Ardhangini - 63 in Hindi Love Stories by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार books and stories PDF | अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 63

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अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 63

ट्रेन के गुजरने के बाद मै रोते हुये थोड़ी देर वहीं पटरियो के पास खड़ी रही और सोचती रही कि "मै आज कितनी बड़ी गलती करने जा रही थी, मै इतनी सेल्फिश कैसे हो गयी कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले मैने अपने मम्मी पापा और बाकी सब लोगो के बारे मे नही सोचा..." थोड़ी देर बाद रेल्वे ट्रैक के आसपास पड़ी चुभने वाली रोड़ियो से होते हुये मै वहां से दूर आ गयी, वहां से दूर आकर मैने एक नल देखा... मुझे बहुत जोर से प्यास लग रही थी, मेरी सिर भारी हो रहा था... उस नल को देख कर मै उसके पास गयी और थोड़ा पानी पिया... पानी पीने के बाद मेरे दिमाग ने काम करना शुरू किया फिर मेरे दिमाग मे आया कि मै अपने फोन से टैक्सी बुक कर लेती हूं.... फिर मैने टैक्सी बुक करी और घर चली गयी, मैने घर पंहुचकर जब गेट खटखटाया तो गेट मम्मी ने खोला.... पिछले कुछ घंटो मे मेरे साथ जो कुछ भी हुआ था उसकी वजह से मै बिल्कुल टूट गयी थी, मेरे कपड़े भी गंदे हो चुके थे... मै पसीने से भीगी हुयी थी, इतनी तेज धूप मे नंगे पैर चलने की वजह मेरे पैर जगह जगह से कट गये थे, मेरे पैर सूज गये थे... मेरे से चलते भी नही बन रहा था... मम्मी ने जब गेट खोला तो मुझे इस हालत मे देखकर वो घबरा गयीं, मम्मी को देखकर मै अपने घुटनो पर बदहवास सी होकर गिर पड़ी और रोते हुये मैने मम्मी से कहा- मम्मी उन लोगो ने मुझे बेघर कर दिया, बहुत गंदे गंदे लांछन लगा कर उन्होने मुझे धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया मम्मी... मम्मी अब मै क्या करूंगी मम्मी... मम्मी क्या मै आप लोगो के साथ रह सकती हूं....

मेरे इस तरह से रोते हुये ये बात कहने पर मम्मी ने जोर से आवाज लगाकर पापा को बुलाया और भागती हुयी मेरे पास आयीं और मुझे दुलारते हुये अपने सीने से लगा लिया और रोते हुये बोलीं- ये क्या कह रही है तू!! उन लोगो ने तुझ पर इतना अत्याचार किया और तूने एक फोन तक नही किया...

मै रोते हुये बोली- मम्मी उन लोगो ने मुझे चप्पल पहनने तक का टाइम नही दिया... एक रुपया भी मेरे हाथ मे नही था, मै टैक्सी बुक करके आयी हूं जैसे तैसे..

इसके बाद मम्मी ने जल्दी से टैक्सी वाले का पैसा दिया और उसके बाद पापा मम्मी मुझे सहारा देकर घर के अंदर ले गये.... फिर जब मैने आज हुयी सारी घटना उन लोगो को बतायी तो पापा गुस्से से बोले- उन लोगो की हिम्मत कैसे हुयी मेरी बच्ची के साथ ऐसा सुलूक करने की... अब मै बताता हूं उन्हे कि उनकी इस हरकत का कितना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा उन्हे...

इसके बाद पापा ने राजेश भइया और सुनील भइया को कॉल करके घर बुला लिया वो लोग भी मेरी हालत देखकर गुस्से से बौखला गये लेकिन मैने ही सबको समझाया कि रहने दीजिये... वो लोग इस लायक नही हैं कि उनके मुंह लगा जाये, अब हम उनसे कोई वासता नही रखेंगे....

