Devil se Mohhabat - 27 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 27

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Devil se Mohhabat - 27

जिसे सुन डॉक्टर अनिरुद्ध को ऊपर से नीचे देखते हुए ,,,,,,कुछ देर कुछ सोच अपने सर को झटका ,,,,,,वह पेशेंट काफी बूरी हालत में ;है,,,,,, किसी ने उसके साथ बहुत बेरहमी वरर्ती है,,,,,,आई मीन इस वक्त वह बहुत ही नाजुक हालत में है ,,,,,,हम सुबह तक का वेट करते हैं ,,,,,अगर होश में आ गई तो ठीक,,,,,वरना वह कोमा में जा सकती है ,,,,,और आई एम सो सॉरी ,,,,,हम आगे से कुछ नहीं करते हैं,,,,,, यह कह वह डॉक्टर वहां से चला जाता है ,,;

जिसे सुन अनिरुद्ध अपने हाथों की मुट्ठी बना खुद से ही तुम्हें होश में आनाy होगा मेरी बहन के लिए तुम्हें जीना होगा मेरी बहन के लिए तुम मेरी बहन की सिर्फ और सिर्फ रक्षा कवच हो और मेरी dad की तबाही

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Aaab aage ,;

जिसे सोच अनिरुद्ध सुबह का इंतजार करने लगता है ,,,,,कि अभी लगभग 4 घंटे ही बीते होंगे कि ,,,,,उसे uss; वोर्ड; में से एक चिखनी की आवाज आती है,,,;

Jise Sun Aniruddh,,,Jiski Abhi Abhi Aankhen Lagi Thi ,,,,,,,vah ekadam se hadbadate Hue,,,,,apni Aankhen Khol apni Kadam badhane Lagta Hai ,,,,,,Jis वोर्ड से चिखने ki awaaz आई Thi,,, Jis वोर्ड Mein is Waqt ,,,,,Vidhi admit thi

वह धीरे-धीरे अपने कदम उस बॉर्ड की तरफ बढ़ा रहा था ,,,,,कि वही नर्स और डॉक्टर दौड़ते हुए ,,,,उस कमरे के अंदर चले जाते हैं,,,,और वह सभी डॉक्टर,,, इस वक्त विधि कु चारों तरफ से,,,घेर लेती है

और वही विधि कॉफी पैनिक कर रही थी ,,,,,वह बार-बार देखते हुए ,,,,,अपने हाथ और पैरों का इस्तेमाल कर ,,,,,सभी डॉक्टर को खुद से दूर करते हुए ,,,,छूना मत मुझे ,,,,मैं मार दूंगी ,,,,,तुम सबको मार दूंगी ,,,,,,मुझे मुझे हाथ लगाया तो मैं तुम्हें सबको मार दूंगी ,,,,

एक बार मेरे भाई को आने दो,,,,,वह सब तुम्हें सजा देंगे ,,,,,यह कहते हुए विधि रोते हुए ,,,,,अब भी अपने हाथों की मुट्ठी बना डॉक्टर को खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी,,,,,;

की तभी अनिरुद्ध कमरे; में; एंट्री करता है,,,,, विधि की बात सून,,,,पता नहीं क्यों,,,,एकाएक अनिरुद्ध की आंखें बंद हो जाती है,,,,,,और उसे अपने दिल में एक अजीब सा; डर-और बेचैनी महसूस होने लगती है ,,,,,

लेकिन विराज का एटीट्यूड और बगैर किसी रीजन का उसकी बहन को किडनैप करके ,,,,,जबरदस्ती शादी करने का सोच ,,,,,उसके अंदर का जो दिल ,,,,और दर्द था ,,,,,वह एकदम से खत्म हो जाता है ,,,,,,,और फिर वह अपने चेहरे पर सख्त भावना,,,,, ले वह उन सभी डॉक्टर को घूरते हुए,,,,Dur Hato ,,,उस लड़की से

अनिरुद्ध की आवाज ही कुछ इस तरह थी ,,,,,जैसे कि किसी राक्षस की हो,,,,,वह बहुत ही ज्यादा गुस्सैल और तीखी आवाज थी,,,,,,जिसे सुन डॉक्टर एकदम से लाइन बनाएं ,,,,,एक साइड खड़े हो जाते हैं,,,,,जैसे कि वह अनिरुद्ध को जगह बना रहे हो ,,,,,कि वह उस पेशेंट से मिल सकते हैं,,,,,जिसे अभी-अभी होश आया था;

और वही Anirudh bhi doctor ke apne Kadam Vidhi ki taraf Badha deta hai,,,,,usne ab tak Vidhi Ko Nahin Dekha Tha,,,,;

वह धीरे-धीरे अपने कदम विधि की तरफ बढ़ा रहा था ,,,,,और वही विधि घुटनों के बल बेड पर लेते ,,,,,,खुद को चादर से कबर किए हुए,,,,,,दूर-दूर रहो मुझसे,,,,दूर कोई भी मुझे हाथ ना लगाये,,,,,,वरना मैं उसे जान से मार दूंगा ,,,,,मैं मैं गोड प्रॉमिस करती हूं ,,,,मैं उसे जान से मार दूंगी;

