nakl ya akl-75 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | नक़ल या अक्ल - 75

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नक़ल या अक्ल - 75

75

तलाक

 

निहाल रिमझिम और  नंदन पेपर लीक के  बारे में ही बात कर रहें है,

 

लेकिन मेरी लोमड़ी  हम कैसे अपने और दूसरों के लिए इंसाफ लेंगेІ नंदन ने पूछा৷

 

वही मैं सोच रहा हूँ, तभी सोमश  भागता हुआ आया, उसे हाँफते  देखकर  निहाल ने कहा,

 

“भाई, सांस  तो लें लें।৷”

 

निहाल भाई! मैं राजवीर की बात सुनकर  आ रहा हूँ,

 

क्या मतलब??? अब उसने उसे सारी बात  उन तीनों बता दी ।৷

 

नन्हें ने कुछ सोचते हुए कहा,” चलो !!! राजवीर कुछ तो काम आया, लेकिन इस दिनेश तक कैसे पहुँचेंगे।৷

 

उसका पता या तो राजवीर या बिरजू भाई के पास होगा क्योंकि वो दोनों एक ही बैच के थें और दोनों की बनती भी थी।৷

 

नंदन हमें शहर जाना होगा।৷

 

बस, जो भी करना अपना ख्याल  रखना ।৷ यह रिमझिम  की आवाज़  है।৷

 

कई घंटे के ऑपरेशन की बेहोशी के बाद, जब राधा को होश आया तो उसने ख़ुद को पहले से बेहतर महसूस  किया।৷ डॉक्टर ने उसका चेकअप किया और मुस्कुराते हुए कहा “सिर्फ दस बारह दिन और हॉस्पिटल में  रकना पड़ेगा, फिर आप बिलकुल ठीक होकर जाएगी।৷”

 

डॉक्टर, मेरे गुर्दे ठीक हो गए?

 

ठीक नहीं हुए बल्कि नए लग गए৷

 

मतलब ? अब डॉक्टर ने उसे सारी बात बताई तो उसकी रुलाई फूट पड़ी৷

 

 

 अम्मा जी!!! अब नहीं रही৷

 

नहीं, मगर उन्होंने जो किया है, उसे आज हर देश के नागरिक को करने की ज़रूरत है৷

 

 

 मुझे किसी ने मेरी बीमारी के बारे में बताया क्यों नहीं?

 

“आपकी मनोस्थिति ऐसी नहीं थी कि आप सच सहन कर पाती, अब आप आराम करिये৷” यह कहकर डॉक्टर उसके कमरे से निकल गए, उनके निकलते ही राधा क माँ-बापू  अंदर आये तो राधा उनसे गले लगकर रो पड़ी, “अम्मा किशोर कहाँ है? मुझे भी  उसके पास जाना है৷”

 

“बेटा, दस बारह दिन की बात है, फिर तो घर जाना ही है৷” उसकी माँ  ने उसके गाल पुचकारते  हुए कहा৷

 

रामलाल ने जमींदार  को अपने आदमियों  द्वारा भेजी फोटो और वीडियो दिखाई तो उसका गुस्सा सातवें  आसमान पर पहुँच गया,  “इसका मतलब बिरजू उस निर्मला के साथ है?” पता नहीं,यह लड़का कौन से जन्म का बदला ले रहा है और उस लड़की  को देखो, पति  के होते हुए, गैर मर्द के साथ इश्क फरमा रही है और उसे भी बेशर्म  उसका बाप, जो पूरे  गॉंव  को बता रहा है कि  बेटी मौसी के घर गई  हुई  है৷”

 

अब तो यह खबर  आग की तरह पूरे गॉंव में फैल  गई,  गिरधर और गिरधारी  चौधरी की खूब  लड़ाई हुई  दोनों एक दूसरे पर इल्जाम  लगाते  रहें৷ जमींदार ने  अपने आदमियों  को कह दिया कि “वह शहर जाये  और दोनों  को लेकर आये৷ सोनाली  ने निर्मला को फ़ोन  किया, मगर उसका फोन बंद आ रहा है৷

 

निहाल को भी इसके बारे में  पता चला तो उसने नंदन को कहा कि “गॉंववालो को कुछ  समझाना फिजूल  है, हम शहर  जा रहें हैं”৷ उसने रास्ते में  बिरजू  को फ़ोन  किया तो काफी देर घण्टी  बजने के बाद, उसने फ़ोन उठा लिया৷

 

हेल्लो !!

 

भैया  आप कहाँ है ?

