Roohaniyat - 4 in Hindi Love Stories by Shweta pandey books and stories PDF | रूहानियत - भाग 4

Featured Books
Categories
Share

रूहानियत - भाग 4

Chapter -4

पहली मुलाकात

#Scene_1 

#Next_Day.... 

एक कॉन्सर्ट हॉल होता है जहां नील अपने गाने की प्रैक्टिस कर रहा होता है ....,हॉल में कोई नहीं होता क्योंकि नील ने सारा हॉल खाली करवा दिया था ...., 

समीर हॉल में इंटर करता है....,पूरे हॉल में अंधेरा था,"इस लड़के को डार्कनेस क्यों पसन्द है, मुझे समझ नहीं आता...,मेरी यहाँ फटी पड़ी है...,कुछ दिख भी नहीं रहा ....(सैमी अपने फोन का टॉर्च ऑन करता है....)"नील" । 

नील कुछ रिप्लाई नहीं करता, समीर फिरसे,"नील सुन ना यार....,वो काम तेरे बिना नहीं हो सकता...."।

नील म्यूजिक स्टॉप करता है और अपनी eyes ओपन करता है," छोटे मोटे काम के लिए भी मैं जाने लगा तो बाकीयो की क्या जरूरत है..."।

समीर उसके पास आते हुए,"लेकिन यार...(cutted in mid)नील सैम से,"मुझे इसमें इन्वॉल्व नहीं होना..."। 

समीर नील को शांत करते हुए,"ओके,ओके लेकिन घर तो चल.."। 

नील :-"मुझे काम है...." समीर नील से,"फिर से ....,ये बहाने है ना तेरे घर ना जाने के सब समझता हूं ...." 

नील समीर की तरफ बिना देखे,"सैमी🤨...."

समीर मुँह बनाते हुए,"हा समझ गया जा रहा हूं 😒...."।

समीर वहाँ से चला जाता है, फिर नील भी फ्रेश होने के लिए उसी जगह के रेस्ट रूम में जाता है...,


#other_Side

#हॉस्पिटल... 


चाहत हॉस्पिटल से अपनी ड्यूटी पूरी करके निकलर अपने कोचिंग क्लास की तरफ जा रही होती है...,अचानक उसका फोन रिंग करता है..., 

चाहत कॉल पिक करती है,"हैलो...."। 

लड़की,"मैम सर ने आपको वापस हॉस्पिटल बुलाया है एक इमरजेंसी है..." 

चाहत :-"ओके I'm coming"(चाहत अपने एक स्टूडेंट को कॉल करती है और सारे को आज के क्लास के लिए मना करने को कहती है...,फिर हॉस्पिटल की तरफ जाने के लिए टर्न करती हैं...) 

चाहत जैसे ही टर्न करती है 😐 सामने वही सारे गुंडे खड़े थे जिनकी चाहत ने पिटाई की थी,"तुम..,तुम लोग?..."।

गुंडे चाहत को देखकर एक एविल स्माइल के साथ,"हा मैडम जी हम लोग....,क्यों डर गई?...."

चाहत थोड़ा डरते हुए क्योंकि रास्ता सुनसान था और वो वहाँ अकेली थी,"तुम लोग ये क्या कर रहे ....,क्या..,क्या चाहिए तुम लोगों को ...,उस ....,उस दिन की मार याद नहीं ....."।

गुंडे एविल स्माइल करते हुए चाहत को देखते है,"याद है 😈, उसी के लिए तो आए हैं....,क्या है ना हम थोड़े धिट किस्म के हैं....,हम इतने आसानी से नहीं मानते..."( और चाहत की तरफ बढ़ने लगते है....) 

चाहत एक एक कदम पीछे लेते हुए,"उसी के लिए आये हो मतलब?...,मैं ...,मैं डरती थोड़े हू ....,चिल्लाकर सबको बुला लुंगी .....,उस दिन से ज्यादा पिटाई होगी तुम्हारी ...."।

गुंडे आगे बढ़ते हुए और अपने चीन को पकड़कर,"वो तुम्हारा इलाका था मैडम ये हमारा इलाका है चिल्लाओ कौन आता है देखते है 😈...,बहुत समझाया था हट जाओ हमारे रास्ते से लेकिन नहीं मानी तुम .😈...,अब तो हम नहीं मानेंगे...."।

चाहत उन सब से," देखो ये गलत बात है....,मैंने अकेले तो नहीं मारा था ना? सब थे....,और ऊपर से खुद को देखो और मुझे देखो ये तो नाइंसाफी है...."(चाहत बोलते बोलते धीरे-धीरे पीछे हो रही थी...,अचानक उसके सामने एक बाइक होती है वो उसे उन गुंडो के आगे पुश करती है और भागती है वहां से....) 

