स्वाति जब आदित्य की आवाज सुनती हैं.. तो पूरी तरह से वो घबरा जाति हैं...और वो घबराहट से गिर ने ही वाली होती हैं! लेकिन स्वाति को आदित्य बचा लेता हैं... जब स्वाति को पता चलता हैं की वो एक दम सेफ हैं.. तो वो अपनी आंखे खोल देती हैं! और देखती हैं! आदित्य का चेहरा स्वाति के चेहरे के ठीक सामने ही था! आदित्य जिसकी धड़कन काफी तेज हो चुकी थी ।। स्वाति जो आदित्य की ब्राउन आइस में कही खो सी गई थी ......
तभी वहा पर किसी की आने की आवाज सुनाई देती हैं । और आदित्य जल्दी से स्वाति को छोड़ देता हैं! जिसे स्वाति नीचे गिर जाति है! ये देख कर स्वाति कहती है: अगर बचाना नही था तो पकड़ा क्यो?? वो इतने गुस्से में बोली थी की भूल गई थी सामने खून खड़ा है!
तभी आदित्य अपनी आंखे दिखाते हुए कहता हैं: क्या?? क्या कहा तुमने ????
ये सुनकर स्वाति कहने लगती हैं: amm... I am really sorry.. मेने कुछ ज्यादा ही आप को बोल दिया ....
आदित्य... तुम यह पर क्या कर रही थी??? ......
आदित्य की बात सुनकर स्वाति भार देते हुए कहती हैं.....आप ने जो मुझे कल प्रेजेंटेशन दिया हैं! उसकी तयारी ...
ये देख कर आदित्य के फेस पर स्माइल आती है! और वो कहता हैं! अच्छी बात है ....
तभी आदित्य कहता हैं: अब खड़ी हो जाऊ .. और अपने हाथ में पकड़ी हुई बुक मुझे देदो.. मुझे कल पढ़ना हैं!
स्वाति : लेकिन सर मुझे ये चाहिए .....
आदित्य: ये मुझे नई पता.. लेकिन तुम्हे मुझे ये बुक देनी पड़ेगी ....
स्वाति आदित्य से बहस नहीं करना चाहती थी .. इसलिए वो आदित्य को बुक de देती हैं.. और वहा से मुंह बिगड़ते हुए चली जाति है!
तभी आदित्य जाते हुए स्वाति को देख कर कहता हैं: लगता हैं भूल गई हैं.. में उसका सर और इस कॉलेज का प्रिंसिपल हु.....
स्वाति अब पूरी तरह से निराश हो चुकी थी ! उसे पता नही चल पा रहा था! की अब वो क्या करे ?? वो टेबल पर जाकर बैठ जाति है! और अपने माथे पर हाथ रख कर नीचे मुंह कर बैठ जाति है! तभी उसे कोई बुलाता है! क्या हुआ??
ये सुनते ही .. स्वाति अपनी नजर अपने बगल में से आ रही आवाज की तरफ देखती है! तो बगल में एक लड़का बेटा हुआ था! और उसको देख कर लग रहा था की वो सीनियर हैं,।।।।।
वो देख कर स्माइल करते हुए कहती हैं: कुछ नही आदित्य सर ने मुझे ये प्रेस्टेशन दिया हैं! पता नही केसे हैं! एक नंबर के खदुष,.. अब में आज लेट हो गई .. तो मेरी वजह से ट्रैफिक कितना था! अब में क्या करू?? इसलिए में लेट आती लेकीज उन्होंने मुझे निकाल दिया .. आज पूरे दिन मुझे बाहर रहने के लिए कहा...... आप को पता हैं. अभी मेरे पास से उन्होंने मेरी बुक लेली अब में कहा से कल की तयारी करू??? स्वाति अपने ही आप आदित्य की सारी भड़ास उस लड़के के उपर निकलते हुए कहती हैं......
तभी वो देखती हैं.. वहा पर आदित्य दूर से आ रहा हैं।।। उसको देख कर स्वाति अपना फेस नीचे कर देती हैं.. तभी वो अपनी टेढ़ी नजर से आदित्य को देखती हैं.. और वो हैरान हो जाति हैं.. क्योंकि आदित्य अभी स्वाति की तरफ ही आ रहा था! .. जब वो एक दम से पास आ जाता है! तभी स्वाति अपनी नजर नीचे कर देती है! और अपने मन में कहती हैं: अब क्या हुआ इनको?? अब क्या सुनना बाकी रह गया है! ।।
अमन... क्या कर रहे हो यह पर ??? आदित्य की गहरी आवाज सुनाई देती है!
