Devil se Mohhabat - 23 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 23

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Devil se Mohhabat - 23

जिसे सुने विवेक अपने मन मे ,,,,कहां हो सकती है ,,,,,अपने कमरे में होगी,,,, बहा रही होगी ,,,,अपने आंसुओं को ,,,,,अच्छा ही है समझ गई ,,,,,कि मेरा और उसका कुछ नहीं हो सकता,,

जिसे सुन विराज दाय मा की तरफ देखते हुए ,,,,,,और फिर अपने किसी दूसरी नौकर को कहे ,,,,,वह विधि को नीचे लाने को कहता है ,,,,,,और फिर अपना नाश्ता करने लगता है,,,,,,लगभग 10 मिनट बाद,,,,,,वहीं स्टाफ नीचे आ,,,,, सर विधि मैंम कहीं नहीं है,,,,

जिसे सुन विराज अभी जो,,,अपना नाश्ता खत्म कर उठते हुए,,  ,,,,,,क्या तुमने उसे हर जगह चेक किया ,,,,,,,,जिसे सुन स्टाफ ,,,,,,यस सर मैंने विधि मैं को पूरे मेंशन में देख लिया ,,,,,वह मुझे नहीं मिल रहे हैं

जिसे सुन विराज की आंखें छोटी हो जाती है ,,,,,,और फिर वह हैरान नजरो से पीछे मुड़ ,,,अपने स्टाफ की तरफ देखते हुए,,  , जी अगर मजाक हुआ तो,,,,,, मैं वक्त नहीं लगाऊंगा तुम्हें,,,,,,,मौत के घाट उतारते हुए,,,,,,

जिसे सुन,,,,,,वह स्टाफ ;,,,थोड़ा डर जाता है ,,,,और फिर हकलाते हुए ,,,,,सर मैंने पूरा घर चेक किकिया ,,,सच में मुझे विधि मैं नहीं मिले

जिसे सुन विराज थोड़ा घबरा जाता है ,,,,,,और फिर वह खुद ही अपनी कदम विधि के कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,

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Aab aage, ______

लगभग आधे घंटे बाद विराज,,,,,,गुस्से से किसी को फोन कर ,,,,,,सिर्फ एक घंटा सिर्फ एक घंटा है ,,तुम्हारे पास,,,,,,अगर मुझे विधि की खबर,,,1 घंटे के अंदर नहीं मिली ,,,,,,तो तुम इस दुनिया में नजर नहीं आओगे,,,,यह कह,,,,,विराज गुस्से से फोन घुमा,,,,जमीन पर पटक देता है ,,,,,,,,इस वक्त विराज बहुत ही गुस्से में था



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और वहीं दूसरी तरफ ,,,,अनुरोध आज ऑफिस नहीं गया था ,,,,,,वह अपनी केबिन में बैठा,,,,,,कुछ फाइल्स पढ़ रहा था,,,,,,,कि तभी उसके कमरे में,,,,,,,एक औरत लगभग 50 साल की ,,,,एक औरत आती है,,,,,वह इस वक्त काफी डरी हुई लग रही थी,,,,जिससे वह औरत,,,,,अनिरुद्ध की परमिशन ले,,,,वह अंदर जाती है ,और फिर अपना सर झुकाए,,,,,,अनिरुद्ध से,,,,,सर,,सर वह लड़की

वह औरत ने इतना ही कहा होगा ,,,,कि तभी अनिरुद्ध गुस्से से ,,,,,अपनी नजर उठा ,,,,,,क्या तुम गूंगी हो ,,,,,,या फिर तुम्हें ,,,,यह तुम्हें बोलना नहीं आता ,,,,जो बोलना साफ-साफ बोलो ,,,, वरना,,,,दफा हो जाओ

अनिरुद्ध का इतना ही कहना था,,,,,,,कि वह बूढी औरत,,,,,और डर जाती है ,,,,,जिससे वाह,,,, ना चाहते हुए,, भी,,,,,सर वह लड़की,,,,उस लड़की की सांस नहीं चल रही है,,,वह मर जाएगी

जिसे सुन अनिरुद्ध अपना एक आईब्रो उठा,,,,उस बूढी औरत को देखते हुए,,,,तो मैं क्या करूं ,,,,,तुम्हें इतनी फिक्र हो रही है उसकी ,,,,,,,तुम्हें यहां जिस काम के लिए,,,,तुम्हें लाया गया है ,,,,,वही करो बाकी तुम्हें कहीं भी इधर-उधर ,, मुह मारने की जरूरत नहीं है जो कहा जाए वही किया करो,,,,,यह कहें,,,,वह दोबारा अपनी फाइल पढ़ने लगता है ,,

जिसे सुन वह औरत के सामने ,,,,उस लड़की मासूम लड़की का चेहरा घूम जाता है,,,,

फ्लैशबैक

वह बूढ़ी औरत ,,,,जो माया थी,,,,,वह यहां काम करती थी,,,,,,और उसे पता था ,,,,,,कि अनुरोध का नेचर कैसा है,,,,,,वह बहुत ही गुस्सैल है ,,,,,वह उसे बचपन से जानती थी,,,,,,,और ,,,,,यहां तक कि,,,,,,,विधि के बारे में भी पता था,,,,,,,जिससे वह कमरे की सफाई करने के लिए ,,,,जब अंदर जाती है ,,,,,तो देखती है ,,,,तो पूरा कमरा बिखरा पड़ा था,,,,और फर्श पर ,,,टूटे हुए बटन ,,थे;

