॉप में ही है और चाहे तो अभी मिल सकते हैं अधीरा ने मैसेज भेजी ..!!ऋषभ का तुंरत मैसेज आया " ओके मैं आ रहा हुं ..!!मीरा और वसुधा के अपने जॉब पर जाने का वक्त हो गई थी इसलिए वो दोनों ऋषभ के आने के दो तीन मिनट पहले चली गई ..ऋषभ कैफे पर आया और मुस्कुरा कर अधीरा से हाय बोलकर सामने चेयर पर बैठा उसके हाथ में किताब थी वो किताब देते हुए कहा " लो किताब बड़ी मुश्किल से मिला है इसकी डिमांड है इसलिए इसे एक सप्ताह में वापस जमा करना है ..!!अधीरा ने कहा"क्यों इसके लेखक को इसे और पब्लिश करना चाहिए ताकि हर रीडर्स को पढ़ने मिले और इसे तो दायरे में रखकर लाइब्रेरी में रखा है ..!!ऋषभ ने कहा " हूम्म यूं आर राइट ,बट ये किताब पुरानी हो चुकी है ,इसमें किताबें को राइटर कम पब्लिश करते हैं ताकि डिमांड हो और इस किताब को कुछ देशों में भी वो दिया है इसलिए अवेलेबल नहीं हो रहा है ..!!अधीरा और ऋषभ कि दोस्ती हो गई क्योंकि ऋषभ के तरफ से अच्छा व्यवहार हों रहा था वो दोनों कॉलेज में भी साथ रहने लगे थे किताब में अधीरा के उत्सुकता और ललक के अकोडिंग किताब में नहीं मिली और दो दिन में किताब पढ़कर ऋषभ को दिया ...श्वेतलाना ज़िद करके अधीरा को फिल्म के डायरेक्टर से मिलने डिनर पर लेकर गई ,डिनर रात आठ बजे थी तीनों एक होटल पर बुकिंग रूम में थी डायरेक्टर सहज होकर अधीरा और श्वेतलाना से बात कर रहा था " अधीरा तुम डरो नहीं एक्टिंग स्केल नहीं है तो क्या हुआ तुम्हारे अंदर एक्टिंग होगी क्योंकि श्वेतलाना जी एक्ट्रेस हैं बच्चों को पैरेंट्स कि हुनर मिलता है तो तुम्हारे अन्दर भी होगा बस उसे जगाना होगा , तुमने रामायण तो पढ़ी या सुनी होगी उसमें हनुमान जी का किरदार तुम बखूबी जानती होगी जब सीता मैया का अपहरण कर रावण ले गया था तो भगवान राम ने सुग्रीव से दोस्ती किया वहां हनुमानजी मिले फिर सीता मैया का खोज हुआ , हनुमान जी के पास समुद्र पार करने कि स्थिति बनी तो जमुवन्त ने उसे उसकी शक्ति याद दिलाया वैसे ही मैं तुम्हें एक्टिंग करने सीखा दूंगा कल से शूट पर आना ..यह भी फाइनल हुआ और डायरेक्टर के व्यवहार से अधीरा जाने का फैसला लिया ..शेष अगले भाग में...