Prem Agan - Ek Contract Love - 7 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | प्रेम अगन - Ek Contract Love - 7

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प्रेम अगन - Ek Contract Love - 7

अधीरा बिस्तर पर अपने मोटे से डायरी पर अपने दिल कि बात पंक्तियों में जाहिर कर रही थी "प्यार कि राह आसान ना थी,ढूंढती हूं दर ब दर वो हम राह,मंजिल दिखे तो आगे कदम बढ़ेगी ,जाने कौन है किस वेष में छुपा वो हमसफ़र होगा!!तभी दरवाजा नॉक आउट हुआ और अधीरा ने आवाज लगाई " आ जाओ राधा दीदी...राधा घर कि मेड है उसके दो छोटे छोटे बेटियां हैं वो सुबह शाम यहां खाना और घर कि साफ सफाई कर अपने  सर्वेंट क्वार्टर में रात को चली जाती है , राधा कमरे में आई और बोली " अधु बेबी खाना बन गया है चलो खा लो मैडम तो लेट से आएगी ..अधीरा पन्ने पलटकर लिख रही थी अपने स्टडी टेबल पर..!!राधा ने मुस्कुराते हुए पूछने लगी" अधु बेबी  आपकी कहानी कि हीरो का सच्चा प्यार मिला या नहीं  ..??अधीरा  राधा को हतास होते देखी और बोली" नहीं राधा दीदी अभी कहां उसे जो कोई भी मिलती है सब उसके पैसों के पीछे रहती है सभी सेल्फिश है , पता नहीं उसकी ट्रू लव कहां होगी उसी के जैसे मेरा भी वही हाल है कि ट्रू लव का कैसे पता चलेगी भला..राधा फिर हंस पड़ी और बोली " अधु बेबी आप कहानी लिख रही हो तो आपको पता होगा कि आपने अपने हीरो के लिए कैसा हिरोइन चुनी हो और आपकी बात है तो भगवान जी जानेंगे कब आपकी सच्चा प्यार मिलेगी और हां आप अपने तरफ से कोई जल्दबाजी मत करना जब ट्रू लव मिलेगी तो भगवान जी कुछ इशारा करेंगे..अधीरा और एक्साइटमेंट में बोली " सच राधा दीदी भगवान जी ट्रू लव के लिए इशारा भी देते हैं लाइव कैसा होता होगा एनी आइडिया दीदी..राधा अधीरा का दिल रखने के लिए बोली " आपका जब सच्चा प्यार आएगा तब भगवान जी अपनी मैजिक दिखाएगा जुगनू चारों ओर अपने रौशनी बिखरने कि कोशिश करेंगे आसमान में चांद अपनी रौशनी से उसके व्यक्तित्व दिखाएगा सितारे चमचमाती हुई लगेगी आसपास हवाओं में फूलों कि  ताजी खुशबू फैल जाएगी और  ठंडी हवाएं आपको मदहोश करके उसके ओर खींचेगी तब आप समझना कि सच्चा प्यार वही है..!!अधीरा राधा के बातों से अपने सपनों के संसार में चली गई और इमैजिनेशन करने लगी (अधीरा एक उपवन में अपना कदम रखी और उसके चारों ओर हरे-भरे वृक्ष छोटे छोटे फूलों के पौधे जो खुशबू फैला रही थी वृक्ष हिलते डूलते हवाओं को तेज करने लगी , अधीरा इधर उधर देखते हुए आगे बढ़ने लगी थी तो अचानक आसमान कि रंगत बदलते हुए चांद चांदनी के साथ छंटा बिखेरने लगी और जुगनूओं ने अपनी उड़ान भरी तभी ...सफेद घोड़े  दौड़ते हुए सामने से आने लगा , अधीरा एक जगह खड़े होकर घोड़े को देखने लगी जैसे जैसे वो पास आ रहा था तो घोड़े पर सवार आदमी दिखा जो बिजनेस सूट पहने हुए घोड़े में बैठकर आ रहा था ..