;
कि मैं जितना हद तक जानता हूं ,,,,,,,कि तुम कुछ भी कर सकते हो अनिरुद्ध ,,,,यहां तक की अपनी हदे भी पार कर है
और वही अनुरूप तो एक तक बस विराज के फोन को देख कर सोच रहा था,,,,,
वह तब होश में आता है जब वह विराज के आगे बात सुनता है, जिसे सुन अनिरुद्ध विराज की तरफ देखने लगता है,,,,,,लेकिन कुछ बोलना नहीं है ,,,,,,अनिरुद्ध को कुछ ना बोलना देख ,, विराज गुस्से से सुना नहीं अनुरोध ,,,,,,,मैंने कहा मेरी बहन कहां है , ,
विराज दोबारा ,,,अनिरुद्ध की तरफ देखते हुए, ,,देखो अनुरोध , ,,,,,मेरी बहन मासूम है ,,,,,,,,,इस सब के बीच मेरी बहन को मत लाओ,,, ; मैं तुम्हारी बहन को भी ना लाता ,,,,,,,अगर वह तुम्हारे साथ तेरे सौतेले,,,,बाप ,,,,,के इतनी दिल करीब ना होती तो ,,
मुझे सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी आइयास डैड को मजा चखाना था ,,, ,बाकी मेरा तुम्हें तुम्हारी बहन के बीच में आने का कोई मकसद नहीं था,,,,,,,अगर तुम्हें इतनी प्रॉब्लम है,,,,,,,तो ठीक है मैं तुम्हारी बहन को ,,; तुम्हें सोपने को तैयार हूं ,,,,,,,
लेऊ उसके बदले ,,,,,मुझे मेरी बहन चाहिए,,,,,,वह भी सही सलामत ,,,,,क्योंकि मैं तुम्हें तुम्हारी बहन से ही सलामत दूंगा,,,,,,उसके बाद मुझे भी मेरी बहन भी,, मुझे सही सलामत चाहिए ,,,,,,,यह कहते हुए विराज की आंखें,,,,आब भी गुस्से से लाल थे,,,
🩵🩵🩵🩵🩵
Aab aage______
और फिर अपनी बात कहें ,,,,,वह अनुरोध की तरफ देखने लगता है ,,,,लेकिन अनिरुद्ध अब भी,,,,,कुछ नहीं बोल रहा था,,,,,,,जिससे विराज गुस्से से,,,,,अनुरोध की तरफ देखते हुए ,,,,, सुना नहीं अनुरोध,,,,,,,मैंने कहा कि मुझे मेरी बहन वापस चाहिए,,,,,,तुम्हारी यही प्रॉब्लम है ना ,,,,,,,कि तुम्हारी बहन मेरे पास है ना ,,,,,,तो मैं अभी इसी वक्त,,,,,तुम्हारी बहन तुम्हें सौपने को तैयार हूं ,,, ,; लेकिन उसके बदले मुझे मेरी बहन चाहिए सुना तुमने
और वही अनिरुद्ध जैसे कुछ सुनी नहीं रहा था लेकिन लास्ट बात सुन,,,,,,एकदम से होश में आ,,,विराज की तरफ देखते हुए,,,,,,नहीं तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे ,,,,,जब तक यह कहते हुए अनुरोध एकदम से चुप हो जाता है,,
जिसे सुन विराज अनिरुद्ध की तरफ चिल्लाते हुए ,,,,,तुम्हारा कहने का क्या मतलब है अनुरोध,,,,,मैंने कहा मेरी छोटी मुझे लाकर दो
जिसे सुन आनिरुद एकदम से होश में आ जाता है ,,,,और फिर विराज की तरह देखते हुए ,,,,,नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला,,,,क्योंकि मैं तुम्हारी बहन से शादी कर ली है ,,,,,वह मेरी वाइफ है,,,,,,सो मैं तुम्हें अपनी बीवी नहीं दे सकता,,,,
जिसे सुन विराज की आंखें और गुस्से से लाल हो जाती है ,,, और फिर वह एकदम से,,,,अनुष्का कल पकड़ बगैर कोई मौका दिए वह अपने हाथों का मुक्का बना ,,,, एकदम से आनिरुद का,,,,,के सीधा मुंह पर पांच मारता है ,,,
जिससे आनिरुद के होठों से खून बहने लगता है ,,,,,और फिर वह दोबारा पांच मारने लगता है,,,,,कि तभी अनुरोध अपना हाथ आगे कर,,,,,विराट के उस पांजे को पकड़ लेता है,,,,,,और गुस्से से विराट की तरफ घूरते हुए ,,,,,विराज हाथ मेरे पास भी है,,,,,,तो फिर तुम अपना हाथ संभाल के रखो ,,,,,अगर मैं शांत हूं तो शांति से बात करो,,
जिसे सुन विराज ,,,,क्या कहा शांत तुम्हें पता भी है ,,,,,,वह अभी बच्ची है,,,,,,जिससे तुमने शादी कर ली ,,,,,,,सिर्फ इसलिए,,,,,,क्योंकि मैं तुम्हारी बहन ,,,,,अनुरोध ,,,
तुम्हें तुम्हें मुझे दुश्मन; थी ना,,,,,,,तो मुझसे badala lete ,,,,तुमने मेरी बहन का इस्तेमाल क्यों किया,,,,,,उसे बच्चों को तो कुछ पता भी नहीं है ,,,,,,,तुमने उसके साथ कितना गलत किकिया, ,,,,,,usse, तो शादी का मतलब भी नहीं पता ,,,,,,,जिसे तुम अपनी बीवी बना कर रखे हो, ,,
