Momal :Diary ki gahrai - 21 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 21

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मोमल : डायरी की गहराई - 21

पिछले भाग में हमने देखा कि मोमल और अब्राहम की शादी की पहली रात थी। वह दोनों होटल में थे और बिन मौसम एक जोरदार तूफान भी आया तूफान के वजह से खिड़की टूटने की आवाज़ आई थी लेकिन जब अब्राहम ने सुबह उठकर देखा तो सब कुछ वैसा ही था। कोई खिड़की नहीं टूटी थी। 

मोमल अभी सो रही थी। उसे सुकून से सोता हुआ देख कर अब्राहम को भी सुकून सा मिला और उसके माथे पर धीरे से और संभाल कर किस किया ताकि वो जाग न जाए और फिर नहाने के लिए बाथरूम चला गया।
सुबह की खिली खिली धूप बिखर चुकी थी। अब्राहम नहा धोकर बालों को तौलिए से पोंछते हुए खिड़की के पास आ कर खड़ा हुआ। होटल के आसपास ज़्यादा लोग नही थे। होटल के सामने एक बड़ा सा पार्क जैसा बना हुआ था जहां दो चार लोग टहल रहे थे। कोई जॉगिंग कर रहा था तो कोई बेंच पर बैठा था। उन्ही के बीच अब्राहम ने सिमोन को देखा। वो एक बूढ़े आदमी से वहां बेंच पर बैठे बातें कर रहा था। 
अब्राहम उसे देख कर चौंक गया और सोचा के ये वोही है या मुझे वहम हो रहा है? 
फिर उसने सिमोन को ठीक से पहचानने की कोशिश की और वोही खिड़की के पास खड़ा उसे गौर से देखने लगा के अचानक सिमोन ने सर उठा कर अब्राहम की ओर देखा जैसे के उसे मालूम था के अब्राहम उसे ही देख रहा है। उसकी नज़रे बेखौफ थीं और अब्राहम को नफरत की निगाह से देख रही थी। 
ग्यारवी मंज़िल से अब्राहम का सिर्फ चहरा दिख रहा था। सिमोन को देख कर उसे उसकी मोमल के साथ की गई बेहूदगी याद आ गई, उसे बेहद गुस्सा आया और बिना शर्ट के सिर्फ ट्राउजर पहन कर ही तेज़ी से नीचे उसके पास जाने लगा। दौड़ कर पार्क में गया तब तक वो वहां से गायब था। 
अब्राहम इधर उधर देखते हुए गुस्से में बोला :" कहां चला गया वो बेगैरत इंसान! एक बार हाथ लग जा बस, जिस हाथ से मोमो को छुआ था उसे तोड़ कर न रख दूं मैं।"

उसने कुछ देर तक उसे आसपास ढूंडा लेकिन वो तो हवा की तरह गायब ही हो गया। 
नाकाम हो कर वापस कमरे में आया तब तक मोमल उठ चुकी थी। वाशरूम से बाहर आ रही थी के नींद की खुमार भरी आंखों से ताज्जुब हो कर देखते हुए बोली :"बिना कपड़ों के कहां गए थे आप? बनियान तक नही है आपके बदन में, ये सिक्स पैक एब्स किस को दिखा रहे हैं!"

अब्राहम को इस बात का खयाल ही नहीं था के वो सिर्फ ट्राउज़र में पार्क से घूम कर आ गया। मोमल के कहने पर उसने हैरत से आंखे नीची कर के अपने आप को देखा तो हक्का बक्का सा बहाने तलाशने लगा। 

मोमल अब भी ताज्जुब थी। :" क्या हुआ कुछ बोलते क्यों नहीं?

