"वो एक्चुअली, में आपसे पूछना चाहती थी..." जय ने उसकी बात काटते हुए कहा, "यह आप दूसरी बार बोल रही है।"
"आप मुझे बोलने देंगे?" काव्या ने तिरछी नजरों से उसे देखते हुए कहा।
"क्यों नहीं.. जरूर।"
"आकाश और श्रेया के बारे में, उसने बताया क्या हुआ था।" उसकी बात सुनते ही तुरंत जय ने कहा, "उसे तो खुद कुछ पता नहीं।"
"उसने जो कहा वो झूठ हो ही नहीं सकता।" काव्य की आवाज से साफ समझ आ रहा था कि जय की यह बात उसे पसंद नहीं आई, क्योंकि वो आकाश पे सबसे ज्यादा भरोसा करती थी।
"हा... शायद उसने क्या हुआ यह कहा होगा। पर क्यों हुआ यह नहीं। एंड आम शुरू अबाउट ईट, क्योंकि वो जनता ही नहीं।" जय ने अपनी बात पूरी की।
"मेने आपको वही जानने के लिए बुलाया था।" काव्या ने कैरिफाई करते हुए कहा।
"में आपको बता नहीं सकता।" जय ने उसे साफ मना करते हुए कहा।
"बताया तो आपने अक्की को भी नहीं है।" काव्य ने तुरंत इसे जवाब दिया।
"लुक, ये उन दोनो के बीच की बात है। जब तक उनके बीच सब ठीक नहीं हो जाता, में आपको नहीं बता सकता।"
"तो बैटर है आप ही सॉल्व करवा दो। करदो सब ठीक, बिकॉज आई नो.. वो श्रेया को आज भी लाइक करता है। उसकी लाइफ और दिल.. दोनो में ही कभी कोई और नहीं था। और ना ही होगा।"
"रिश्ते की बात कर रही है आप मुझसे?" जय ने उसे ताना देते हुए कहा।
काव्य ने हंसते हुए कहा, "आपकी दोस्त की आंखे ही बता देती है कि वो मेरे बेस्ट फ्रेंड को कितना लाइक करती है...।"
"रियली?"
"यह सजेशन था मेरा, आपको। बाकी... चीज़ें छीनना भी मुझे बहुत अच्छे से आता है, डॉक्टर। और में सिर्फ अक्की को हैप्पी देखना चाहती हु। शायद जैसे मेने सुना है कि वो था, पर कभी देख नहीं।"
"लगता है अहूजा के साथ रह के आप भी धमकी देना सिख गई है।" जय ने चीड़ के कहा।
"नहीं... उसने मेरे साथ रह के सिखा है, शोख तो मेरा ही है। और... एड्रेस हिम मिस्टर अहूजा, यह सरनेम से बुलाना बंद करिए। दोस्त नहीं है वो अब आपका। काव्या की यह बात जय को डॉमिनेटिंग लग रही थी। जैसे वो उसे ऑर्डर दे रही हो।
"आई कैन अंडरस्टैंड आप अपने दोस्त से बहुत प्यार करती है, लेकिन में भी अपनी दोस्त से बहुत प्यार करता हु। आकाश पूछेगा तो बता दूंगा। पर वो पूछेगा तो ही। किसी और को नहीं। "
उसकी बात सुनके काव्या ने तुरंत पूछा, "आपने अक्की को ढूंढने की कोशिश नहीं की थी, जब आपको सच पता चला।"
"लुक, बात ही ऐसी थी कि श्रेया ने जस्ट नॉर्मल एक लड़की की तरह रिएक्ट किया था। आप होती तो आप भी वही करती। उस हादसे के बाद आकाश तो मानो मुंबई से गायब ही हो गया था। और आंटी भी अपने होमटाउन शिफ्ट हो गई थी.."
"उन्हें तो कुछ पता ही नहीं है।" काव्य की आंखे नम थी जब उसे अपनी आंटी का खयाल आया।
दोनो बात कर ही रहे थे कि दानिश अंदर आया। वो डॉक्टर राजशेखर को यह बैठा देख थोड़ा कन्फ्यूज था, "आप यहां, डॉक्टर? सब ठीक है?"
"तू यहां क्या कर रहा है?" काव्य ने उसे टोकते हुए कहा।
"आपकी साइन लेने आया हु।" अपने हाथ की फाइल दिखाते हुए कहा। "बोर्ड मेम्बर्स को संभालना थोड़ा मुश्किल है। कोशिश तो की है मैंने, पर यह आए तो प्ली.....ज संभाल लेना।"
"डोंट वरी।" काव्य ने उसे रिलेक्स रहने के लिए कहा।
"चलो फिर में आपको अपडेट्स दे देता हु।" तुरंत दोनो जय की तरफ देखने लगे।
जय समझ गया कि अब उसे यहां से चले जाना चाहिए। "बाई, टेक केयर, मिस सेहगल। आप काम मत करना।"
काम की सारी बाते खतम करने के बाद दानिश ने काव्या को कल की न्यूज दिखाई। जिसमें दिखाया जा रहा था कि काव्या के एक्सीडेंट के पीछे और हॉस्पिटल में अटैक किसने किया था। जिसे अब पकड़ लिया गया था। यह देखके काव्य के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट थी।
Continues in the next episode......
Stay tuned with me.