की तभी अनुरोध एकदम से बोल पड़ता है,,,,,,क्यों तुम्हारी बहन,,,,, बहन है,,,,,,,और मेरी बहन का क्या,,,,,,तुमने,,,खेल समझा था,,,ना,,,,,तो उसे खेल की तरह खेलते हैं ,,,,
तुमने मेरी बहन को कैद किया था ना,,,,,,तुम मुझसे पूछो कि मैं कितना तड़पा था,,, ,,अब तुम्हारी बारी है,,,,,,अब तुम भी कुछ दिन तड़पो,,,,,और पता चले कि कितना दर्द होता है ,,,
जब तुम्हारी बहन ,,,,किसी और के कैद तुम्हारी नजरों से दूर रहे,,,,,, और क्या कहा कि,,,,,, क्या कहाँ,,,,,मेरी बहन सही सलामत है,,,,,,तो ठीक है मैं भी वादा करता हूं,,,
कि मैं भी तुम्हारी बहन को सही सलामत रखूंगा,,,,,लेकिन मैं भी तो थोड़ा तुम्हें तड़पता हुआ देखू,,,,,,,की बहन से बिछड़ने की तडप,,,,कैसी होती; है,,,,,,,,,जरा तुम्हें भी तो पता चले,,,,,,तो; विराज मैं भी तुम्हें तुम्हारी बहन वापस नहीं करता ,,,,,जो करना है कर लो
जिसे सुन विराज गुस्से से ,,फिर आनिरुद से,,,,,अपने हद में रहो,,,,,और बताओ मेरी बहन कहां है सुना तुमने ,,,,,अगर उसने इतना ही कहा था ,,,,,,,कि अनिरुद्ध गुस्से से ,,,,,विराज में जो करना है करो ,,,,,,,लेकिन अब मैं तुम्हें तुम्हारी बहन वापस नहीं दूंगा ,,,,,,,,जब तक कि मैं सेटिस्फेक्शन ना हो जाऊं,,,,,,
तुम्हारी आंखों में वह तड़पन देख लो ,,,,,जो कुछ दिन पहले मेरी आंखों में दर्द है,,,,,,इसलिए जाओ यहां से ,,,,,और रही बात मेरी बहन की तो मुझे यकीन है,,,,,,अब तो तुम बिल्कुल भी मेरी बहन के साथ कुछ नहीं करोगे ,,,,,,,,क्योंकि तुम्हारी बहन जो मेरी कबजे में है ,,,,,,
अगर तुम्हें अपनी बहन सही सलामत चाहिए,,,,, तो तुम्हें मेरी बहन को,,,,,यह कहते हुए अनुरोध अपने हाथों से विराज के गालों को थपथपाते हुए ,,,,,,बाकी तो तुम समझदार हो ,,,,,,यह कह अनिरुद्ध ,,,,,अपने कदम अपने कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,,,
और वही विराज अनिरुद्ध की बात सुन गुस्से से ,,,,,,पास में पड़े कांच के वास को उठा,,,,,जमीन पर पटक देता है ,,,,,,और गुस्से से अनुरोध की तरफ की तरफ घूलते हुए ,,,,,,ठीक है अनुरोध ,,,,,,तुम यही चाहते हो ना,,,,,,,,तो मैं वादा करता हूं,,,,,,
मैं तुम्हारी बहन को बिल्कुल भी चोट नहीं पहुंचाउगा,,,,,,,,लेकिन;गलती से भी मेरी बहन को कोई खरोच आई तो,,,,,सोर में तुम्हारी जान ले लूंगा,,,,,,और एक पल भी नहीं सोचूंगा ,,,,,,,,की तू कभी मेरा दोस्त था,,,,,,,यह कह विराट गुस्से से वहां से चला जाता है
विराज के जाते ही अनिरुद्ध ,,,,,एकदम से किसी को फोन लगा देता है ,,,,,और फिर अपने कठोर कर कर आवाज में,,,,,कैसी है जिसे सुन वह बॉडीगार्ड,,,,,,आई डोंट नो मुझे नहीं पता ,,,,,आपने सिर्फ उसे अस्पताल तक पहुंचाने को कहा था,,,
बाकी का उसने इतना ही कहा था ,,,,कि अनिरुद्ध गुस्से से चिखते हुए,,,,,,,शट अप तुझे जितना पूछा जाए ,, , उतना जवाब दे,, क्या किया वह कैसी है ,,,,,जिसे सुन वह बॉडीगार्ड काफी डर जाता है ,,,,,और फिर वहां डरते हुए ,,,,,सॉरी सर मुझे इस बारे में कोई पता नहीं,,,,,,जिसे सुन अनिरुद्ध गुस्से से,,,,,कौन से कौन से अस्पताल में एडमिट है वह,
;अनुरोध दूसरी तरफ की बात सुन,,,,वह एकदम से फोन काट,,,,,अपने लंबे कदमों से,,,,,वह उस मेंशन से निकल ,,,,,,हॉस्पिटल की तरफ चला जाता है,,,,,,,
इस वक्त आनिरुद को देख,,,,,कोई भी नहीं बता सकता था ,,,,कि इस वक्त ,,, आनिरुद के दिमाग में,,,,क्या चल रहा था,,,,वह जैसे-जैसे अस्पताल के करीब पहुंचता जा रहा था,,,,,,उसकी आंखें और भी ठंडी होती जा रही थी,,,,,
आज के लिए बस इतना ,,,,तो मेरी प्यारी रिडर मैंने कहा था ना ,,,,,,कि मैं आबसे ,,,,रोज एपिसोड अपलोड ,,,,,तो आज मैंने आपिसोड upload kar diya hai,,,,,,,,,or aaj se mai roj एपिसोड रोज अपलोड कर दूंगी है