मेरे समझाने पर मेरे घरवाले तो मान गये लेकिन रोहित ने अपनी बत्तमीजी जारी रखी और वो उस दिन के दो तीन दिन बाद से मुझे परेशान करने लगा, मुझे दिन भर फोन करता था... वॉट्सएप पर मैसेज करके मिलने के लिये बुलाता था, मै ना तो उसका फोन रिसीव करती थी और ना ही मैसेज का जवाब देती थी.... फिर एक दिन घर के पास तक मै सब्जी लेने गयी थी वहां मै सब्जी ले रही थी तो मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे पास आया... इससे पहले कि मै कुछ समझ पाती कोई मेरे कानो के बिलकुल पास आया और बोला - बात क्यो नही करती है.... 
मै डर गयी और पलट कर देखा तो वो शख्स जो मेरे पास आया था वो रोहित था, मै रोहित को देखकर बहुत घबरा गयी और बिना सब्जी लिये ही वहां से भागते हुये घर आ गयी... उसके बाद मैने राजेश भइया को फोन करके सारी बात बतायी कि रोहित कैसे मुझे तंग कर रहा है,राजेश भइया रोहित और उसके घरवालो को लेकर उस दिन से ही गुस्से से भरे बैठे थे जब से उन्होने मुझे घर से निकाला था... और मेरी बात सुनने के बाद तो उनका गुस्सा सातवे आसमान पर पंहुच गया और वो शाम को सीधे हमारे घर चले आये.... उनके घर आने के बाद मैने रोहित के सारे मैसेज उनको दिखाये कि देखिये ये कैसे मुझे मिलने के लिये परेशान कर रहा है, मै बात नही बढ़ाना चाहती थी इसलिये चुप थी... लेकिन अब हद पार हो रही थी.... 

मुझसे सारी बाते सुनने के बाद राजेश भइया ने किसी को फोन किया और मुझे लेकर पुलिस स्टेशन चले गये और वहां जाकर हमने रोहित के खिलाफ एफआईआर करवा दी.... चूंकि राजेश भइया ने हमारे एरिया के एमएलए को फोन किया था इसलिये उन एमएलए ने पुलिस स्टेशन मे फोन करके तुरंत कार्यवाही करने की बात कही थी... जिसकी वजह से पुलिस वाले तुरंत ऐक्शन मे आये और रोहित को रात मे ही अरेस्ट कर लिया.... 

रोहित के अरेस्ट होने के बाद अगले दिन उसकी मम्मी और अंकिता रोते हुये हमारे घर आये और गिड़गिड़ाते हुये बोले- मैत्री बेटा ऐसी भी क्या बात थी जो तुमने इतना बड़ा ऐक्शन ले लिया, एक बार हमे बताना तो चाहिये था हम सुधारते रोहित को..

उनकी बात सुनकर पापा बोले- आप किस मिट्टी की बनी हैं.... उस दिन जब मेरी बेटी ने रोहित की शिकायत आपसे करी थी तब तो आपने मेरी बेटी के साथ जानवरो जैसा सुलूक करके उसे खाली हाथ और नंगे पैर घर से बाहर मरने के लिये छोड़ दिया था और आज जब आपको समझ आया कि आपके खिलाफ भी ऐक्शन हो सकता है तब आप उस बत्तमीज रोहित को सुधारने की बात कर रही हैं... मैत्री के साथ इतना बुरा करने के बाद आपकी हिम्मत कैसे हो गयी हमारे सामने आने की, चली जाइये यहां से अब रोहित जेल मे ही सड़ेगा... इसी लायक हो आप लोग, हमने अपनी बेटी रवि के साथ ब्याही थी... बेची नही थी.. जो आपने उसके साथ ऐसा सुलूक किया... 

पापा का इतना सख्त रुख देखने के बाद रोहित की मम्मी बोलीं- भाईसाहब ऐसा मत करिये, म... मै मैत्री का सारा सामान अपने साथ लायी हूं... आप वो ले लीजिये पर रोहित के खिलाफ जो शिकायत आपने की है उसे वापस ले लीजिये.... 