अमन जो अभी स्वाति के बगल में बैठा हुआ था.... उसका नाम अमन हैं
अमन: भाई कुछ नही में अभी यह पर लाइब्रेरी में मेरे डाउब्ट्स को सॉल्व करने आया हु.....
(अमन?? भाई??? क्या? मेरे बगल में बैठा हुआ लड़का आदित्य सर का भाई है????) स्वाति सोचते हुए अपनी टेढ़ी नजर से बगल में बैठे हुए लड़के की तरफ देखती है .. और वो लड़का आदित्य के साथ बात करने लगता हैं.... आदित्य .. ha ठीक हैं. लेकिन अपना ही पढ़ना .. ठीक हैं..
अमन: ठीक हैं भाई .....
आदित्य वहा से चला जाता हैं! तभी स्वाति अपनी नजर उठा कर अमन की ओर देखती है! और अमन से पुछती है! तो क्या आप ?? उसकी आवाज़ अभी हड़बड़ा रही थी ... Ha आदित्य मेरे बड़े भाई हैं..... और सगे भाई हैं....
ये सुनते ही स्वाति अपना माथा पकड़ लेती हैं! और वो नीचे मुंडी कर के so जाति हैं!
स्वाति को इस तरह से परेशान देख कर अमन स्माइल करते हुए कहता हैं! फिकर मत करो .. में ये नही कहूंगा तुमने उनको खदूष कहा ... ये सुनते ही स्वाति अपनी मुंडी ऊंची करते हुए कहती हैं: क्या सच???
अमन : ha सच में .. वो दोनो आपस में बात करने लगते हैं! और अमन जो इस यूनिवेरिस्टी का टॉपर हैं! इसलिए वो स्वाति को कल के प्रेस्नेटेशन के लिए सब कुछ सिखा देता है!
करीबन २ घंटे के बाद ।।।
वो दोनो लाइब्रेरी में से बाहर आते हुए बात करते है; तभी वहा पर माया और मानुषी aa जाते हैं.. वो दोनो स्वाति को अमन के साथ देख कर हैरान हो जाति है! और एक्साइटेड होते हुए उन दोनो के पास चली जाति है!
अमन स्वाति को बेस्ट ऑफ लक कह कर वहा से bye कह कर चला जाता है!
और स्वाति भी वहा से बाहर आती है! तभी वो दोनो वहा पर आते हुए कहती हैं . ये तो .. आदित्य सर का भाई हैं! यार इन के साथ बैठना .. मतलब की एक सपने की तरह हैं,।।। उसकी बात सुनकर स्वाति कहती हैं: ऐसा क्यों???
माया: अरे पागल.... ये यूनिवर्सिटी टॉपर हैं.. इसलिए ,।।
स्वाति : क्या?? सच में को हैरान होते हुए कहती हैं!
माया: हा तुम्हे नही पता था!
स्वाति: नही मुझे तो इसके बारे में उन्होंने कुछ नही कहा..... ।।
माया: चल जाने दे .. अभी चल घर जाते है!
स्वाति: हा ठीक हैं! चल ...... वो तीनो कॉलेज से निकल जाति है!और घर के लिए निकल पड़ती हैं!
स्वाति घर आकर ......अपनी मम्मी के साथ बैठ ti है और सारी बाते अपनी मम्मी को कह देती है! और सारी बाते कहने के बाद .. वो खाना खा कर प्रेजेंटेशन की तयारी करने लगती हैं.. उसने करीबन ... 2.00 बजे तक तो सभी पेपरेशन की था ....
बाद में वो सो जाति ह।
दूसरे दिन .........
स्वाति आज अपने घर से जल्दी ही निकल जाति है और वो क्लास में जाकर बैठ जाति हैं....
माया मनुषी और रोहन .. वो तीनो आज स्वाति के पास आ जाते है ! और कहते हैं! रेडी ??
स्वाति: येस.. गहरी सांस लेकर कहती हैं!
करीबन 9.00 बजे ......
आदित्य अंडर आ जाता हैं! और सभी लोग उसको ग्रीट करने लगते है! तभी स्वाति देखती हैं! आदित्य आकार पढ़ने लगा था! ये देख कर स्वाति खड़े होकर कहती हैं: सर मेरा प्रेजेंटेशन??
आदित्य: कैंसल ......
ये सुनकर स्वाति हैरान हो जाति है!
To be continued 💫 🦋 💙