काव्या का वॉर्ड
पुलिस काव्या से स्टेटमेंट लेने आई थी। पुलिस इंस्पैक्टर, दो लेडी कॉन्स्टेबल के साथ आकाश और जय भी मौजूद थे। पुलिस इंस्पैक्टर ने पहले काव्या से उसकी हालत के बारे में पूछा, जिसका काव्या ने बड़ी शांति से पलके जुकाके जा में जवाब दिया की उसकी तबियत ठीक है। "मिस. सेहगल, क्या आप मुझे बता सकती है, की यह फोटो में जो आदमी है.. उसने ही आप के ऊपर हॉस्पिटल में अटैक किया था?" इंस्पेक्टर ने उस क्रिमिनल राजा की फोटो दिखाते हुए कहा। जो उसकी तस्वीर थी, बिना किसी खरोच और चोट के निशान की। जिसमे उसका चेहरा साफ साफ दिख रहा था।
काव्या ने उनकी बातो का जवाब दिया, "हा।" वो ज्यादा बोलना नहीं चाहती थी।
"क्या आप स्योर है?" इंस्पेक्टर ने पूछा।
"जी सर।" काव्या ने उन्हें जवाब दिया।
"जब आप के ऊपर अटैक हुआ तब आपको बचाने वाले क्या.. डॉक्टर जय थे?" उनके इस सवाल पे जय ने ऐतराज करते हुए पूछा, "यह कैसा सवाल है?"
इंस्पैक्टर ने जय की बात को नज़रंदाज़ करते हुए काव्या से कहा, "बताइए... मिस सेहगल।"
जय ने आकाश के तरफ देखा। वो शांति से सोफे पर बैठा सब देख रहा था, मानो जैसे उसे पता था की इंस्पैक्टर क्या पूछने वाले है..
काव्या भी ऐसे सवाल से सोच में पड़ गई थी, लेकिन कुछ देर रुकने के बाद उसने जय के सामने देखते हुए कहा, "चेहरा और हाथ... यही थे, जिन्होंने... मुझे बचाया था। में इतना तो याद.. रख सकती हु।"
"हम्मम... में सिर्फ एनस्योर करना चाहता था की आपको सब याद तो है।"
इंस्पेक्टर की यह बात सुनके काव्या ने रूडली कहा, "मुझे तो और कुछ भी याद है... जो शायद आपने.. इंबेस्टिगेट नही किया। वरना... यह नही आते।"
आकाश जो कबसे शांत बैठा था अचानक से काव्या के पास आ गया। इंस्पेक्टर भी आकाश को इतना चिंता में देख समझ गए थे की आकाश भी शायद ऐसी कोई बात है जो नही जानता। जय के आंख और कान दोनो काव्या पे ही टिके हुए थे।
"क्या?" इंस्पेक्टर ने पूछा।
"जिस दिन मेरा एक्सीडेंट हुआ..जिस ट्रक से... ये आदमी ही था... ड्राइव कर रहा था। वही ट्रक।"
"सच में? क्या आपको अच्छे से याद है?" इंस्पेक्टर ने पूछा।
"हा, उसका वो चेहरा देखने के बाद ही..."
"..यू.. यू वर स्केयर्ड। मुझे अभी भी तेरी आवाज़ याद है।" आकाश ने उसकी बात को खतम किया।
काव्या की आंखो ने आकाश को उसके सवाल जवाब बड़े ही शांति से समझा दिये थे, बिना कुछ कहे।
थोड़ी देर में स्टेटमेंट रिकॉर्ड करके इंस्पैक्टर और उनकी टीम हॉस्पिटल से चले गए।
आकाश अभी भी वही बैठा कुछ सोच रहा था। उसे देख काव्या ने कहा, "तुम कुछ नही करोगे।"
"तु मुझे रोकने के हालात में नही है अभी। अगर रोकना ही था, तो..मेरे सामने नहीं बोलना चाहिए था।" आकाश ने काव्या से कहा।
उसकी इस बात का जवाब देते हुए काव्या ने कहा, "अगर तेरे सामने नहीं बोलती... तो.. इंस्पेक्टर को जरूर.. डाउट हो जाता। जो कुछ भी.. अब तक.. तुम दोनो ने करके.. छुपाया होगा। I know you... Better than.. you."
"में कुछ नही करूंगा। मॉम जो.. यही पे है।" आकाश की इस बात पे काव्या ने है दिया।
"Go to office, now." काव्या ने आकाश से कहा।
"जा रहा हु।" इतना कहके आकाश अपना लैपटॉप बैग लेके वहा से निकल गया।
"आपको क्या चाहिए?" अपने पास खड़े जय से काव्या ने पूछा?
उस दिन आपने मुझे क्यों बुलाया था?" जय ने बिना कुछ ज्यादा सोचे, कई दिनो से अपने मन में चल रही बात को आज पूछ ही लिया था। वो बस अपने सवाल का जवाब चाहता था।
"शायद... भगवान चाहते थे की.. आप मुझे बताए।" काव्या ने मस्ती भरा जवाब देते हुए कहा।
काव्या की बात सुनके उसने कहा, "आई एम सीरियस।"
"में थक जाऊंगी, बोलते हुए।" काव्या ने कहा।
जय ने थोड़ा सोचने के बाद कहा, "में एक मिनिट में एक वर्ड सुनने के लिए भी रेडी हु। बस मुझे जानना है।"
"ठीक है। बताती हु।" काव्या ने लंबी सांस लेते हुए कहा।
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