घोड़े पर सवार वो शख्स अधीरा के करीब आया तो चेहरे पर काले रंग के नकाब पहना था इसलिए अधीरा उसके चेहरा नहीं देख पा रही थी , अधीरा कोशिश कर रही थी उस शख्स का एक झलक मिले पर वो बेताबी से उस शख्स को देखने लगी ..!!राधा ने आवाज लगाई अधीरा के कंधे हिला कर " अधु बेबी .. कहा खो गई अधु बेबी...????अधीरा कुछ आगे देखती वो राधा के आवाज से अपने सपनों के दुनिया से बाहर आई और बोली" राधा दीदी वो...राधा दीदी ने कहा मुस्कुराते हुए " अधु बेबी चलो पहले खाना खा लो बाद में सपनों के दुनिया में जाना ..अधीरा अपने सिर पर टपली मारी और राधा के पीछे-पीछे आई और डायनिंग टेबल पर बैठी , राधा अधीरा को खाना परोस कर सोफे पर बैठी और और बड़ी सी टीवी चालू किया तो न्यू चैनल पर समाचार चल रहा था ब्रेकिंग न्यूज पर ,एक रिपोर्टर विस्तार पूर्वक जानकारी दे रहा था " आज के बड़े समाचारों में सबसे पहले भारत सरकार ने वंदे भारत (काल्पनिक नाम है कोई  अन्यथा ना ले )मैगजीन के सीईओ रामचंद्रन आचार्य , आचार्य बिल्डकॉन के प्रेसिडेंट को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा , मिस्टर  राम आचार्य ऐसे पहले युवा है जिसे यह सम्मान से नवाजा जाएगा वो महज 35 साल के है , पद्मश्री सम्मान उसके देशभक्ती और देश के लिए किए गए कार्य के लिए सम्मान दिया जा रहा है हालांकि मिस्टर राम आचार्य ने मीडिया से मुखातिब हुए अपने बिजी शेड्यूल के चलते ..राधा को समाचार देखने में इंट्रेस्ट नहीं हुआ और वो चैनल बदल दिया , अधीरा टीवी देखते हुए खाना खा रही थी उसे उत्सुकता हुई पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हुए व्यक्ति को देखने के लिए पर राधा ने गाना वाले चैनल लगा दिया था ..!!अगले दिन...अधीरा कॉलेज आई तो ऋषभ को देखकर थॉमस अल्वा के बुक के बारे में याद आया ऋषभ ने कहा था वो उस बुक को ढूंढेगा फिर वो कैंटीन में ऋषभ को देखी और पास आकर बोली " एस्क्यूसमी मिस्टर ऋषभ मेहता (नोट अब ऋषभ मल्होत्रा के जगह पाठक ऋषभ मेहता पढ़ेंगे )...ऋषभ अपने तीन दोस्तों के साथ बैठा था और जब अधीरा कि आवाज सुना तो वो बहुत आश्चर्य हुआ और चेयर से खड़े होकर बोला" जी मिस अधीरा बोलिए मैं क्या मदद कर सकता हूं।।अधीरा सकुचाते हुए बोली " जी वो आप उस दिन लाइब्रेरी में कुछ बुक के बारे में बता रहे थे अपने दोस्त को ,अगर वो किताब आपको मिली होगी तो पढ़कर आप मुझे दे सकते हैं पढ़ने को प्लीज़...अभय अपने एक दोस्त के साथ कैंटीन के तरफ ही आ रहा था वो अधीरा को ऋषभ के साथ बात करते हुए देखा तो मुठ्ठी भींच लिया ..!!ऋषभ ने उस दिन मजाक किया था अधीरा को सुनाने के लिए आज सच में अधीरा किताब के बारे में पूछ रही है फिर ऋषभ अपने  दोस्तों को देखा तो दोस्तों ने आंख मारकर झूठ बोलने के लिए इशारा किया फिर ऋषभ ने कहा " वो बुक..असल में वो बुक मुझे नहीं मिला है और मैं कोशिश कर रहा हुं उसे लेने का मेरी कुछ लाइब्रेरियन से बात हुई है वो बुक जल्दी ही मिल जाएगी ..