nakl ya akl-77 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | नक़ल या अक्ल - 77

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नक़ल या अक्ल - 77

77

प्लान

 

अब वे लोग बाहर आने लगे तो नन्हें और नंदन जल्दी से वहॉं से निकल गएI उस आदमी ने दिनेश से पूछा, “कोई था, क्या बाहरर?” “नहीं सर मैंने तो किसी को नहीं देखा І” उस आदमी ने गहरी सांस छोड़ी और फिर फैक्ट्री से निकला और फिर अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गया, नंदन ने उसकी गाड़ी का पीछा  करना शुरू कर दियाІ दोनों के मुँह पर हेलमेट लगा हुआ हैІ गाड़ी डासना से होती हुई शास्त्री  नगर जा रही है І वह भी बड़ी सावधानी से उसके पीछे  लगे हुए हैं І नंदन ने उससे पूछा, “तू इसे जानता है?” “बाद में  बात करते हैं І” अब गाड़ी बड़े से घर के बाहर आकर रुक गई І वॉचमन ने उसे सलाम किया  और गेट गोल दिया І गेट खुलते ही गाड़ी अंदर चली गई और दरवाजा  बंद हो गया І निहाल ने कोने में  स्कूटर रोका और अपना हेलमेट उतारते हुए बोला,

 

बेशर्म कहीं का, सरकारी  नौकरी से पेट नहीं भरता जो ऐसे काम कर रहा है І

 

इसका घर देख!! यह घर हराम की कमाई से बनाया गया है І

 

तू सही कह रहा है І

 

पर तू बता, तू इससे जानता  है?

 

यह पेपर मैं चेकिंग ऑफिसर बनकर आया था І इसके बैच पर जगदीश लिखा हुआ था І

 

क्या ?? इस पेपर में या पहले वाले में ?

 

इस पेपर में!!!! उसने मुँह बनाते हुए ज़वाब  दिया І

 

अब क्या करना है ?

 

इस चोर ने ऑफिस में तो कुछ नहीं रखा होगा, ज़रूर इसके घर से कुछ न कुछ मिलेगा І

 

पर अंदर कैसे जायेंगे ? इतने कैमरे है, ऊपर से दरवाजे को खोलने का कोई डिजिटल  कोड है І

 

“कुछ  दिन इसके घर की रेकी करनी पड़ेगीІ” नंदन निहल की बात से सहमत І

 

छत पर चाँद को निहारते हुए निर्मला बिरजू से फ़ोन पर बतिया  रही है, दोनों  भविष्य के सुनहरे सपने बुन रहें हैं І मगर फिर निर्मला उदास होते हुए बोली, “पता नहीं हम एक होंगे भी या नहीं І कल गोपाल वकील  से मिला था, उसने जो कहा उसे सुनकर  निराशा ही हुई І”

 

क्या कहा  उसने?

 

उसने कहा, “आपकी शादीशुदा बहन का पराए मर्द से सम्बन्ध होने के कारण, सुनील का वकील आपकी बहन को चरित्रहीन साबित कर सकता है, ज़ज़ को सुनील से हमदर्दी होगी और केस सुनील के पक्ष में चला जायेगा, तलाक मिलेगा भी तो सुनील की शर्तों पर, उसे पैसे भी देने पड़ सकतें हैं और आपकी बहन की इज़्ज़त ख़राब होगी सो अलग”

 

यह सुनकर बिरजू की गुस्से से त्योरियाँ चढ़ गई, “ उस हरामखोर सुनील को मैं जान से मार दूंगा І”

 

छोड़ो!! भगवान, कोई न कोई रास्ता निकालेंगे І उसने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा І

 

लक्ष्मण  प्रसाद  ने सरला की आत्मा की शांति और  राधा के ठीक होने की ख़ुशी  में  घर में  हवन रखा हुआ है,  कुछ  रिश्तेदारों  और राधा के माता पिता मौजूद हैІ नंदन को वहीं शहर में  छोड़कर, निहाल भी समय से पहुँच  गया हैІ पंडित जी ने हवन शुरू  किया और एक घंटे के इस अनुष्ठान की समाप्ति  के बाद, भोजन  बाँटा  गयाІ राधा और बुआ जी चुस्ती से सबको भोजन  परोस रही हैІ भोज के बाद,  राधा के माता पिता और रिश्तेदार  भी विदा लेकर  चले गए पर लक्ष्मण प्रसाद की बहन और उनकी बुआ, सीमा वही रुकी रहींІ