गुंडो में से कुछ गिर जाते और उनमें से एक," ओए पकड उसे..."।

और सारे उसके पीछे भागते हैं...,चाहत को भागते हुए सामने एक जगह दिखती है और वो वही चली जाती है..., 

चाहत अंदर जाकर चारो तरफ देखती है,"ओह नो, यहाँ तो बहुत अंधेरा है...,वापस जाउंगी तो वो गुंडे पकड़ेंगे...,क्या करु कुछ दिख भी नहीं रहा...,आइडिया(फोन का टॉर्च ऑन करती है और अंदर जाने लगती है तभी उसे आवाज आती है...) 

गुंडा बाकी गुंडो से,"एएए वो अंदर गई है....,चलो..."। 

चाहत ये सुनकर," ओह नो.....,गॉड प्लीज हेल्प मी, इतनी जल्दी नहीं मरना मुझे..."।

सामने बहोत सारे रूम दिखते है वही जाती है और वो उनमे से एक रूम में जाकर रूम को अंदर से लॉक कर देती है, और डोर के पास ही छुप जाती है...) 

नील को कुछ आवाज आती है....,वॉशरूम से बाहर आता है...,रूम में अब भी अंधेरा था....,नील को किसी की परछाई दिखती है....,जी सही पहचाने चाहत नील के रूम में आ गई थी

नील गुस्से और शरद आवाज़ में,"कौन है? 😡......"।

चाहत जैसे ही आवाज सुनती है हड़बड़ा जाती है और उसके हाथ से फोन गिर जाता,"आअहह मेरा फोन.."।

नील को पता चल गया था कोई लड़की है नील बेहद गुस्से में,"अभी के अभी निकलो यहाँ से..."। 

चाहत और नील दोनों एक दूसरे को देख नहीं पा रहे थे चाहत धीरे से," ssshhhssss...., प्लीज आप कुछ देर के लिए चुप रहिए और कुछ देर मुझे यहां रहने दीजिए...." (आगे कुछ बोलती) 

नील गुस्से में आगे बढ़ते हुए," मुझे तुम्हारी कोई बकवास नहीं सुन्नी निकलो अभी 😡.."(नील चाहत के पास जाने लगता है उसे बाहर निकालने के लिए ....😁,नील को तो आदत थी अँधेरे में चलने - फिरने की तो वो आसानी से चल रहा था .....)

चाहत नील को समझाते हुए धीरे से,"please try to understand,मेरे पीछे कुछ गुंडे पड़े हैं...,मैं थोड़े देर बाद खुद चली जाऊंगी..."(तभी कुछ क्रैश होने की आवाज आती है,चाहत को समझने में देर नही लगती की ये उसका फोन ही होगा) "😰मेरा फोन..."( 😂नील ने चाहत के फोन पर पैर रख दिया था....) 

नील रुकता है और नीचे देखता है और फोन उठाता है...,फोन पूरा टूट गया था...) 

चाहत रोने जैसे,"हाहाहा😰,अपने मेरा फोन तोड़ दिया......" 

नील :-"it's a mistake....,जानबुझ कर नहीं किया....,anyways new दिला दूंगा...."।

चाहत अंदाज़े पे नील के हाथ से फोन लेती,"नो थैंक्स 😕....,मैं अजनबियों से कुछ नही लेती"।

नील चाहत की ये बात सुनकर अपने भौहे चढ़ाते हुए,"ओह अच्छा लेकिन अजनबियों के  रूम में जबरदस्ती घुस कर अंदर से लॉक करती हो...,क्यू?...

चाहत एकदम से,"बिल्कुल नहीं ....,वो तो मेरी मज़बूरी थी इसलिए ...."। 

नील गुस्से में,"get lost....,अभी इसी वक्त😡......"।

चाहत नील के थोड़ा पास जाकर अंदाजे पर उसका हाथ पकड़कर,"प्लीज प्लीज प्लीज ....,बस कुछ देर...."( तभी गुंडे उसके रूम के आस पास आते है....,चाहत को परछाई दिखती उनकी...नील चाहत का हाथ झटकता और कुछ बोलता...तभी चाहत जल्दी से नील के mouth पर हैंड रख देती है और इशारे में चुप रहने कहती है धीरे से,"शशश, प्लीज"।

नील को 😡इतना आता है चाहत के ऐसे करने से,अचानक हवा से नील के पीछे के खिड़की के पर्दे उड़ रहे थे, जिससे हल्की सी रोशनी बार बार आ जा रही थी......"

