सेहगल हाउस
जैसे ही आकाश घर में आता है, उसने देखा की रॉनित उसकी मां से बात कर रहा था। उसकी मां गुस्से में दिखाई दे रही थी। उन्होंने जैसे ही आकाश को देखा अपने पास बुलाया।
"मॉम, क्या हुआ?" आकाश ने घबराते हुए पूछा।
"बैठो मेरे पास।" रागिनी ने आकाश को अपने पास बुलाते हुए कहा।
"I'm sorry mom, में टेंशन में आपको बताना भूल गया।" आकाश ने उनके पास बैठते हुए कहा।
"मुझे बताया रॉनी ने। पर अब ध्यान रखना की आगे से उसे अकेला ना छोड़ो। It's your turn to repay." रागिनी ने गंभीर होते हुए कहा।
"यस मॉम।" अचानक से आकाश को रियलाइज हुआ की सब घर पे है तो काव्या के पास कोन होगा, "कावु के पास कोन है?"
"अंकल ने कहा है आज वो हॉस्पिटल में ही रहेंगे।" रॉनी ने अपने फोन मे कुछ टाइप करते हुए कहा।
"में जाता हु।" आकाश ने पास रखी अपनी कार की चाबी लेते हुए कहा।
"अंकल ने माना किया है। स्पेशली तुझे। घर पे रेह, मन नहीं लग रहा तो ऑफिस चला जा। लेकिन हॉस्पिटल नही। आज वो अपनी डॉटर के साथ टाइम स्पेंड करना चाहते है। सो डोंट गो। ओ.खेय.. ।
उसकी बात सुनने के बाद आकाश बिना कुछ कहे बस उसे घूर रहा था।
"मैंने कुछ नही किया है, ऐसे मत देख। I know I'm handsome." रॉनित ने उसे चिड़ाते हुए कहा।
हॉस्पिटल – दो दिन बाद,
शाम के तकरीबन 5 बजे थे, जय को बताया गया की स्पेशल VIP वॉर्ड की पेशेंट के वाइटल्स फ्लक्चूएट हो रहे है। थोड़ी देर बाद मेडिसिन देने के बाद काव्या की हालत ठीक हुई थी। जय ने आकाश से कहा, "आज रात में यहीं रुकता हु।"
"कोई प्रॉब्लम है?" आकाश ने टेंशन में पूछा।
"नॉट रियली, बट.. अभी जो हुआ वो देखके, आई कैन एस्योर यू, की उन्हे होश आ सकता है। कल तक... ऐसा मेरा मानना है। बिकॉज, धीस... शी वास पैनिकिंग। अभी उन्हे नींद की दवाई दी है...।" जय ने उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा।
"I just want her safe and fine." आकाश ने काव्या की तरफ देखते हुए कहा।
अगले दिन दोपहर में काव्या को होश आ चुका था। एनर्जी काम होने की वजह से वह ज्यादा बोल।नही पा रहीं थी।
रूटीन चेक अप के लिए डॉक्टर्स की टीम वहा पर मौजूद थी। जय भी उनके साथ ही था।
जय का केबिन
जय की सामने वाली कुर्सियों पे हर्षवर्धन और रॉनित बैठे थे। आकाश सामने की तरफ एक टेबल के साथ अपनी पीठ टीका कर खड़ा था।
"देखिए सर, she is out of danger for now, बट आपको इन्हे अभी तो एडमिट ही रखना पड़ेगा। उन्हे वॉक करने में भी टाइम लगेगा। एटलियस्ट 1 टू 2 मंथ्स। उसके बाद ही हम उनकी कंडीशन देखकर उन्हे घर पे शिफ्ट कर सकते है या नहीं।" जय ने कहा।
हर्षवर्धन और जय की काव्या की हेल्थ को लेकर जब बाते खतम हुई तब आकाश ने कहा, "पुलिस कावू का स्टेटमेंट लेने आएगी। जैसे ही उन्हे पता चलेगा.. की उसे होश आ चुका है। में चाहता हु कि तू उन्हे कल सुबह की अपॉइंटमेंट दे दे, काव्या से मिलने की। उससे तो में बात कर लूंगा। "
"बट, वो थोड़ा डेंजरस भी हो सकता है। I mean trauma... " जय ने कहा।
"शी वास हेल्पलेस एट धाट डे, अधरवाइज... शी इस डेंजरस। आप उसकी चिंता मत करिए। पुलिस को प्राइम सस्पेक्ट चाहिए। आपके स्टेटमेंट के बाद भी उनको ट्रस्ट नही है हम पर..." रोनित की बात को बीच में काटते हुए हर्षवर्धन ने कहा, "उसका रीजन तुम दोनो ही हो।"
"कम ऑन, अंकल। आप मॉम जैसी बात मत करो।" आकाश ने कहा।
हर्षवर्धन ने उसकी बात पर मुस्कुरा दिया।
"तू बस बिना किसी बात के परमिशन दे देना। आगे का काम पुलिस खुद ही कर लेगी। आखिर विक्टिम की बात पे तो भरोसा करेंगे ही। " आकाश की आंखे मानो कुछ और ही के रही थी।
Continues in the next episode.....
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