Ishq da Mara - 18 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 18

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इश्क दा मारा - 18

गीतिका कॉलेज पहुंच जाती हैं और जा कर क्लास में बैठ जाती है और पढ़ने लगती हैं।

उधर यूवी यश से बोलता है, "भाई अब मुझे कब तक रखोगे यहां पर, मुझे यहां पर अच्छा नहीं लग रहा है, मुझे घर ले कर चलो"।

तब यश बोलता है, तुम्हारा दिमाग तो ठीक है न तुम ये क्या बोल रहे हों, तुम्हे गोलियां लगी हैं"।

तब यूवी बोलता है, "लगी है नहीं थी, अब मैं ठीक हूँ और मुझे घर जाना है "।

तब यश बोलता है, "जिद मत करो, और मुंह बंद करके यहां पर लेटे रहो "।

उधर यूवी के पापा एक मीटिंग रखते हैं और सभी को बुलाते है। और बोलते है, "पता किया कि किसने यूवी पर गोली चलाई थी "

तब एक गुंडा बोलता है, "हा मालिक हमने पता लगा लिया है, की यूवी मालिक पर किसने गोली चलाई थी "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "कौन है वो ?????

तब गुंडा बोलता है, "मालिक MLA के बेटे ने गोली चलाई थी यूवी मालिक पर "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "मगर यूवी का तो MLA या फिर उसके बेटे से कोई लेना देना ही नहीं है तो फिर उसने यूवी पर गोली क्यों चलाई "।

तब गुंडा बोलता है, "ये तो यूवी मालिक ही बता सकते है, और हम उस MLA के बेटे का कुछ भी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उसके बाप के हाथ में पूरा का पूरा सिस्टम है "।

तब यूवी के पापा चिल्ला कर बोलते हैं, "भाड़ में गया ये सिस्टम, मैं उन लोगों को अब छोडूंगा नहीं, जान से मार दूंगा उनकी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेटे के ऊपर गोली चलाने की "।

तब दूसरा गुंडा बोलता है, "वैसे गुंडे तो वो भी है और हम भी, मगर वो नकाब पहने रहते है और हम जैसे है वैसे ही रहते है " 

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "मैं किसी सिस्टम को नहीं मानता हूं और न ही उनके नकाब को, लगता है वो जानता नहीं है कि क्रांति सिंह कौन हैं और क्या कर सकता है "।

तब दूसरा गुंडा बोलता है, "हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं उनका, उनके पास बहुत पावर है"।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "तुम सब अब मुझे डराओगे "।

ये बोल कर यूवी के पापा वहां से आ जाते हैं।

उधर गीतिका की भाभी गीतिका के भाई से बोलती है, "ये डैड को क्या हो गया है और ये गीतिका को कॉलेज जाने से मना क्यों कर रहे थे"।

उसके बाद गीतिका का भाई अपनी बीवी को सारी बारी बता देता है"।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "ओह तो इस वजह से आपकी बहन इतना आसमान में उड़ती है, और किसी से नहीं डरती है "।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "देखो ये बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए, वरना हमारी बहुत बदनामी होगी "।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "मुझे तो ये समझ में नहीं आ रहा है कि इतना कुछ होने के बाद भी आपने और डैड ने गीतिका को क्यों जाने दिया "।

तब गीतिका के भाई बोलते हैं, "तुम परेशान मत हो, आज उसके कॉलेज का आखिरी दिन था, अब वो कभी भी कॉलेज नहीं जाएगी " 

ये सुनते ही गीतिका की भाभी हंसने लगती है और बोलती है, "आपको क्या लगता है कि आपकी बहन इतनी शरीफ है जो आपके कहने से मान जाएगी और कॉलेज नहीं जाएगी "।

उधर यूवी की मां उसके लिए नाश्ता बना कर लाती है। तभी रास्ते में उसे यश मिल जाता है और बोलता है, "मां आप परेशान क्यों हो रही है किसी को भेज देती "।

यूवी की मां कुछ भी नहीं बोलती है सीधा यूवी के पास जाती हैं और देखती हैं कि वो बेड पर नहीं होता है। तब यूवी की मां बोलती है, "यूवी कहा है ??????

यश भी चौक जाता है और बोलता है, "अभी तो यही पर ही था, कहा चला गया "।

उसके बाद यश और उसकी मां यूवी को ढूंढने लगते हैं मगर वो नहीं मिलता है जिससे कि यश और उसकी मां बहुत ही घबरा जाते हैं.............