एक सुनसान महल का रहस्य
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एक सुनसान घर का रहस्य......
(छोटी सी भूमिका कि प्रस्तावना)
एक बार की बात है, एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव के किनारे एक बहुत बड़ा, पुराना और सुनसान घर था। लोग कहते थे कि उस घर में भूत रहते हैं।
एक दिन, दो दोस्त, राहुल और शीला, उस घर को देखने गए। वे बहुत डर रहे थे, लेकिन जिज्ञासा उन्हें खींच रही थी। उन्होंने घर का दरवाज़ा धीरे से खोला और अंदर गए।
घर के अंदर अंधेरा छाया हुआ था। धूल की एक मोटी परत हर जगह फैली हुई थी। वे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। तभी उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी। यह एक लड़की की आवाज़ थी, जो रो रही थी।
वे उस आवाज़ की ओर बढ़े। उन्हें एक कमरे में एक लड़की मिली। वह बहुत डरी हुई थी। लड़की ने बताया कि वह इस घर में अकेली रहती है और एक भूत उसे डराता है।
राहुल और शीला ने लड़की को समझाया कि डरना नहीं चाहिए। उन्होंने लड़की को अपने साथ घर ले जाने का फैसला किया।
जब वे घर से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि वह भूत एक पेड़ के पीछे छिपा हुआ था। यह एक बूढ़ा आदमी था। उसने बताया कि वह इस घर का मालिक था और वह अपनी बेटी को ढूंढ रहा था।
राहुल और शीला ने बूढ़े आदमी को लड़की से मिलाया। बूढ़ा आदमी बहुत खुश हुआ और उसने राहुल और शीला को धन्यवाद दिया।
उस दिन के बाद, उस सुनसान घर में फिर कभी कोई नहीं गया।
कहानी भाग -१
शहर के बाहरी इलाके में एक विशाल, पुराना और काफ़ी विशाल महल था। इस महल के बारे में कई किंवदन्तियां प्रचलित थीं। कहा जाता था कि इस महल में एक खज़ाना छिपा हुआ है, और जो भी उस खजाने को ढूंढने की कोशिश करता है, उसकी जान चली जाती है।
एक दिन, दो युवक, राहुल और शीला, उस महल को देखने गए। वे बहुत उत्सुक थे कि इस महल में आखिर क्या है। उन्होंने महल का मुख्य द्वार धीरे से खोला और अंदर घुस गए।
अन्दर का नज़ारा अद्भुत था। विशाल हॉल, ऊंची छतें, और चारों ओर सोने-चांदी के बर्तन। लेकिन साथ ही, एक अजीब सी ठंडक भी महसूस हो रही थी।
वे आगे बढ़े और एक कमरे में पहुंचे। उस कमरे में एक बड़ा सा ताबूत था। ताबूत के ऊपर एक चाबी रखी हुई थी। राहुल ने चाबी उठाई और ताबूत को खोला।
ताबूत के अंदर एक पुस्तक थी। पुस्तक में ख़ज़ाने के बारे में लिखा हुआ था। पुस्तक के अनुसार, खजाना महल के तहख़ाने में छिपा हुआ था।
राहुल और शीला तहख़ाने में गए। तहख़ाने में बहुत अंधेरा था। उन्होंने अपनी टॉर्च जलाई और आगे बढ़ने लगे। तभी उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी।
यह एक औरत की आवाज थी। वह रो रही थी। वे उस आवाज की ओर बढ़े। उन्हें एक कोने में एक औरत बैठी मिली। वह बहुत डरी हुई थी।
औरत ने बताया कि वह इस महल की रानी थी और एक भूत उसे डराता है। भूत उसे हमेशा इस तहख़ाने में बंद कर देता है।
राहुल और शीला ने औरत को समझाया कि डरना नहीं चाहिए। उन्होंने औरत को अपने साथ घर ले जाने का फैसला किया।
जब वे तहखाने से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि वह भूत एक बड़े से शीशे के सामने खड़ा है। यह एक आदमी था। वह बहुत ही खूबसूरत था, लेकिन उसकी आंखें लाल थीं।
राहुल और शीला ने आदमी से पूछा कि वह कौन है। आदमी ने बताया कि वह इस महल का राजा था और वह हमेशा यहीं रहता है।
राहुल और शीला ने आदमी को समझाया कि उन्हें औरत को बचाना है। आदमी ने कहा कि वह औरत को नहीं जाने देगा।
तभी राहुल को एक विचार आया। उसने आदमी से कहा कि वह उसे एक प्रश्न पूछेगा और अगर वह उसका उत्तर दे देगा तो वह औरत को छोड़ देगा।
आदमी मान गया। राहुल ने आदमी से पूछा, "तुम कौन हो?"
आदमी ने कहा, "मैं इस महल का राजा हूँ।"
राहुल ने कहा, "नहीं, तुम एक भूत हो।"
यह सुनकर आदमी बहुत गुस्सा हो गया। उसने राहुल और शीला पर हमला कर दिया। लेकिन राहुल और शीला ने हिम्मत से उसका सामना किया।
आख़िरकार, उन्होंने आदमी को हरा दिया। आदमी ग़ायब हो गया।
राहुल और शीला ने औरत को अपने साथ घर ले गए। औरत बहुत ख़ुश थी।
अब आगे की कहानी में पढ़िए की वस्तुत वो आदमी कौन था ? महल का और उसका क्या रिश्ता है ?
क्या वो.....