 

मैं  अपनी क्लास  ले रहा था৷ उसने अब गॉंव में उसके और निर्मला को लेकर मचे बवाल  के बारे में  बता दिया, उसके माथे पर बल पड़  गए, “तभी बापू जी सुबह से मुझे फ़ोन कर रहे थे और मैं सगाई के सोचकर फोन नहीं उठा रहा था৷ वह प्रिंसिपल को कुछ ज़रूरी काम का बोलकर घर की तरफ भागा৷

 

निर्मला सब्जी खरीदने घर से बाहर निकली तो उसके सामने कुछ गुंडे जैसे लोग आकर खड़े हो गए, वह उन्हें देखकर घबरा गई  और वहाँ  से वापिस जाने लगी मगर तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ा तो उसने पीछे मुड़कर देखा तो सुनील है৷ सुनील ने ज़ोरदार चाटा उसके मुँह पर दे मारा वह ज़मीन पर गिरती इससे पहले ही बिरजू ने संभाल लिया और सुनील के मुँह  पर चाटों की बरसात कर दी৷ “तेरी हिम्मत कैसे हुई  हाथ उठाने की ৷” अब उसके आदमियों ने बिरजू को पकड़ लिया और उसे मारने लग गए৷ अभी लोग तमाशा देख रहे हैं, मगर कोई मदद नहीं कर रहा৷ निर्मला ने सुनील के पैर पकड़  लिए, “उसे छोड़  दो৷”

 

उसने कहा, छोड़ दो, इसके आशिक को৷फिर निर्मला को बालों से अपने पैरों से उठाता हुआ बोला, “तू तो बहुत तेज़ निकली, अपने इस यार के साथ ऐश मार रही है और वहाँ सबको पागल  बना रखा है৷ चल, तुझे सबक सिखाता  हूँ ৷” वह ज़ोर से चिल्लाई, “बिरजू!” बिरजू को उसके आदमियों ने कसकर पकड़ लिया৷  इससे पहले वो निर्मला को अपनी  गाड़ी में  बिठाता, जमींदार के आदमी आ गए৷

 

 

इन दोनों को जमींदर साहब ने लाने के लिए कहा, इसलिए इन्हें छोड़ दो৷

 

 

तुम अपने इस बन्दे  को ले जाओ, मैं अपनी बीवी को ले जा रहा हूँ৷

 

 

नहीं, उन्होंने दोनों को लाने के लिए कहा है৷ अब दोनों के आदमियों में हाथापाई शुरू हो गई, इस दौरान बिरजू ने खुद को छुड़ाया और सुनील को मारता हुआ निर्मला को अपने साथ लेकर भागा, मगर सुनील के गुंडों ने दोनों को पकड़ लिया और जमींदार के आदमी भी ज़मीन पर धराशायी पड़े हैं৷

 

अब सुनील निर्मला को खींचता हुआ गाड़ी में बिठाने लगा कि तभी किसी ने एक ज़ोरदार लात उसकी पीठ पर मारी और वह दूर जाकर गिरा ৷

 

 

बिरजू ने नंदन और निहाल को देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई৷ अब सुनील के गुंडे निहाल और नंदन पर झपटे तो निहाल ने वहाँ  खड़े एक बच्चे से बेट लिया और लगा गुंडों को मारने৷ नंदन भी पूरी ताकत से गुंडों को मारने में निहाल की मदद करने लगा ৷तभी निहाल भीड़ को देखकर चिल्लाया, “आप कुछ करेंगे या हमेशा की तरह तमाशबीन बने रहेंगे৷”

 

 

तभी वहाँ खड़े लोगों ने उन गुंडों को पत्थर मारने शुरू कर दिए और पुलिस के साइरन के साथ लड़ाई पर विराम लग गया৷

 

 

सभी को पुलिस थाने ले जाया गया, गिरधारी चौधरी और गिरधर भी वहीं पहुँच गए৷ निर्मला ने पुलिस को सारी सच्चाई  बताई  त सुनील ने उसे झूठा करार दिया और कमीशनर से अपनी जान पहचान का रौब दिखाने लगा৷

 

पुलिस वाले ने कहा, “मिस्टर सुनील!! लड़ाई आपने शुरू  की है” अब उसने जमींदार के आदमियों पर इल्जाम लगाना शुरू कर दिया৷”

 

काफी देरी की बहसबाजी के बाद,  इंस्पेक्टर ज़ोर से बोला,  “मिस्टर सुनील वजह चाहे कोई भी हो पर सच तो यह है कि आपकी बीवी आपके साथ नहीं रहना चाहती और आप उनके साथ ज़बरदस्ती नहीं कर सकते इसलिए आज के बाद दोबारा ऐसा कुछ हुआ तो केस बन जायेगा৷”

 

कुछ देर बाद सबको जाने दिया गया,  जमींदार ने सुनील को आँखें दिखाते हुए कहा, “आज के बाद मेरे बेटे के आसपास भी नज़र आया तो तुझे खेतों में खाद बनाकर डाल दूँगा৷” अब उन्होंने बिरजू को चलने का ईशारा किया तो उसने कहा, ”अभी आता हूँ৷” गिरधर भी अपनी  गाड़ी की तरफ जाने लगा ৷

 

सुनील ने निर्मला को रोका तो इसके साथ बिरजू, नंदन और निहाल भी रुक गए৷ “तुम्हें एक शर्त पर तलाक मिलेगा৷” अब सब उसका मुँह देखने लगे ৷