अब्राहम झूठी हंसी हंसते हुए कहा :" ओह हां मैं जल्दी में शर्ट पहनना भूल गया! मैं तो बस यही रैन को जगाने गया था! Don't worry मुझे ऐसे बिना कपड़ों के किसी ने नहीं देखा। होटल के सारे लोग सो रहे हैं। ये सिक्स पैक एब्स तो बस तुम्हे दिखाने के लिए है।"

अब्राहम ने उसे सिमोन के बारे में नही बताया और उसके करीब आ कर माथे को चूमते हुए कहा :" तुम शावर ले कर तैयार हो जाओ हमे निकालना है।"

मोमल को एक पल को लगा की वो कुछ छुपा रहा है लेकिन इस समय खामोश रह गई और शक के नज़र से उसे देखते हुए नहाने चली गई।

रैन अब वापस घर जा रहा था। वो दोनो उसे लेकर रेलवे स्टेशन पर गए, मोमल ने उसे नम आंखों से विदा करते हुए कहा  :" सुन ,मम्मा पापा का खयाल रखना! मम्मा कह रही थी के कॉलेज में छुट्टी होगी तो आ जाना लेकिन मैं अभी जा नही सकती! उन से कहना मैं यहां बहुत अच्छी हूं और बहुत खुश हूं जब ज़्यादा दिन के लिए छुट्टी होगी तब मैं आऊंगी!" 

रैन ने गले लगा कर कहा :" बिलकुल दी आप किसी चीज़ की फिक्र मत कीजिए! मैं वहां सब संभाल लूंगा बस आप यहां जीजू के साथ खुश रहिए!"

फिर अब्राहम से हाथ मिला कर कहा :" जीजू आपको तो पता है मेरी दी ने पास्ट में बुरे दिन देखे हैं लेकिन वो उनका पास्ट था आप उनका प्रेजेंट और फ्यूचर हो! मुझे उम्मीद है की आप मेरी दी को खुश रखेंगे।"

अब्राहम ने उसे तस्सली देते हुए कहा :" हम दोनो ही एक दूसरे के लिए बहुत ज़रूरी हैं! तुम्हारी दी ही मेरी जिंदगी की एक लौती हकदार है। मेरा सारा प्यार उसी का है।... बे फिक्र रहो मैं अपनी जान से ज़्यादा इसका खयाल रखूंगा।"

रैन की ट्रेन आ गई और वो विदा लेकर चला गया। 

मोमल और अब्राहम वापस अपने घर की ओर रवाना हुए । गाड़ी में मोमल ने कहा :" आज कॉलेज में किसी फेस्टिवल की छुट्टी है क्यों न हम लूना से मिलने चलें!

अब्राहम ने ड्राइव करते हुए कहा :" मदर इरा से बात हुई थी मेरी वो वहां खुश है! सब से घुल मिल गई है! सॉरी मोमो! हम अभी उस से मिल नही सकते, हमारे मिलने से उसे खतरा हो सकता है।"

मोमल का मन उदास हो गया। खुश होना चाहती थी लेकिन मन में बेसुकुनी के कारण खुशी को महसूस नहीं कर पा रही थी। जब अब्राहम को देखती तब ऐसा लगता के उसके पास एक ऐसा ढाल है जो उसकी हर हाल में हिफाज़त करेगा लेकिन फिर उसके ऊपर हुए जान लेवा हमलों को याद कर के उसे खोने का डर भी सताने लगता। उसके बगैर जिंदगी के बारे में सोच भी नही सकती थी। उसे  इतना तो मालूम था के अगर अब्राहम को कुछ हो गया तो वो फिर से खड़ी हो कर जिंदगी में आगे नहीं बढ़ सकती। उसे देखती और दिल ही दिल उसकी सलामती की दुआ करते रहती।
उसे खामोश देख कर अब्राहम ने कहा :" मोमो! कुछ बाते करो जैसे तुम पहले बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देती थी वैसे बात करो ना, मुझे अच्छा लगता है।"

मोमल की आंखें झुकी हुई थी। उसने नीले रंग का खूबसूरत ड्रेस पहना हुआ था। उसके लंबे बाल उसके गालों को छू रहे थे। उसने अपने बालों के लटों को कान के पीछे करते हुए कहा :" हां मेरे पास एक सवाल है आपके लिए!

अब्राहम :" कैसा सवाल?

मोमल :" क्या अमीर लोग अपने भाई बहन से वैसे प्यार नही करते जैसे हम मिडिल क्लास के लोग करते हैं?... मैं इस लिए पूछ रही हूं क्यों के आप के पास मैं ने एक बार भी आप के भाइयों का फोन आते हुए नही देखा ! क्या वो आप से प्यार नही करते? 