अधीरा  मायुस हुई और बोली " ओके .. इतना ही बोलकर जाने लगी..!!ऋषभ ने अभय को देखा तो वो जानबूझकर बोला" मिस अधीरा अगर वो बुक तुम्हें चाहिए तो मैं पहले आपको दे दूंगा फिर आप पढ़कर मुझे वापस कर देना..अधीरा पलटकर देखी और बोली " ओके पहले आप पढ़ लेना फिर मुझे दीजिएगा...ऋषभ अधीरा के तरफ बढ़ा और कहा" मिस अधीरा हम एक कॉलेज में पढ़ते हैं तो एक दूसरे कि मदद तो कर सकते हैं ना ..!!अधीरा मुस्कुरा कर बोली " हां मदद तो कर सकते अम्म.. थैंक्स अगेन मेरी हेल्प के लिए वो बोलकर अपनी दोस्त जिया को ढूंढने लगी और आसपास बैठे दोस्तों को पूछने लगी " हेय निक वेयर इज़ जिया..??निक कोरिडोर पर अपने दोस्तों के साथ खड़ा था लो बोला " वो लाइब्रेरी के तरफ गई है शायद वो बोल रही थी ...अधीरा मुस्कुरा कर थैंक्स बोली और आगे चली गई अधीरा जिया को ढूंढते हुए फ्लोर के सीढ़ियां चढ़ी और क्लास रूम के कोरिडोर से चलते हुए लाइब्रेरी के तरफ आई पर लाइब्रेरी बंद थी तो फोन निकाला और जिया को फोन लगाते वो ऊपर सीढ़ियों पर चलकर जाने लगी ऊपर भी सारे क्लास खाली थी तो फोन को कान में लगाए कोरिडोर पर चलने लगी फिर रिंग बंद हुआ तो वो कॉलेज के टैरिस पर जाने कि सोची और जाने लगी तो एक रूम से जिया का आवाज आई अधीरा पलटकर उस आवाज का पीछा किया और एक रूम के दरवाजे तक आई तो जिया और सूरज कि आवाज थी जो सिसकारियां लेते बात कर रहे थे फिर अधीरा समझ गई कि अंदर क्या चल रहा है उसने जानबूझकर बोली " जिया तुम अंदर हो ..????अंदर कमरे में जिया फर्श पर लेटी थी और सूरज उसके ऊपर था जिया के पीछे हिस्से के कपड़े थे लेकिन ऊपर के ब्रेस्ट खुले हुए थे ब्रा ऊपर चढ़ा हुआ था वैसे ही सूरज के पीठ हिस्सा में कपड़ा था और सीना खुली हुई थी और सूरज उसके खुले कर्व को अपने हाथों से मसल रहा था!! सूरज और जिया के जींस दोनों के घुटनों तक अटके थे और सूरज का हार्डनेस जिया के सॉफ्टनेस में समाया हुआ गोते खा रहा था सूरज बघी में संवार होकर शॉट पर शॉट लगा रहा था...अधीरा के बोलने पर जिया बोली " बस थोड़ी देर बाद आती हुं , फिर जिया सूरज को बोली" जल्दी करो वरना और कोई आ जाएगा तो मुसीबत होगी..!!सूरज मुस्कुरा कर छेड़ते हुए कहा " आने दो गाड़ी तो अपनी रफ़्तार से ही चलेगी जब तक मंजिल नहीं आती वो जोर जोर से धक्का देने लगा..!!अधीरा बोली" ठीक है मैं प्रिसपल सर से कंप्लेंट करने जा रही हुं तुम दोनों कि तुम दोनों कॉलेज परिसर में ग़लत काम कर रहे हो ...जिया डर गई और बोली " अधीरा ने सच में सर को बता दिया तो ...सूरज अपने मस्ती में था धक्का लगाते हुए वो बोला " तुम टेंशन मत लो अधीरा किसी से कुछ नहीं बोलेगी तुम इस वक्त मज़े लो यार ...अधीरा नीचे आई तो लाइब्रेरी खुल गई थी वो वहां अपने मनपसंद बुक निकल कर पढ़ने लगी !!शेष अगले भाग में...कहानी पसंद आई तो कमेंट करे तभी तो समझ आता है कि पाठक पढ़ रहे हैं जय श्री कृष्णना 🙏