Sath Sath - 2 in Hindi Love Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | साथ साथ - 2

Featured Books
  • ખજાનો - 40

    " નુમ્બાસા મુંબાસા શહેરનો કુખ્યાત લૂંટારો છે. છળકપટથી તેણે મ...

  • આપા રતા ભગત

    આપા રતા ભગતમોલડી ગામમાં નળીયા ચારવા આવેલ કુંભાર ભગતના નિંભાડ...

  • ભાગવત રહસ્ય - 72

    ભાગવત રહસ્ય-૭૨   શમીકઋષિના પુત્ર-શૃંગીને ખબર પડી કે –પોતાના...

  • ઈશ્વરીય શક્તિ - ભાગ 2

    ઈસ્વરીય શક્તિજય માતાજી આપણે આજે વાત કરવી છે ઈસ્વરીય શક્તિ ની...

  • ડિજિટલ અરેસ્ટ

    સાયબર માફિયાઓનો નવો કિમીયો : ડિજિટલ અરેસ્ટડિજિટલ અરેસ્ટ : ઓન...

Categories
Share

साथ साथ - 2

और सन्डे को कुलदीप सिटी गार्डन पहुंच गया और इवाना का इन तजार करने लगा।
सॉरी,"इवाना काफी देर बाद आई थी।कुलदीप से माफी मांगते हुए बोली,"देर हो गयी
"नो मेंशन
इवाना ने लाल स्कर्ट और काली शर्त पहनी थी।कुलदीप बोला,"इन कपड़ो में तुम बहुत सुंदर लग रही हो
मुझे बना रहे हो
क्या मैं ऐसी गुस्ताखी कर सकता हूँ?
और इवाना ,कुलदीप को हर सन्डे को कही ने कही घुमाने के लिए ले जाने लगी।किसी सन्डे को जब वे कही नही जाते थे।तब सिटी गार्डन में आकर बैठ जाते और घण्टो बैठकर बाते करते।एक दिन कुलदीप बोला
मुझे किराये पर कमरा चाहिए
क्यो
मैं जिस मकान में रह रहा हूँ।उस मकान मालिक ने मकान बेच दिया है
"तो क्या हुआ,"इवाना बोली,"तुम्हे तो किराया देना है।तुम नए मकान मालिक को किराया दे देना
"नही।वह मकान खाली करने के लिए कह रहा है
"अगर तुम्हें एतराज न हो तो मेरे पास आकर रह लो
"तुम्हारे पास कहाँ
"मेरे घर मे और कहां
"तुम्हारे घर मे"कुलदीप बोला,"तुम्हारे घर वाले एतराज करेंगे
"मेरे घर मे एतराज करने वाला कोई नही है
"क्या मतलब
"मैं अकेली हूँ
"पहले तो तुंमने बताया नही
"यह बात आज चली है।तो आज ही बताऊंगी
"तुम खाना कहाँ खाती हो
"खुद बनाती हूँ
"तो मुझे भी तुम्हारे हाथ का खाने को मिलेगा
"क्यो नही।जब अपने लिए बनाती हूँ तो तुम्हे क्यो नही खिलाऊंगी
"लेकिन मेरी एक शर्त है
"मैं तुम्हारे घर मे रहने के लिए तैयार हूँ लेकिन तुम्हे मुझसे पैसे लेने होंगे
"क्या ऐसा करना जरूरी है
"ऐसा करोगी तभी मैं रहूंगा
ठीक है
और कुलदीप ,इवाना के घर मे पेइंग गेस्ट बनकर रहने लगा।इवाना दस बजे जाती औऱ रात को 8 बजे बाद लौटती थी।कुलदीप जाता तो दस बजे लेकिन कॉलेज कॉलेज से 5 बजे ही लौट आता थ।
पहले दिन जब इवाना लौटी तो कुलदीप बोला
भूख लगी है
अभी बनाती हूँ
इवाना फ्रेश होकर किचन में गयी तो देखा खाना बना रखा है
यह किसने बनाया
मैने।भारतिय भोजन
तुम्हे बनाना आता है
खाकर बताना कैसा बना
कुलदीप और इवाना ने साथ बैठकर खाना खाया था।इवाना को उसका बनाया खाना अच्छा लगा था।
"खाना तो तुम अच्छा बना लेते हो
"लेकिन शाकाहारी ही
"मैं भी ऐसा ही खाना पसंद करती हूँ
और इवाना व कुलदीप साथ रहते हुए मिल जुलकर घर का काम करने लगे।शाम का खाना कुलदीप बनाता था।सन्डे को अक्सर दोनों घूमने जाते और खाना बाहर ही खाते थे।
समय गुजरने के साथ वे एक दूसरे के करीब आने लगे।और वेलेंटाइन डे के दिन वे सिटी गार्डन गए थे।कुलदीप उसे लाल गुलाब देते हुए बोला
मुझे तुम से प्यार हो गया है
"सच,"इवाना खुश होते हुए बोली,"मुझे भी
"मैं अपने प्यार को स्थायित्व देना चाहता हूँ
मतलब
मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ।तुम्हे अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ
शादी क्यो
"शादी के बाद हम प्यार कर सकते हैं।हमारा शारीरिक मिलन हो सकता है।हमारे बच्चे हो सकते हैं
"मुझसे प्यार करने।मेरे साथ जिस्मानी रिश्ते बनाने।बच्चे पैदा करने के लिए शादी जरूरी नही।यह सब बिना शादी के भी हो सकता है
"यह तुम्हारे यहाँ होता है।हमारे यहां शादी के बाद
"मैं तुम्हे चाहती हूँ।प्यार करती हूं लेकिन शादी नही कर सकती
"क्यो?"
"तुम भारत के रहने वाले हो।शादी के बाद औरत को ससुराल जाना पड़ता है।तुमसे शादी कर लुंगी तो मुझे भारत जाना पड़ेगा।जबकि मैं अपना देश छोड़कर जाना नही चाहती
"मत छोड़ना
फिर
मैं तुम्हारे पास बस जाऊंगा
सच
तुम कितने अच्छे हो
और कुलदीप ने इवाना से शादी कर ली थी।दोनों एक दूसरे को बहुत चाहते थे।प्यार करते थे
"मैं तुम्हे छोड़कर कही नही जाऊंगा,"पत्नी की बात सुनकर कुलदीप बोला,"जिएंगे तो साथ।मरेंगे तो साथ
"