 

सभी घरवाले एकसाथ बैठे हुए हैं, तभी बुआ जी का लड़का रोनित बोला, “नन्हें भाई, मैंने सुना है, इस दफा भी पेपर लीक हो गया, अब क्या करने का ईरादा हैІ” लक्ष्मण प्रसाद ने सुना तो उन्हें सदमा लगा, उन्होंने एकदम से सीने पर हाथ रख लिया,” राधा जाओ, जाकर पानी लेकर आओІ” सब उनके आसपास  इकट्ठे हो गयेІ “निहाल इन्हें हॉस्पिटल ले जाना होगा,  किशोर ने कहा І नहीं !! मैं  ठीक हूँ, मुझे बीपी  की गोली दे दो І किशोर भागता हुआ कमरे में गया और गोली लेकर  आ गयाІ राधा से पानी का गिलास लेकर, उन्हें गोली खिलाई  गईІ उन्हें अब आराम आया तो वह निहाल को देखकर हताशा से बोले, “तेरी माँ  भी गई  और माँ  जैसी  ज़मीन भीІ” निहाल की आँखों में आँसू  आ गए І “सरला माँ को वापिस नहीं ला सकता मगर अपनी ज़मीन को उस जमींदार से लेकर रहूँगाІ मुझ पर विश्वास रखिये, बापू  जीІ” सबने लक्ष्मण  प्रसाद को होंसला  दिया तो वह थोड़ा संभले І मगर ज़मीन खोने का दर्द उनकी आँखों  में  साफ़ नज़र आ रहा है І अब उनके पास सिर्फ एक छोटा सा ज़मीन का टुकड़ा बचा है, जिस पर खेती करकर घर चल जाये तो वह भी बड़ी बात हैІ

 

सोनाली रिमझिम के पास वापिस शहर चली गईІ अब वह शहर से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हैІ जब पेपर दोबारा होगा तो देखा जायेगा, तब तक खाली बैठने से अच्छा है कि वह फैशन डिजाइनिंग  का कोर्स कर अपना समय व्यतीत कर लेंІ

 

निहाल अपने बापू जी के पास बैठा, उनको तस्सली दे रहा है कि तभी नंदन का फ़ोन आया, “भाई, जल्दी आ जा, तुझे कुछ दिखाना हैІ” वह उन लोगों से विदा लेक वहाँ से निकल गयाІ

 

राजू ट्रेवल की गाड़ी ने उसे नंदन के पास छोड़ाІ निहाल भागता हुआ, उसके पास पहुँचा, “जल्दी  बता, क्या दिखाना हैІ”  कुछ देर रुक,  अभी तुझे एक नज़ारा दिखाता हूँ, दोनों अब उस सड़कके सामने जाती रोड पर एक तरफ खड़े हो गयेІ दस मिनट बाद. उसने देखा कि जगदीश के साथ एक आदमी अंदर से बाहर आ रहा हैІ “अरे!! यह तो मुरलीधर है?” “इसका मतलब यह भी मिला हुआ है?”” पता नहीं, मगर पिछले चार पाँच घंटे से यह अंदर ही है І” “हो सकता है, चुनाव के चक्कर में  मिलने आया होІ” हमें इनसे बात करनी हो होगी, क्या पता यह हमारे काम आ जाये? चल बैठ स्कूटर पर, अब वह नंदन को साथ लेकर उसका पीछा करने लगाІ”  मुरली अपनी मारूति वैन में जाता जा रहा है І उसके साथ एक दो लोग और बैठे हैंІ तभी निहाल ने उसकी गाड़ी के आगे स्कूटर रोक दीІ 

 

“निहाल और नंदन यहाँ?” वह हैरानी से देखता हुआ, गाड़ी से निकला और उनकी तरफ जाने लगाІ निहाल ने भी स्कूटर एक तरफ किया और दोनों उसकी तरफ बढ़ने लगेІ

 

निहाल तुम यहाँ ?

 

आपसे बात करनी है और वो भी अकेले मेंІ वह निहाल का ईशारा समझ गया और उसने वैन में बैठे लोगों को जाने के लिए कह दियाІ 

 

क्या बात करनी है? अब नंदन मुरलीधर को सड़क के एकतरफ ले गयाІ