चाहत का ध्यान बहार की तरफ था नील को चाहत का चेहरा दिखता है ♥️ & suddenly वो थम सा जाता है और मन में," ये तो वही है"नील चाहत को अपने इतने करीब देखकर नील की दिल की धड़कन अचानक तेज हो जाती है ♥️ ..,नील चाहत के हाथ को देखता है जो उसके हाथ पर था और एक जो उसके मुँह पर ♥️......) 

*****आज दिन चढ़ेया

तेरे रंग वरगा 

आज दिन चढेया

तेरे रंग वरगा 

फुल सा है खिला आज दिन*****


नील को अपनी दिल की धड़कन महसूस♥️हो रही थी ....,वो बिल्कुल हैरान था ......,की ऐसा क्यू ?....,चाहत जैसे ही नील की तरफ देखती है.....,नील स्टेप बैक ले लेता है ..., जैसे वो नही चाहता कि चाहत उसे देखे"।

चाहत अपने हाथ से इधर उधर नील को ढूंढने लगती है,"अरे"

****रब्बा मेरे दिन ये ना ढले

 वो जो मुझे ख्वाब में मिला 

तू लगादे अब गले 

तेनु दिल दा वास्ता**** 


नील अपने कदम पीछे लेते जा रहा था...,उसे चाहत अब भी दिख रही थी....,लेकिन पता नहीं क्यों वो सामने नहीं आ रहा था...,उसका दिल उसे सामने आने ही नहीं देना चाहता था.., 

नील दूसरी तरफ फेस कर लेता है उसकी तरफ देखे बिना,"please leave" 

चाहत नील से," लेकिन मैं आपको थैंक्स कहना चाहती हूं....,आपने मेरी इतनी बड़ी हेल्प जो की 😊...,थैंक्यू सो मच 😊" 

नील चाहत से," मैं भी एक अजनबी हूं....,उन गुंडो की तरह मुझपर भी यकीन करना सही नहीं तुम्हारे लिए...."। 

चाहत नील से," नो.....,आप उन जैसे नहीं है .....,ये मैं जानती हूं 😊..."। 

नील चाहत की तरफ देखता है अब भी उसका फेस रोशनी में कभी दिख रहा था कभी छुप रहा था,

नील चाहत से,"मुझे देखे और जाने बिना ये कह रही हो?....,इस यकीन की वजह?...."।

चाहत नील से,"देखिये हम लड़कियों में एक क्वालिटी होती है .....,सिक्स सेंस ,....जिससे हमें इतना तो पता चलता ही है .....,और मेरी सिक्स सेंस ये कह रही है कि एपी बहुत अच्छे इंसान है 😊"।

नील चाहत की बात सुनकर," Wrong😡....,wrong कहती है तुम्हारी सिक्स सेंस...." (थोड़ी गुस्से भरी आवाज)" मैं बहुत बुरा इंसान हूं ...." (चाहत की तरफ आते हुए) इतना बुरा की तुम्हें उन गुंडो से ज्यादा मुझसे डरना चाहिए 👿......"। 

चाहत :-'आप...,आप  जानबूझकर कर डरा रहे है ना मुझे ताकी मैं यहां से चली जाऊ😥...,लेकिन मैं भी चाहत भारद्वाज हूं और चाहत किसी से नहीं डरती 😕...."।

नील तब भी नहीं रुकता....)

चाहत नील को ऐसे पास आते देख,"ओके जा रही हूं ....,स्टॉप😣" ....(और जल्दी से Vवहां से भागती है ....,बाहर जाकर) "कितना अजीब इंसान है ....,पहले हेल्प करता है फिर खुद को ही गलती साबित करता रहा हो है 😕...,ऊपर से अँधेरा करके रखा था, रूम में अंधेरा कर रखा था लाइक कही का डेविल हो हुह....,वैसे अच्छा हुआ फेस नहीं दिखा....होगा बिहेवियर कि तरह ही डवना भूत 😕..।

To be continued....

~Shweta Pandey

क्यों नील चाहत के सामने नही आना चाहता ?

क्या लेगी अनजाम इन दोनों की कहानी आगे ?

जानने के लिए बने रहे हमारे साथ और कृपया ज्यादा से ज्यादा कमेंट करके बताए स्टोरी कैसी लग रही है ।

धन्यवाद।