अब्राहम ने एक हल्की सी मुस्कान के साथ कहा :" मैं बाकी अमीरों को तो नही जानता और ये भी नहीं जानता के मेरे दोनो भाई मुझसे प्यार करते हैं या नहीं!... मुझे लगता है भाई हैं तो प्यार तो होगा ही! शायद गलती मेरी ही रही होगी क्यों के मैं ने उनके साथ कभी टाइम नही बिताया और साथ में यहां वहां नही गया सिर्फ अपने पढ़ाई में घुसा रहता था और वो लोग बिसनेस में बीसी रहते थे!... हमारी वैसी बॉन्डिंग तो नही है लेकिन मुझे अपने दोनों भाइयों से प्यार है! उन में मुझे मॉम डैड दिखाई देते हैं।"

मोमल :" मुझे भी मेरे बड़े भाई का पता नही चलता के वो मुझसे प्यार करते हैं या नहीं क्यों के वो कभी कुछ बोलते ही नही बस अपनी दुनिया में खोए रहते हैं लेकिन मुझे इतना पता है की मेरी बड़ी बहन और रैन मुझसे बहुत प्यार करते हैं!"

अब्राहम :" और मैं भी! मैं भी तुम से बहुत प्यार करता हूं।"

मोमल थोड़ा शरमा कर बोली :" हां मैं जानती हूं!...आप को मुझसे प्यार करना ही पड़ेगा आप मेरे हसबैंड जो हैं।"

अब्राहम हंस कर बोला :" प्यार करता हूं तभी हसबैंड हूं!... अभी मुझे तुम पर ज़ोर से प्यार आ रहा है! प्यार जाता लूं?

मोमल उसे असमंजस में देखती हुई बोली :" कैसे ?

अब्राहम ने गाड़ी सड़क के किनारे रोक दिया और मोमल के चहरे को दोनों हाथों में लेकर उसके पूरे चेहरे पर हर जगह , सर, आंख,नाक, गाल ,होंठ पर किस कर के कहा :" मेरी मोमो, मेरी कूची पूची, मेरी आलु पूरी, मेरी लाल मिर्ची, मेरी शहद की कटोरी!"

और इसी तरह उसने उसके गाल खींच कर कई सारे खाने पीने के नाम लेकर ऐसे दुलार प्यार करने लगा जैसे वो कोई छोटी सी बच्ची हो। 
मोमल को पहले तो उसके ऐसा करने पर बहुत हैरानी हुई फिर खिलखिला कर हंसने लगी। 
अब्राहम भी मुस्कुराते हुए कार ड्राइव करने लगा। 
मोमल उसे देख देख कर हंस रही थी। हंसते हुए उसने कहा :" वो सब तो ठीक है लेकिन आप ने मुझे लाल मिर्ची क्यों कहा ?"

अब्राहम :" क्यों के तुम खूबसूरत होने के साथ साथ तीखी भी हो।"

मोमल :" अच्छा तो मैं तीखी भी हूं! हां शायद हूं!"

दोनों हंसते बोलते घर पहुंचे। कुछ देर के लिए मोमल और अब्राहम सारी परेशानी भूल गए थे और हंसते मुस्कुराते अपने घर में दाखिल हुए।

घर में आते ही अब्राहम को उसके मझले भाई जेकॉब का कॉल आया। अब्राहम ने जेब से फोन निकल कर देखा तो ताज्जुब से मोमल को देखते हुए कहा :" तुम ने अभी मेरे भाइयों की बात को और देखो कॉल आ गया ! जेकॉब भाई का कॉल है।"

मोमाल :" बात कीजिए, देखिए क्या कह रहे हैं।"

अब्राहम ने कॉल रिसीव किया :" हेलो भैया!... कैसे हैं आप?

उधर से जेकॉब ने कहा :" हां मैं ठीक हूं! फुरसत में हो तो आज घर आओ ! सुबह जोसेफ भाई भी आए हैं! डैड की वसीयत सुनाई जाएगी जिसमे हम तीनों भाई का होना जरूरी है।"

अब्राहम कुछ देर सोच में पड़ गया। समझ नहीं आ रहा था क्या करे और क्या जवाब दे, उसने पूछा :" कितने बजे आना है?

