My Devil Hubby Rebirth Love - 39 in Hindi Love Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 39

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My Devil Hubby Rebirth Love - 39

रूही को जैसे ही रूद्र की बात का मतलब समझ आया उसके गाल बिल्कुल कश्मीरी सेब की तरह हो गए रूही को इस तरह देखकर रूद्र को बहुत प्यार आ रहा था वाइफी तूम्हारे गाल लाल हो गए किया तुम ठीक हो रूही ने जल्दी से अपनी गाल पर हाथ रखा और बोली हां में ठीक हो वो  गर्मी बहुत है 





ना इसकी वजह से हो गए होंगें वह सब छोड़ो हमें घर जाने के लिए देर हो रही है मां पापा हमारा इंतजार करूंगा मै अभी फ्रेश होकर आती हूं  और जल्दी से वॉशरूम में भाग गई रूही के जाते ही रूद्र ने अपने सीने पर हाथ रखा और बोला हाय वाइफी तुम कितनी इनोसेंट हो यह कहकर मुस्कुरा दिया रूही वॉशरूम आईने के सामने खड़ी अपने आप को देख रहे थे 





रूही मुझे अपनी शर्म क्यों आ रही है और यह मेरे गाल इतने लाल क्यों हो गए यह कर अपना गाल में सुनाने लगी अचानक उसने अपने होठों पर उंगली रखी और मुस्कुरा कर बोली जब वह मुझे किस कर रहा था मेरे पेट में गुदगुदी हो रही थीं अपने सर पर टपली मार कर बोली मैं क्या गंदी बातें सोच रही हूं मैं सच में पागल हो गई हूं




रूही ने जल्दी से अपने आप को सही कर और वॉशरूम से बाहर आई रुद्र जो सोफे पर  बैठकर हुआ रूही का इंतजार कर रहा था रूही को आता देख बोला चले वाइफी रूही  थोड़ी देर रुको मैं अपना सामान पैक कर लूं रूद्र  उसकी जरूरत नहीं है रूही पर क्यों रुद्रा क्योंकि वो पहले ही चला गया तुम ज्यादा टेंशन मत लो और चलो यहां कहकर दोनों ही कमरे से निकल गए




थोड़ी देर बाद




                               







रुद्र की कर एक बहुत बड़े बंगले सामने आकर रुकी रूही कर से बाहर निकाल कर सीधा मिलकर तरफ भागे को भागते देखा देखा और बोला वाई-फाई तुम कब बड़ी होगी कभी-कभी मैं यह सोचता हूं 



कि क्या मैंने एक बच्ची से प्यार कर है यह कहकर उसने अपना सर झटका और बिला के अंदर चल दिया जैसे ही रूद्र  अंदर आया और रूही को देख कर बोला सच में तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता


यह कहकर रूही की तरफ चल दिया रूही जो अंदर आते ही सुनीता जी और दीपक जी  जो सोफे पर बैठे थे सीधा उनके गले लग गई और बोली आप दोनों ऐसा कैसे कर सकते हैं मुझे अकेले छोड़ कर आ गए आप दोनों को पता है मैं कितना डर गई थी में समझी कि आप दोनों मुझे छोड़ कर चले गए यह कहकर रूही रोने लगी 




दीपक जी रूही के सर को सलते ‌हुए  बोले कैसी बात कर रही हो बेटा हम तुम्हें कैसे छोड़ सकते हैं तुम तो हमारे जीने की वजह हो हम तुम्हें छोड़कर कहां जा सकते है रूही पर आप दोनों मुझे वहां अकेला छोड़कर आ गए थे 



सुनीता जी रूही के आंसू  पूछ कर बोली वहां तुम अकेली कहां थी रूद्र थे  तुम्हारे साथ तो फिर तुम अकेली कहां थी रूही पर आपको मुझे बताना चाहिए था ना दीपक से तुम शायद बिजी थी और हमने रुद्र से पूछा था



  रुद्र बोले कि तुम्हें थोड़ी देर लगेगी आप लोग चले जाइए तो हम लोग आ गए रूही  पर मैं कहां बिजी थी मैं तो यह  कहकर रूही चुप हो गई दीपक जी जब तुम बिजी नहीं थी तो रुद्र ने यह क्यों कहा कि तुम्हें थोड़ी देर लगेगी 



रुद्रा अंकल में बताता हूं वो बताने जा ही रहा था इतने में रूही जल्दी से बोली वो पापा में मुझे थोड़ा काम था इसलिए इन्होंने कहा होगा यह कहकर रूही  मुस्कुरा दे दीपक जी ठीक है अब तुम रोना बंद करो और चलो तुम्हें भूख लगी होगी रूही हां मुझे बहुत भूख लगी है सुनीता  जी तो चलो मेने खाना बना लिया है बस तुम दोनों का इंतजार कर रहे थे अब तुम दोनों आ गए हो तो चलो खाना खा

ते हैं यह कहकर सब डाइनिंग हॉल की तरफ चल दिए