ऐसा कहकर उन्होने अंकिता की तरफ इशारा किया और उसके बाद अंकिता बड़ी सी दो अटैचिया अपनी कार से निकालकर ले आयी जिसमे मेरी सारी साड़िया जो शादी के बाद रवि की दोनो बहनो ने ली थीं वो थी... और मेरे सारे गहने थे जो रवि से शादी के बाद मैने उस दिन देखे थे जो रवि की बहनो ने ले लिये थे.... 

वो सारी चीजे देखकर पापा ने कहा- ये सब मत दिखाइये... जब मेरी बेटी के दिन थे ये सब पहनने के तब तो आप लोगो ने उससे ये सब छीन लिया और आज दे रही हैं ताकि आपके नालायक बेटे के खिलाफ की गयी शिकायत हम वापस ले लें.... जो कभी नही होगा.... 

जब पापा रोहित की मम्मी से ये बात कर रहे थे तब मैने अंदर जाकर राजेश भइया को कॉल कर दिया.... इत्तेफाक से राजेश भइया और नेहा भाभी हमारे यहां आने के लिये ही घर से निकलने वाले थे... लेकिन जब मैने रोहित की मम्मी के आने की खबर दी तो उनके साथ सुनील भइया और सुरभि भाभी भी घर आ गये.... घर आते ही राजेश भइया ने रोहित की मम्मी से कहा- देखिये आंटी जी अब ये सब करने का कोई फायदा नही है... अब बहुत देर हो चुकी है, आपको मेरी बहन के साथ गलत व्यवहार करने से पहले ये सब सोचना चाहिये था... आपने क्या सोचा था कि मैत्री के आगे पीछे कोई नही है, वो लावारिस है, सड़कछाप है जो उसके ऊपर आप लोगो ने इतने अत्याचार किये... वो तो हमे मैत्री ने पहले कुछ बताया नही क्योकि वो संस्कारी है, रिश्तो को निभाने वाली है अगर वो पहले बता देती ना कि आप लोगो का ऐसा रवय्या है उसके साथ  तो हम खुद ही उसे अपने साथ ले आते और आंटी जी हमारा परिवार आपके परिवार जैसा नही है... हमारे घर मे बुजुर्गो की बहुत इज्जत होती है और इसी इज्जत के चलते मै आपसे हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं आप लोग प्लीज यहां से चले जाइये... इससे पहले कि मै अपनी मर्यादा भूलूं और आप लोगो को भी वैसे ही धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दूं जैसे आप लोगो ने मेरी मासूम सी बहन को निकाला था.. आप लोग यहां से चले जाओ..... 

रोहित की मम्मी ने जब देखा कि ये सारे लोग एक हो गये हैं और किसी भी कीमत पर नही मानेंगे... तब उन्होने अपने बैग मे रखी मेरी और रवि की शादी की फोटो निकाली और मुझे दिखाकर रोते हुये बोलीं- मैत्री बेटा देख रवि को देख... ये मेरा ही बेटा था जिसके साथ तूने सात फेरे लिये थे, तुम्हे रवि की कसम... प्लीज मेरी बात मान लो और एक आखरी मौका दे दो, रोहित अब कभी कोई बत्तमीजी नही करेगा.... मै जुबान दे रही हूं..... 

मै पहले से ही दुखी थी.... रवि की फोटो देखकर मुझे रोना आ गया और सुबकते हुये मैने राजेश भइया से कहा- भइया इन्हे आखरी मौका दे दीजिये... 

मेरी बात सुनकर राजेश भइया मुझसे बोले- लेकिन मैत्री बेटा.... 

इससे पहले की भइया कुछ कह पाते मैने कहा- हम इनके जैसे नही हैं भइया, हमे रिश्तो की मान मर्यादा निभाना आता है और इन्होने मेरे दिवंगत पति की कसम दी है.... मै उस कसम का मान रखुंगी.... मै अपने पति का मान रखुंगी.... भइया आप केस वापस ले लो.... 

इतना कहकर रोते हुये मै घर के अंदर आ गयी... और मेरे पीछे पीछे दोनो भाभियां भी घर के अंदर आ गयीं.... 

क्रमशः