जेकॉब ने कहा :" शाम को आओ! साथ में तीन भाई कुछ समय भी बीता लेंगे! जोसेफ भाई वापस चले जायेंगे फिर पता नहीं कब साथ में हों!"

मोमल पास से फिस्फिसा कर बोली :" कह दीजिए के आप आ रहे हैं!"

अब्राहम ने उसके कहने पर कह दिया  :" हां भैया मैं आ जाऊंगा!"

फोन रखने के बाद उसने खुशी से मोमल को कस के गले लगा कर कहा :" तुम ने सुना ,उन्होंने कितने प्यार से बात किया मोमो!... I'm so happy " .... लेकिन मैं तुम्हे अकेले छोड़ कर नहीं जा सकता।"

जब वो मोमल को गले लगाकर अपने खुशी का इज़हार कर रहा था तब मोमल को कुछ और ही दिख रहा था। अब्राहम के पीछे लामिया की आत्मा खड़ी थी और दांत फाड़ कर मुस्कुरा रही थी। उसकी वोही काली आंखें किसी को भी डरा सकती थी लेकिन मोमल उसे गुस्से से देख रही थी। उसने अब्राहम के गले लग कर ही उसके सर के पीछे के बालों पर हाथ फेर कर लामिया को बड़ी बड़ी आंखों से घूरा और उसे दिखाया के वो उस से बिलकुल भी नहीं डरती। 

अब्राहम के जेब से थोड़ा सा बचा हुआ कैंडल निकाल कर बोली :" मैं कैंडल जलाकर रह जाऊंगी आप को जाना चाहिए!"

कैंडल देख कर लामिया गायब हो गई, अब्राहम ने सोचते हुए कहा :" मोमो क्यों न हम साथ चलें! इस बहाने हम घर में अपने बारे में बता भी देंगे और वो लोग तुम से मिल भी लेंगे!"

मोमल हिचकिचा कर  :" लेकिन मैं वहां कैसे जा सकती हूं! पता नही उनका रिएक्शन कैसा होगा और तो और मैं किसी को जानती भी नहीं वहां ! मुझे ऑकवॉर्ड फील होगा।"

अब्राहम ने उसे समझाते हुए कहा :" तुम किसी को जानो या ना जानो! मुझे तो जानती हो न!... ऐसा कुछ नहीं होगा जैसा तुम सोच रही हो हमारे घर में फैमिली ड्रामा नहीं होता और अगर तुम्हें ज्यादा किसी से मिलना नहीं है तो उस घर में मेरा एक रूम है जहां मैं ने अपनी बचपन से लेकर जवानी तक बिताई है! तुम वही रहना फिर डिनर वगैरह करके हम लौट जाएंगे।"

मोमल सोचने लगी के जाना चाहिए या नहीं, अब्राहम को अकेले भेज कर उसकी भी फिक्र लगी रहेगी और इधर इस घर में अकेले रहने जैसा माहौल भी नहीं है।
उसे सोचते देख अब्राहम ने कहा :"इतना क्या सोच रही हो मैं हूं ना वहां तुम्हारे साथ! मेरा होना काफी है ना तुम्हारे लिए?....जो भी हो मैं तुम्हें यहां अकेले छोड़कर नहीं जा सकता तुम्हें मेरे साथ जाना ही पड़ेगा।"

मोमल जाने के लिए तैयार हो गई :" ठीक है फिर चलते हैं! हमारा साथ रहना ही अच्छा है।"

अब्राहम को घर छोड़े हुए 3 साल हो गए थे लेकिन इन तीन सालों में वह सिर्फ पांच बार ही वहां गया था। तीन बार क्रिसमस में और दो बार उसके भतीजे और भतीजी के जन्म में लेकिन वह जब भी गया अपने कमरे में नहीं गया क्योंकि उस कमरे में लामिया की सारी अच्छी बुरी यादें थी। उस कमरे में वह उसकी बेवफाई को याद कर करके रोता था तब उसकी मां वहां उसे संभालने के लिए थी लेकिन अब मां के बिना यादों के सिवा कुछ भी नहीं था। इसलिए वह कमरा उसे बहुत मनहूस लगता था।


(अगला भाग जल्द ही)