Adhuri Chahat aur Marta Parivar - 2 in Hindi Crime Stories by Abhishek Chaturvedi books and stories PDF | अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 2

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 2

अधूरी चाहत मरता परिवार,


भाग -२

जासूसी की शुरुआत

आरव की अचानक मौत से रोहित के मन में संदेह घर कर गया था। उसने महसूस किया कि अनामिका के व्यवहार में अजीब बदलाव आ चुका था। वह अब ज्यादा शांत, चुपचाप और आत्मकेंद्रित हो गई थी। रोहित ने डॉक्टरों से बात की, लेकिन कोई ठोस वजह नहीं मिली।

शक के बीज रोहित के मन में गहरे होते गए। उसने अनामिका पर नज़र रखनी शुरू कर दी। धीरे-धीरे उसने अनामिका की फोन कॉल्स, उसकी अस्पताल की शिफ्ट्स, और उसकी अन्य गतिविधियों पर ध्यान देना शुरू किया। एक दिन उसे अनामिका के फोन में विनय के नाम से कुछ संदिग्ध संदेश मिले, जिसने उसके सन्देह को और पुख़्ता कर दिया।


 सच्चाई का खुलासा
एक दिन, रोहित ने अनामिका को बिना बताए उसका पीछा किया। उसने अनामिका और विनय को एक गुप्त जगह पर मिलते देखा। रोहित की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। वह समझ चुका था कि अनामिका का उसके साथ धोखा चल रहा था। वह गुस्से से कांप उठा, लेकिन उसने खुद को शांत रखा। वह चाहता था कि पहले वह पूरी सच्चाई जाने, फिर फैसला करे।

वह चुपचाप घर लौट आया और इंतजार करने लगा। जब अनामिका घर लौटी, तो उसने कुछ नहीं कहा। वह बस उसके चेहरे को देखता रहा, जैसे उसकी आंखों में जवाब तलाश रहा हो। उस रात, जब अनामिका सो रही थी, रोहित ने उसकी सारी चीजों की तलाशी ली। उसे अनामिका की डायरी मिली, जिसमें सारे राज़ दर्ज थे—आरव की हत्या से लेकर विनय के साथ उसके संबंधों तक की सारी बातें।

आख़िरी खेल
रोहित ने सब कुछ जानने के बाद एक खौफनाक योजना बनाई। उसने अनामिका से बदला लेने का निश्चय कर लिया था, लेकिन वह उसे एक सजा देना चाहता था जो उसे उसकी जिंदगी भर याद रहे। अगले दिन, उसने अनामिका को विनय के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित किया, यह जताते हुए कि वह सब कुछ माफ करने के लिए तैयार है। 

अनामिका, जो खुद को एक बुरी तरह से फंसी हुई महसूस कर रही थी, रोहित की बातों से हैरान थी, लेकिन साथ ही राहत भी महसूस कर रही थी। वह सोचने लगी कि शायद अब उसकी ज़िंदगी फिर से पटरी पर आ जाएगी।

लेकिन रोहित के मन में कुछ और ही था।

 दर्दनाक अंत
रोहित ने अनामिका को अपनी योजना के अनुसार विनय से मिलने भेजा, यह कहकर कि वह दोनों की बात कर मामले को सुलझाना चाहता है। अनामिका विनय से मिलने पहुंची, लेकिन वहां उसे कुछ और ही मिला। जैसे ही वह विनय के पास पहुंची, रोहित ने पहले से पुलिस को बुला रखा था और सबूतों के आधार पर दोनों को रंगे हाथ पकड़वा दिया। 

पुलिस ने जब अनामिका और विनय को गिरफ्तार किया, तब रोहित ने अनामिका को एक आखिरी बार देखा और कहा, "तुमने हमारे बेटे को मारा, पर तुम्हारी सजा अब शुरू होती है।" 

अनामिका को कोर्ट में आरव की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। विनय को भी अनैतिक संबंधों और हत्या में शामिल होने के संदेह में जेल भेज दिया गया। 

अनामिका की ज़िंदगी अब जेल की सलाख़ों के पीछे थी, जहॉं वह हर दिन अपने बेटे की याद में तड़पती रही। उसकी ख़ूबसूरती, उसकी क़ामयाबी और उसकी इच्छाऍं सब बेमानी हो गई थीं। उसकी जिंदगी का अंत दर्द और पछतावे में हो गया, और वह एक ऐसी औरत बन गई जिसने अपनी इच्छाओं के पीछे अपने सब कुछ खो दिया। 

इस तरह, एक ख़ुशहाल जीवन की चाहत में अनामिका ने सब कुछ खो दिया—अपनी खुशियॉं, परिवार, और सबसे महत्वपूर्ण, अपनी आत्मा।


अगले भाग में पढ़ें “पछतावे का बोझ” किसे हो रहा है....
पछतावे का बोझ