जिसे देख माया का मन,, घबराने लगा था ,,,,जिससे वह धीरे कदमों से अपने ,, कदम कमरे के अंदर बढ़ा देती है,,,,,तो उसकी नजर सीधा बेड पर जाती है ,, ,,,,,जो,विधि किसी लाश की तरह,,,,बेड पर लेटी हुई थी ,,,,,,

और वह इस वक्त सिर्फ सफेद चद्दर से ढकी थी,,,,,जिसे; देख वह बूढी औरत,,,,,,,,अपने धीरे कदमों से,,,,,उस लड़की के थोड़ा पास आती है ,,,,और उसका चेहरा देख ,,,,वह दो कदम पीछे हट जाती है ,,,,,क्योंकि उससे उसका चेहरा नहीं देखा जा रहा था ,,,,,उसके होठों पर खून लगा हुआ था,,,,,जो कि अब सुख चुका था ,,,,,उसका पूरा चेहरा पीना पड़ गया था,,,

और उसकी आंखें पूरी रोने की वजह से,,,पूरा काजल फैला हुआ था,,,,और उसके बाल भी बिखरे हुए थे ,,,,और उसे चादर पर भी,,,,,कई जगह खून के छीते नजर आ रहा था ,,,;

जिसे देख माया अपने; धीरे-धीरे कदम,,,,विधि की तरफ बढ़ा देती है, ,,,,,तो वह विधि के नजदीक पहुँच,,,,,जब विधि का चेहरा देखती है तो उसकी आंखें बड़ी हो जाती है क्योंकि विधि का पूरा चेहरा सुजा हुआ था ,,,,,और इस वक्त,,,,,वह पूरी बेजान नजर आ रही थी ,,,,जिससे वह नीचे झुक,,,,अपनी दो उंगलियां,,,,विधि के नाक के पास ले जा,,,,,उसकी सांसे चेक करती है,,,,,,तो उसकी सांसे बहुत ही धीमी चल रही है,,,,,जिससे वह बगैर वक्त दवाई दौड़ते हुए ,,,,,उसे कमरे से बाहर निकाल ,,,,,अपने कदम अनिरुद्ध के केबिन की तरह बढ़ा देती,,,;

फ्लैशबैक एड

इस वक्त माया की धड़कनें बहुत तेज चल रही थी,,,उसे अजीब सी घबराहट और बेचैनी हो रही थी,,,,,क्योंकि आखिर में थी तो वह भी एक औरत ,,,,,दूसरी औरत का दर्द समझ सकती थी,,,,,जिससे वह एक बार और ट्राई करते हुए बड़ी मुश्किल से,,,,हिम्मत जुटा,,,,,सर उस लड़की को डॉक्टर की जरूरत है,,,,,,अगर उसे टाइम पर डॉक्टर नहीं मिला तो,,,,वह मर जाएगी,;

जिसे सुन अनिरुद्ध गुस्से से चिखते हुए,,, तो मर जाने दो उसे,,,,,वैसे भी उसे मरना ही है ,,,, कल ,,,,नहीं तो आज से ही सही,, ह

जिसे सुन माया एकदम से डर जाती है,,,और फिर वह अनिरुद्ध को अपनी बात ना मानता देखा है,,,,,अपनी हिम्मत हार जाती है ,,,,,,जिससे वह पीछे पलट कमरे से बाहर जाने लगती है ,,,,,,कि तभी अनिरुद्ध,,,,,किसी बॉडीगार्ड की मदद ले ,,,,,,,,उसे ले जाओ हॉस्पिटल,,,,,,और हां कोई तमाशा नहीं होना चाहिए ,,,,,यह कहे,,,वह सोफे से उठ,,,,,खिड़की साइड चला जाता है,,,

जिसे सुन माया दौड़ते हुए,,,कमरे से दोबारा बाहर निकाल,,,,,वह सबसे पहले विधि के कमरे में जाती है,,,,,और फिर विधि को कपड़े पहने दौड़ते हुए ,,,,नीचे एक बॉडीगार्ड की मदद से,,,,विधि को अस्पताल ले जाती

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और वहीं दूसरी तरफ विराज गुस्से से पागल होता जा रहा था,,,,आज जिंदगी में पहली बार ,,,,उसे इतना डर लग रहा था,,,,,उसकी सांस उखड़ रही थी ,,,,,कि तभी उसके पास एक आदमी आता है,,,,,जो उसे विधि की एक-एक खबर देता है,,,,,जिसे सुन विराज गुस्से से ,,,,अपने कदम उस मेंशन से बाहर बढ़ा देता देता है ,,,,,और फिर गुस्से से दांत पीसते हुए ,,,,,तुमने सही नहीं किया ,,,,,मेरी बहन को बीच में लाकर ,,,,,उसका इस्तेमाल करके,,,,यह कहे वह ,,,,,बहुत ही गुस्से में कार ड्राइव कर रहा था,,,

सॉरी फ्रेंड्स एपिसोड छोटा है ,,,,,लेकिन आगे से पूरी कोशिश करुंगी ,,,,कि मैं बड़े-बड़े एपिसोड दूं ,,,,आज के लिए बस इतना

तो मिलते हैं नेक्स्ट एपिसोड में तो प्लीज अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी हो तो ,,,,लाइक कमेंट करना ना भूले,,,,,क्योंकि मुझे आप सब की सपोर्ट की बहुत ज्यादा जरूरत है,