की तभी,; अनिरुद्ध विधि के सामने आ जाता हैहै, ,,,,,र एकदम से ऊंची और कड़क आवाज में,,,विधि

और वही विधि किसी के मुंह से अपना नाम सुन ,,,,वह धीरे-धीरे अपना चेहरा,,,,उस चादर से हटाने लगती है,,,,;

जैसे-जैसे वह चादर विधि के चेहरे से होते हुए उसकी आंखों से हो,,,,,,उसके होठों तक होते हुए ,,,,आगे बढ़ रही थी,,,,,वैसे-वैसे ना जाने क्यों अनुरोध की धड़कनें भी बढ़ने लगी थी,,,,,,,उसे पता नहीं क्यों जैसे-जैसे वह विधि का चेहरा देखे जा रहा था ,,,,,,उसके अंदर की उस सूकता भी बढ़ती जा रही थी ,,,,,,,और उसकी सांसे भी हद से ज्यादा भारी होने लगी थी,,,;

और आंखों में एक अजीब सा डर ,,बैठने लगा था ,,,,कि एकदम से विधि के चेहरे से पर्दा हटता है,,,,,,जिसे देख आनिरुद की आंखें फटी की फटी रह जाती है ,,,,,,और वहां जैसे अपनी जगह पर स्थित खड़ा रह जाता है,,,

वह तो जैसे पलके झुकाना भी भूल गया था,,,,,,वह तो बस विधि को एक तक देखी जा रहा था ,,,,,,,उसे यकीन नहीं हो रहा था,,,,,,,,की यही लड़की विधि है,,,,,,,वह तो बस अपनी आंखें बड़ी कर ,,,,,,,बस एक तक विधि को ही देखे जा रहा था,,,,,,,जिससे; उसके मुंह पर सिर्फ एक ही नाम आता है,,,परी

और वहीं विधि जैसे अपने चेहरे से वह चादर हटाती है ,,,,,एकदम से अनिरुद्ध को अपने सामने देख; ,,,,,,vidhi aur jor se Rone Lagti Hai,,,,,,उसके आंसू एकदम किसी बच्चे की तरह थे,,,,,जिससे वह रोते हुए,,,एकदम से बैड से उठने की कोशिश करती है,,,,,,लेकिन एक दर्द भरी चीख से ,,,,,; वोर्ड के अंदर विधि की,,गूंज होती है ,,,,,जिससे विधि आंखों में आंसू ले दोबारा अपने पेट पर हाथ रख वह बेड पर लेट जाती है ,,,,,,क्योंकि उससे उठा नहीं जा रहा था,,;

और यह सब नजरा अनिरुद्ध ,,,,,विधि के सामने खड़ा हो ,,,,बड़ी गौर से देख रहा था ,,,,,,,विधि की ऐसी हालत देख,,,, aniruddh का जैसे सीना फडटता जा रहा था,,,,,,उसे अब सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी,,,,,,और उसकी आंखें पहले से ही नम हो गई थी,,,,,,उसे यकीन नहीं हो रहा था ,,,,,कि उसने जिसकी जिंदगी को नर्क बनाना चाहा,,,,,,,वह कोई और नहीं एंजेल थी ,,,,,,जिससे अनिरुद्ध एक टक बस ,,,,विधि को ही देखे जा रहा था,,,;

और वही विधि का ज्यादा पैनिक होने की वजह से,,,,वहां दर्द बर्दाश्त ना कर पाने की वजह से,,,,,दोबारा बेहोश हो गई थी,,,,,;

और वही अनिरुद्ध विधि को बेहोश देख ,,,,,,वह एक नजर दोबारा ,,,सभी डॉक्टर्स की तरफ गुस्से से घूर,,,,,,वह बगैर कुछ कहे ,,,,उस बोर्ड से चला जाता है,,,;

आनिरुद बहुत लंबे-लंबे कदम लिए ,,,,उस अस्पताल से बाहर निकल रहा था ,,,,,is Waqt Aniruddh के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था ,,,,,जैसे की कोई बहुत बड़ी गलती करती हो,,

जिससे वह काफी बेचैन भी नजर आ रहा था ,,,,,,उसकी आंखो इस वक्त; नम थी,,,,,,और दर्द साफ; नजर आ रही थी ,,,,,,जिससे वह जल्दी से कार में बैठ,,,,,,,,एकदम से अपनी कार चला देता है,,,,,वह फुल स्पीड से कार ड्राइव कर रहा था

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आज के लिए बस इतना ,,,,,तो देखते हैं कि ,,,,अब आगे क्या होने वाला है,,,,कौन सी तबाही लाने वाली है,,,,,इन चारों की जिंदगी में ,,क्या दुश्मनी के आगे झुक जाएगा ,,,,इन चारों का प्यार

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